Delhi Air Quality: सात साल में सबसे कम प्रदूषित रही दिल्ली, दिवाली बाद दमघोंटू हवा में सांस लेंगे लोग
Delhi Pollution राजधानी में वायु गुणवत्ता बिगड़ने की आशंका के बीच रविवार यानी छोटी दीवाली पर सात साल में सबसे कम प्रदूषण रहा। दिल्ली ही नहीं एनसीआर के भी सभी शहरों में एयर इंडेक्स 200 से 300 के बीच यानी सिर्फ खराब श्रेणी में ही दर्ज किया गया।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राजधानी में वायु गुणवत्ता बिगड़ने की आशंका के बीच रविवार यानी छोटी दीवाली पर सात साल में सबसे कम प्रदूषण रहा। दिल्ली ही नहीं, एनसीआर के भी सभी शहरों में एयर इंडेक्स 200 से 300 के बीच यानी सिर्फ खराब श्रेणी में ही दर्ज किया गया। इस श्रेणी में यह आठ दिन से लगातार बना हुआ है।
सफर इंडिया की मानें तो सोमवार को दीवाली के दिन एयर इंडेक्स 400 से भी ऊपर पहुंच कर गंभीर श्रेणी में भी पहुंच सकता है।वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने चार दिन पहले ही आशंका जता दी थी कि दीवाली से दो दिन पहले दिल्ली की हवा बहुत खराब श्रेणी में पहुंच जाएगी।
दिवाली से पहले नहीं हुई दमघोंटू हवा
इसी वजह से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) का दूसरा चरण भी लागू कर दिया गया था। इसी तरह शनिवार को जारी किए गए सफर इंडिया के पूर्वानुमान में भी कमोबेश ऐसी ही आशंका जताई गई थी कि दीवाली से पहले ही दिल्ली की हवा दमघोंटू हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
दिल्ली का AQI 259
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी एयर क्वालिटी बुलेटिन के अनुसार रविवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स 259 रिकार्ड किया गया। शनिवार को यह 265 रहा था, 24 घंटे के दौरान इसमें छह अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
रविवार को ऐसी रही हवा की गुणवत्ता
शहर एयर इंडेक्स
दिल्ली 259
फरीदाबाद 200
गाजियाबाद 270
ग्रेटर नोएडा 202
गुरुग्राम 251
नोएडा 230
सात साल में ऐसी रही दीवाली पर प्रदूषण की स्थिति
दीवाली से पहले दीवाली पर दीवाली के अगले दिन
3 नवंबर 2021-314 4 नवंबर- 382 5 नवंबर- 462
12 नवंबर 2020- 296 13 नवंबर- 414 14 नवंबर- 435
26 अक्टूबर 2019- 287 27 अक्टूबर- 337 28 अक्टूबर- 368
6 नवंबर 2018- 338 7 नवंबर- 281 8 नवंबर- 390
18 अक्टूबर 2017- 302 19 अक्टूबर- 319 20 अक्टूबर- 431
29 अक्टूबर 2016-404 30 अक्टूबर- 431 31 अक्टूबर- 445
इसलिए बेहतर रही प्रदूषण की स्थिति
मौसम विज्ञानी और सीएक्यूएम की ग्रेप उप समिति के सदस्य वीके सोनी ने बताया कि इस साल 15 दिन पहले ही ग्रेप लागू करना और समय पूर्व ही ग्रेप का पहला एवं दूसरा चरण लागू कर देने का असर नजर आ रहा है। समय रहते प्रयास हुआ तो प्रदूषण भी कम ही बढ़ा। पराली का धुआं भी अभी अधिकतम पांच प्रतिशत तक आ पाया है। तापमान में भी बहुत ज्यादा गिरावट नहीं हुई है। इन्हीं सब वजहों से इस साल स्थिति नियंत्रण में है।
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दीवाली के लिए अनुमान
सफर इंडिया के संस्थापक परियोजना निदेशक गुरफान बेग ने कहा कि दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में 24 घंटे में पराली जलाने की 850 से अधिक घटनाएं दर्ज की गई हैं। चूंकि, हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी है, अत: इसका धुआं दिल्ली पहुंचेगा। ऐसे में पटाखे नहीं जलाने की सूरत में भी सोमवार को एयर इंडेक्स 300 के पार पहुंच जाएगा।
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दीवाली की रात यदि दिल्ली में पटाखे बिल्कुल नहीं जले तब भी एनसीआर में आतिशबाजी और पराली के धुएं के कारण दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में उच्च स्तर पर या गंभीर श्रेणी में निचले स्तर पर रह सकती है। पिछले 10 सालों की तुलना में अगर एक चौथाई हिस्सा (25 प्रतिशत) पटाखे भी जलाए गए तो हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच जाएगी। रात एक बजे से सुबह चार बजे तक पीएम-10 और पीएम-2.5 का स्तर सबसे अधिक रहेगा।