Air Pollution: वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की सख्ती के बाद एनसीआर के जिलों में भी दिखेगा ग्रेप का असर
सीएक्यूएम ने बुधवार को हरियाणा राजस्थान और उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों की एजेंसियों / निकायों के साथ एक समीक्षा बैठक की।बैठक में मुख्य रूप से फायर टेंडर के उपयोग सड़कों की चौबीसों घंटे यांत्रिक सफाई निर्माण और विध्वंस साइटों पर स्माग गन के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। एनसीआर जिलों में ग्रेडेड रिस्पाॅन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) के कारगर क्रियान्वयन के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इसमें सीएक्यूएम के वैधानिक निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भारी दंड भी शामिल है। ग्रेप के पहले, दूसरे एवं तीसरे चरण के क्रियान्वयन की स्थिति का जायजा लेने के लिए ही सीएक्यूएम ने बुधवार को हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के एनसीआर जिलों की एजेंसियों / निकायों के साथ एक समीक्षा बैठक की।
समीक्षा में किन- किन बातों पर दिया गया जोर
समीक्षा बैठक में मुख्य रूप से फायर टेंडर के उपयोग, सड़कों की चौबीसों घंटे यांत्रिक सफाई, निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) साइटों पर स्माग गन के उपयोग, प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन, बेहतर सतर्कता सहित जल छिड़काव को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कूड़ा जलाने पर होगी कार्रवाई
कूड़ा जलाने और सख्त दंडात्मक कार्रवाई, उद्योगों में केवल स्वीकृत स्वच्छ ईंधन का उपयोग सुनिश्चित करना, खनन गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाना, पीयूसीसी के साथ नहीं चलने वाले वाहनों के खिलाफ चालान जारी करना, धूल पैदा करने वाली गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, तंदूर में कोयले के उपयोग के खिलाफ अभियान आदि पर भी जोर दिया गया।
आने वाले समय होगा वायु प्रदूषण में सुधार
ग्रेप उप-समिति के सदस्य डा वीके सोनी ने कहा, "आने वाले दिनों में एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सकारात्मक प्रभाव और सुधार देखा जा सकता है क्योंकि ग्रेप के तहत प्रभावी कदम और कड़े कदम उठाए गए हैं।"मालूम हो कि दिल्ली की समीक्षा बैठक मंगलवार को की गई थी, जिसमें सीएक्यूएम ने दिल्ली के सभी 13 हाट स्पाट पर प्रदूषण कम करने के लिए पानी के छिड़काव सहित और कदम उठाने के भी निर्देश जारी किए थे।