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Air Pollution: दिल्ली में अब इन बसों की नो एंट्री, राजधानी में खराब होती हवा की गुणवत्ता को लेकर आयोग ने जारी किया फरमान

NCR में वायु प्रदूषण की समस्या को दूर करने के मकसद से CAQM ने प्रदूषण फैलाने वाली पुरानी डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से सड़क से हटाने की समय सीमा पहले ही निर्धारित कर चुका है। इसी क्रम में अगले माह से एनसीआर के शहरों और हरियाणा के किसी भी शहर से दिल्ली के लिए चलने वाली बसें सिर्फ स्वच्छ ईंधन सीएनजी इलेक्ट्रिक व बीएस छह डीजल संचालित होंगी।

By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Fri, 20 Oct 2023 10:09 PM (IST)
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राजधानी में खराब होती हवा की गुणवत्ता को लेकर आयोग ने जारी किया फरमान। (सांकेतिक तस्वीर)

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। NCR में वायु प्रदूषण की समस्या को दूर करने के मकसद से वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने प्रदूषण फैलाने वाली पुरानी डीजल बसों को चरणबद्ध तरीके से सड़क से हटाने की समय सीमा पहले ही निर्धारित कर चुका है।

इसी क्रम में अगले माह एक नवंबर से एनसीआर के शहरों और हरियाणा के किसी भी शहर से दिल्ली के लिए चलने वाली बसें सिर्फ स्वच्छ ईंधन सीएनजी, इलेक्ट्रिक व बीएस छह डीजल संचालित होंगी।

हरियाणा और एनसीआर के शहरों से चलने वाली बीएच तीन या बीएस चार डीजल की पुरानी बसों को दिल्ली में प्रवेश नहीं मिलेगा। निजी बस संचालकों पर भी यह नियम लागू होगा। सीएमक्यूएम ने शुक्रवार को एनसीआर से संबंधित राज्य सरकार को इस नियम का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है।

नियमों का नहीं किया पालन तो होगी कार्रवाई

साथ ही दिल्ली सरकार के परिवहन निगम और ट्रैफिक पुलिस को निगरानी करने और नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा व कई अन्य राज्यों से करीब 4500 डीजल बसें दिल्ली में प्रवेश करती हैं। सीएक्यूएम ने उत्तर प्रदेश व राजस्थान के गैर एनसीआर क्षेत्रों से एनसीआर के शहरों और दिल्ली में प्रवेश करने वाली पुरानी डीजल बसों को हटाने का समय भी निर्धारित कर उसका पालन करने का निर्देश दिया है।

इस पहल के बाद सीएक्यूएम को उम्मीद है कि एक नवंबर से हरियाणा, उत्तर प्रदेश व राजस्थान के शहरों से दिल्ली के लिए चलने वाली अधिकांश बसें सीएनजी, इलेक्ट्रिक व बीएस छह डीजल चालित होंगी। वहीं अगले वर्ष जुलाई से पूरे एनसीआर में इलेक्ट्रिक, सीएनजी के अलावा सिर्फ बीएस छह की बसें ही चलेंगी।इससे दिल्ली और एनसीआर के शहरों में वायु प्रदूषण कम होगा।

सीएक्यूएम के एक्शन प्लान के अनुसार मौजूदा समय में अंतरिम व्यवस्था के तहत सीएनजी, इलेक्ट्रिक बसों के साथ-साथ बीएस डीजल बसों के परिचालन की अनुमति दी गई है। इसके बाद करीब तीन वर्ष (मध्यम अवधि) में एनसीआर के शहरों से सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी।

बाद में दीर्घकालिक तौर पर अगले पांच वर्ष में दिल्ली और एनसीआर में ज्यादातर इलेक्ट्रिक बसों का ही परिचालन होगा। इस बाबत पिछले 19 जुलाई को सीएक्यूएम संबंधित राज्य सरकारों को दिशा निर्देश जारी कर चुका है। इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सरकार बीएच छह डीजल बसें भी खरीद रही हैं।

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CAQM का निर्देश

  • -हरियाणा के किसी भी शहर और दिल्ली के बीच एक नवंबर से इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस छह डीजल संचालित बसें ही चलेंगी।
  • -राजस्थान में स्थित एनसीआर के किसी भी शहर से दिल्ली और एनसीआर के शहरों के बीच चलने वाली बसें एक नवंबर से सीएनजी, इलेक्ट्रिक व और बीएस छह डीजल संचालित होंगी।
  • -राजस्थान के गैर एनसीआर क्षेत्रों से दिल्ली के लिए चलने वाली बसें अगले वर्ष एक जनवरी से इलेक्ट्रिक, सीएनजी और बीएस छह डीजल संचालित होंगी।
  • -उत्तर प्रदेश में स्थित एनसीआर के किसी भी शहर और दिल्ली के बीच चलने वाली बसें एक नवंबर से सीएनजी, इलेक्ट्रिक और बीएच छह डीजल से संचालित होंगी।
  • -एनसीआर में स्थित उत्तर पदेश के आठ जिलों में चलने वाली बसें अगले वर्ष एक अप्रैल से बीएस छह डीजल अनुपालन वाली होंगी।
  • -उत्तर प्रदेश के गैर एनसीआर क्षेत्र से दिल्ली और एनसीआर के शहरों के बीच चलने वाली बसें अगले वर्ष एक जुलाई से बीएस छह अनुपालन वाली होंगी।

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मौजूदा वित्त वर्ष में बीएस छह डीजल बसें खरीदने की राज्यों की योजना

  • हरियाणा- 1313 बसें
  • उत्तर प्रदेश- 1650 बसें
  • राजस्थान- 590 बसें
  • राजस्थान में आउट सोर्स पर बसें लेने की योजना- 440 बसें

रिपोर्ट इनपुट- रणविजय सिंह

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