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Delhi Air Pollution: अगर दिल्ली में और बढ़ा प्रदूषण तो लगेंगे ये प्रतिबंध, जानिए क्या हैं ग्रेप के नियम

Delhi Air Pollution हवा की गुणवत्ता खराब होते ही दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप का पहला (Grap-1) चरण लागू कर दिया गया है। आईए जानते हैं कि ग्रेप एक्शन कितने चरणों के होते हैं और कितनी वायु गुणवत्ता पर कौन से श्रेणी के ग्रेप को लागू किया जाता है। प्रदूषण का स्तर और अधिक बढ़ने पर दिल्ली-एनसीआर में कौन-कौन से प्रतिबंध लागू हो जाएंगे।

By Shyamji TiwariEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Sat, 07 Oct 2023 06:12 PM (IST)
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अगर दिल्ली में और बढ़ा प्रदूषण तो लगेंगे यह प्रतिबंध
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है। राजधानी में हवा खराब श्रेणी में पहुंच गई। हवा की गुणवत्ता खराब होते ही दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप का पहला (Grap-1) चरण लागू कर दिया गया है। साथ ही दिल्ली के होटल और रेस्तरां में कोयले के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने और प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों और ताप विद्युत संयंत्रों के खिलाफ दंडात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया गया है। 

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 200 के पार पहुंचते ही सीएक्यूएम की ग्रेप उप समिति की आपात बैठक में दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप का पहला चरण लागू करने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान खुले में कूड़ा जलाने, नियमित बिजली आपूर्ति के लिए डीजल जनरेटर सेट के इस्तेमाल व पटाखों पर रोक सहित 27 सूत्री एक्शन प्लान को किया लागू कर दिया गया है।

आईए जानते हैं कि ग्रेप एक्शन कितने चरणों के होते हैं और कितनी वायु गुणवत्ता पर कौन से श्रेणी के ग्रेप को लागू किया जाता है।

ग्रेप-1 (GRAP-1)

ग्रेप के पहले चरण में 500 वर्गमीटर के बराबर या उससे अधिक के भूखंड आकार वाले निजी निर्माण और विध्वंस परियोजनाओं पर काम पर रोक लगा दिया जाता है। बता दें कि उन कार्यों पर रोक लगाया जाता है, जो धूल शमन उपायों की दूरस्थ निगरानी के लिए राज्य सरकार के पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं।

ग्रेप-1 में दिल्ली के 300 किलोमीटर के भीतर प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों और थर्मल पावर प्लांटों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के साथ-साथ होटल, रेस्तरां और खुले भोजनालयों में तंदूर में कोयले और जलाऊ लकड़ी के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध होता है। इसके अलावा ग्रेप-1 में निर्माण और विध्वंस परियोजना स्थलों पर धूल शमन के लिए दिशानिर्देशों का उचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करना और परिणामी कचरे का ठोस पर्यावरणीय प्रबंधन भी शामिल है।

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ग्रेप-2 (GRAP-2)

ग्रेप-2 में निजी परिवहन के इस्तेमाल को रोकने के लिए पार्किंग शुल्क बढ़ाना और अतिरिक्त बेड़े शुरू करके और सर्विस फ्रीक्वेंसी बढ़ाकर सीएनजी/इलेक्ट्रिक बस और मेट्रो सेवाओं को बढ़ाना शामिल है।

ग्रेप-3 (GRAP-3)

ग्रेप के तीसरे चरण में आवश्यक सरकारी परियोजनाओं, खनन और पत्थर तोड़ने को छोड़कर निर्माण और विध्वंस कार्य पर पूर्ण रोक शामिल है। इसमें दिल्ली के बाहर पंजीकृत हल्के वाणिज्यिक वाहनों और डीजल-खपत वाले ट्रकों, मध्यम और भारी माल वाहनों (आवश्यक सेवाओं में शामिल लोगों को छोड़कर) के प्रवेश पर प्रतिबंध भी शामिल है।

स्टेज III के तहत, बीएस III पेट्रोल और बीएस IV डीजल चार पहिया वाहनों को दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बौद्ध नगर में चलाने पर प्रतिबंध है।

ग्रेप-4 (GRAP-4)

वहीं चौथे चरण में सभी प्रकार के निर्माण और विध्वंस कार्यों पर प्रतिबंध लगाना शामिल है। राज्य सरकारें ऐसी स्थितियों के दौरान स्कूली छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाओं और सरकारी और निजी कार्यालयों के लिए घर से काम की व्यवस्था पर निर्णय लेने के लिए अधिकृत हैं।

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