Delhi Pollution Restriction: प्रदूषण बढ़ा तो इस बार सख्त होंगी पाबंदियां, ग्रेप-3 में जानिए किन वाहनों पर रहेगा बैन
Delhi Pollution Vehicles Ban ग्रेप के तीसरे चरण में 11 पाबंदियां लागू की जाएंगी जिसमें दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित और बीएस तीन या उससे नीचे के मानकों वाले मध्यम गुड्स व्हीकल (एमजीवी) पर प्रतिबंध शामिल है। दिल्ली से बाहरी पंजीकृत बीएस तीन और उससे नीचे के मानकों वाले डीजल चालित एलसीवी (गुड्स कैरियर) को भी राजधानी में प्रवेश से रोका जाएगा।
संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। सर्दियों में वायु प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप, GRAP) की तारीख भले अभी घोषित नहीं हुई हो, लेकिन इस वर्ष इसकी पाबंदियां कुछ सख्त और अधिक अवश्य होंगी। यह बदलाव मुख्य रूप से ग्रेप के तीसरे चरण में किया गया है।
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम, CAQM) ने मंगलवार देर शाम एनसीआर में शामिल सभी राज्य सरकारों को इस आशय के लिखित निर्देश जारी किए। इसके अंतर्गत ग्रेप के तीसरे चरण में ही अलग-अलग श्रेणी में वाहनों पर पाबंदी लगाने के लिए दिल्ली को अधिकार दे दिए गए हैं।
इस होंगी 11 पाबंदियां
ग्रेप के अनुसार, 401 से लेकर 450 तक के एक्यूआई को तीसरे चरण में रखा गया है। सीएक्यूएम ने पिछले साल इस चरण में आठ पाबंदियों को शामिल किया था। लेकिन, इस बार इसमें विस्तार करते हुए 11 पाबंदियां कर दी हैं।
तीन नई पाबंदियों में कुछ ऐसी हैं, जो पहले चौथे चरण में लागू की जाती थीं। लेकिन, इस बार इन्हें तीसरे चरण में ही लागू किया जाएगा।
इस तरह के वाहनों पर लगेगी रोक
सीएक्यूएम के मुताबिक तीसरे चरण में ही दिल्ली सरकार अब दिल्ली में पंजीकृत डीजल चालित एवं बीएस तीन या उससे नीचे के मानकों वाले मध्यम गुड्स व्हीकल (एमजीवी) पर पाबंदी लगाएगी। जबकि दिल्ली से बाहरी पंजीकृत बीएस तीन और उससे नीचे के मानकों वाले डीजल चालित एलसीवी (गुड्स कैरियर) को राजधानी में प्रवेश से रोका जाएगा।
आवश्यक सेवाओं और आवश्यक वस्तुएं पहुंचाने वाले वाहनों को इन पाबंदियों से पहले की तरह ही इस बार भी बाहर रखा गया है।
बाहरी राज्यों की इन बसों पर रहेगी छूट
इसी प्रकार एनसीआर राज्यों से आने वाली अंतरराज्यीय बसों में से केवल उन्हीं को दिल्ली में प्रवेश दिया जाएगा जो इलेक्ट्रिक, सीएनजी या फिर बीएस छह मानकों वाली डीजल बसें हों। अन्य ईंधनों से चालित होने वाली बसों के प्रवेश पर पाबंदी रहेगी।
मालूम हो कि सीएक्यूएम की ओर से पहले ही एनसीआर के राज्यों को अपने बसों के बेड़े में बदलाव के दिशा-निर्देश दे दिए गए थे।