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Delhi Air Pollution: दिल्ली-NCR में छाई धुंध की चादर, वायु गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी में; AQI 450 के पार

दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर खुल गया है। आनंद विहार में रविवार सुबह आठ बजे धुंध की चादर छाए रहने के साथ इलाके का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 454 तक पहुंच गया है जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार गंभीर श्रेणी में रखा गया है। इससे पहले शनिवार को राजधानी का औसत एयर इंडेक्स खराब श्रेणी में बरकरार रहा।

By Jagran News Edited By: Abhishek Tiwari Updated: Sun, 20 Oct 2024 08:21 AM (IST)
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दिल्ली के अक्षरधाम मंदिर के पास धुंध छाई। फोटो- ANI

एएनआई, नई दिल्ली। दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर की हवा की गुणवत्ता बिगड़ गई है। रविवार सुबह राजधानी के वातारवरण में धुंध की एक परत छाई नजर आई। अक्षरधाम मंदिर और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 353 और आनंद विहार में 454 दर्ज किया गया, जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार 'बहुत खराब' श्रेणी में रखा गया है। 

वहीं, दिल्ली के नेहरू पार्क और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 254 दर्ज किया गया, जिसे 'खराब' श्रेणी में माना जाता है।

कहां कितना पहुंचा AQI?

स्थान AQI
अक्षरधाम मंदिर 353
आनंद विहार  454
अलीपुर 308
चांदनी चौक 216
द्वारका 311
इंदिरापुरम, गाजियाबाद 208
नोएडा 226

नोट- यह आंकड़ा रविवार सुबह आठ बजे का है। 

इससे पहले शनिवार को राजधानी का औसत एयर इंडेक्स खराब श्रेणी में बरकरार रहा, लेकिन दिल्ली के 36 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 11 जगहों पर हवा की गुणवत्ता बेहद खराब और आनंद विहार में हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई।

एनसीआर का तीसरा प्रदूषित शहर रहा नोएडा

नोएडा शहर में प्रदूषण का स्तर कम नहीं हो रहा है। शनिवार को नोएडा एनसीआर का तीसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा। नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स शनिवार को 229 अंक नोएडा और गाजियाबाद के बाद तीसरे नंबर पर दर्ज हुआ। प्रदूषण पर लगाम लगाने के सभी प्रयास असफल हो रहे हैं। नोएडा के सेक्टर 63 में सड़क किनारे लगा मिट्टी का ढ़ेर प्रदूषण का स्तर बढ़ा रहा है। जिम्मेदारों को यह ढेर नजर नहीं आ रहा है।

निर्माणाधीन साइटों पर लाखों का जुर्माना भी प्रदूषण के स्तर को कम नहीं हो रहा है। ग्रेप के पहले चरण में हर दिन नोएडा का एक्यूआइ आरेंज जोन में दर्ज हो रही है। इस पर काबू करने के सभी प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं। हर रोज शहर में कई जगहों पर कचरे के ढ़ेर में आग लगते हुए दिखाई दे रही है। सामान्य से कई गुना तक अधिक शहर शहर की हवा में धूल और धुएं का स्तर दर्ज हो रहा है।

गाजियाबाद: पाबंदियों के बाद भी हवा खराब श्रेणी में बरकरार

ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) के पहले चरण की पाबंदी लगने के बाद भी जिले में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में बरकरार है। शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 253 दर्ज किया गया। वहीं, लोनी की हवा बेहद खराब श्रेणी में दर्ज की गई। प्रदूषण का स्तर बढ़ने से लोगों की परेशानी भी बढ़ रही हैं। लोगों को सांस लेने, आंखों में जलन समेत विभिन्न परेशानियां होनी शुरू हो गई है।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व अन्य विभागों के अधिकारी प्रदूषण की रोकथाम करने में फेल साबित हो रहे हैं। प्रदूषण फैलाने वालों पर भी कोई खास कार्रवाई नहीं की जा रही है। कार्रवाई के नाम पर जुर्माने के नोटिस थमाए जा रहे हैं। जिन्हें नोटिस दिए गए हैं उनसे अभी पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली भी नहीं हो सकी है।

अभी भी जगह-जगह खुले में निर्माण सामग्री पड़ी हुई है। सड़कों पर धूल उड़ रही है। उम्र पूरी कर चुके वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं। अवैध फैक्ट्रियां प्रदूषण को बढ़ावा दे रही हैं। संबंधित विभागों को ये दिखाई नहीं दे रहा है। सभी अधिकारी अपना काम करने से बच रहे हैं।

लोनी की हवा बेहद खराब श्रेणी में बरकरार

लोनी का हवा बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। शुक्रवार को यहां का वायु एक्यूआई गंभीर श्रेणी 324 दर्ज किया गया था। शनिवार को 314 दर्ज किया गया। वहीं इंदिरापुरम, संजय नगर व वसुंधरा की हवा भी खराब श्रेणी में बनी हुई है। अब जिले में कोई क्षेत्र ऐसा नहीं बचा जहां की हवा शुद्ध बची है।

हॉटस्पॉट चिह्नित कार्रवाई कोई नहीं

जिले में प्रदूषण नियंत्रण के लिए छह हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए हैं। इनमें लोनी भी शामिल है। ये हाटस्पाट इसीलिए चिह्नित किए गए थे कि यहां प्राथमिकता से कार्रवाई हो सके, लेकिन यहां भी किसी भी विभाग के अधिकारी सक्रिय नहीं दिख रहे हैं। सभी कागजों में योजना बना रहे हैं। धरातल पर कोई कार्य नहीं दिखाई नहीं दे रहा है।

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