दिल्ली में एयर पाल्यूशन गंभीर श्रेणी में, बढ़ा हार्ट अटैक का खतरा; खुले में सांस लेना सिगरेट पीने जैसा
हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंचने से हार्ट अटैक होने का खतरा चार गुना अधिक बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में प्रदूषण जानलेवा हो सकता है।डाक्टर कहते हैं कि बुजुर्ग मधुमेह हाइपरटेंशन व दिल की पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों घर से बाहर नहीं निकलें तो ही बेहतर रहेगा।
By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Prateek KumarUpdated: Tue, 01 Nov 2022 10:35 PM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। राजधानी की आबोहवा इन दिनों दिल के लिए घातक हो गई है। डाक्टर कहते हैं कि प्रदूषण बढ़ने और हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंचने से हार्ट अटैक होने का खतरा दो से चार गुना अधिक बढ़ गया है। ऐसी स्थिति में प्रदूषण जानलेवा हो सकता है। इसलिए डाक्टर लोगों को सतर्क रहने की सलाह दे रहे हैं। डाक्टर कहते हैं कि बुजुर्ग, मधुमेह, हाइपरटेंशन व दिल की पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों इन दिनों घर से बाहर नहीं निकलें तो ही बेहतर रहेगा।
प्रदूषण बढ़ने से बढ़ जाता है हार्ट अटैक का खतरा
वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल के कार्डियोलाजी विभाग के विशेषज्ञ डा. तपन घोष ने कहा कि प्रदूषण अधिक बढ़ने पर हार्ट अटैक होने का खतरा दो से चार गुना तक बढ़ जाता है। प्रदूषण के दुष्प्रभाव से धड़कन अनियंत्रित हो सकती है। जिन लोगों को पहले से दिल की बीमारी हैं उन्हें यह जोखिम अधिक है, जो लोग स्वस्थ हैं, उन्हें भी अचानक हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है।
युवाओं को हार्ट अटैक के खतरे का कारण प्रदूषण
युवाओं को हार्ट अटैक का एक बड़ा कारण प्रदूषण ही होता है। एयर इंडेक्स 400 से अधिक होने के कारण मौजूदा समय में प्रदूषित हवा में सांस लेना सिगरेट पीने जैसा है। इस वजह से मौजूदा समय में सभी लोग स्मोक भरे वातावरण में ही हैं। ऐसे में ध्रूमपान करने करने वाले लोगों की समस्या ज्यादा बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि संभव हो तो सुबह में सैर ना करें और यदि सुबह की सैर पर निकलते हैं तो मास्क लगाकर जाएं। इसके अलावा सैर करते समय बहुत तेज चलने या दौड़ने की कोशिश ना करें।साइलेंट किलर है एयर पाल्यूशन
आरएमएल अस्पताल के कार्डियोलाजी विभाग के प्रोफेसर डा. तरुण कुमार ने कहा कि वायु प्रदूषण साइलेंट किलर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार प्रदूषण के कारण होने वाली 80 प्रतिशत मौतें दिल व रक्तवाहिकाओं की बीमारियों के कारण होती है। प्रदूषण बढ़ने पर पीएम-2.5 दिल के लिए ज्यादा घातक होता है। पीएम-2.5 के बढ़े हुए हर 10 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के स्तर पर दिल की बीमारियों के कारण होने वाली मौतें आठ से 18 प्रतिशत बढ़ने की आशंका रहती है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।