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Delhi Air Pollution: जहरीली है दिल्ली-NCR की हवा, सांस की परेशानी है तो भाप लें; पानी ज्यादा पीयें

राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। इसे देखते हुए दिल्ली एनसीआर में ग्रेप-4 के तहत प्रतिबंध लागू किए गए हैं। दिल्ली पुलिस सख्ती से ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण IV का पालन करा रही है। इस बीच चिकित्सकों ने सांस लेने में परेशानी होने पर भाप लेने और ज्यादा पानी पीने की सलाह दी है।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Wed, 20 Nov 2024 09:19 AM (IST)
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दिल्ली में गंभीर स्थिति में वायु प्रदूषण। फोटो- जागरण ग्राफिक्स
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब बनी हुई है। मंगलवार को एक्यूआइ 434 रहा। खराब हवा के कारण लोगों की परेशानी लगातार बढ़ती जा रही है।

राजधानी के अस्पतालों में मरीजों का उपचार के लिए पहुंचना जारी है। सर्वाधिक परेशानी पहले से सांस के रोगों से जूझ रहे लोगों को हो रही है। उन्हें डॉक्टरों ने घर पर रहने की सलाह दी है। लगातार भाप लेने को कहा है।

अस्पतालों ने अपने यहां ऑक्सीजन के पर्याप्त इंतजाम किए हैं। कुछ मरीजों को इसकी जरूरत पड़ रही है। सीमापुरी की रहने वाली 31 वर्षीय कविता कटारिया पिछले सवा महीने से खांसी से परेशान हैं, लेकिन पिछले दो हफ्ते से दिल्ली में हवा प्रदूषित होने के कारण उन्हें सांस लेने में परेशानी होने लगी है।

दिन में तीन बार नेबुलाइज करने की सलाह

हालत ऐसी हो गई है कि उन्हें घर में भी मास्क लगाकर रहना पड़ रहा है। चिकित्सकों ने उन्हें अधिक से अधिक पानी पीने की सलाह दी है ताकि गला बिल्कुल भी सूखा न रहें। मयूर विहार फेज दो में रहने वाली रश्मि ने बताया कि उन्हें अस्थमा है। उन्होंने कार्यालय में छुट्टी की अर्जी दी है। उन्हें डॉक्टर ने दिन में तीन बार नेबुलाइज करने की सलाह दी है।

लोक नायक अस्पताल के निदेशक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि प्रदूषण से पीड़ित मरीज अस्पताल में आ रहे हैं। अंबेडकर अस्पताल, इंदिरा गांधी अस्पताल, दीन दयाल उपाध्याय, मदन मोहन मालवीय आदि सभी अस्पतालों में प्रदूषण के मरीज आ रहे हैं। कई जगह इनकी संख्या दोगुनी तक हो गई है।

सांस रोग के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम होगी गठित

वायु प्रदूषण अधिक होने के कारण सांस की परेशानी बढ़ गई है। अस्पतालों में सांस के मरीज भी बढ़ गए हैं। इसके मद्देनजर दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने अपने सभी अस्पतालों को सांस रोगों के इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम गठित करने के निर्देश दिए हैं।

साथ ही ओपीडी व आइपीडी में पहुंचने वाले सांस के मरीजों के प्रतिदिन की रिपोर्ट पर्यावरणीय व व्यावसायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीओईएच) को भेजने का निर्देश दिया है। अस्पतालों को कहा गया है कि यदि सांस के मरीज अधिक बढ़ते हैं, तो तुरंत अलर्ट जारी किया जाए। ई-संजीवनी एप के माध्यम से सांस की बीमारियों से पीड़ित मरीजों को टेलीकंसल्टेंशन के लिए भी विशेषज्ञ डाक्टर उपलब्ध रहेंगे।

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