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Delhi Pollution: देश में सबसे अधिक प्रदूषित रही दिल्ली, अगले तीन दिनों तक हालात 'गंभीर'; 16 इलाकों में AQI 400 पार

दिल्ली में हवा की गुणवत्ता लगातार खराब होती जा रही है। रविवार को शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 382 दर्ज किया गया जो बेहद खराब श्रेणी में आता है। यह इस सीजन में अब तक का सबसे अधिक AQI है। 16 इलाकों में AQI 400 के पार गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। प्रदूषण में पराली के धुएं की भूमिका भी बढ़ रही है।

By Ranbijay Kumar Singh Edited By: Sonu Suman Updated: Sun, 03 Nov 2024 08:48 PM (IST)
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देश में रविवार को सबसे अधिक प्रदूषित रही दिल्ली।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में हवा की गुणवत्ता लगातार पांच दिनों से बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। रविवार को हवा की गति मंद और वातावरण में स्मॉग जैसी स्थिति बने रहने के कारण प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है। इस वजह से दिल्ली में एयर इंडेक्स बेहद खराब श्रेणी में उच्च स्तर पर पहुंच गया। इससे रविवार को इस सीजन में अब तक सबसे अधिक वायु प्रदूषण रहा। साथ ही दिल्ली देश में सबसे अधिक प्रदूषित रही।

16 इलाकों में एयर इंडेक्स 400 के पार गंभीर श्रेणी में पहुंच गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार तीन दिनों तक हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी रह सकती है। इसके बाद एयर इंडेक्स पूरी दिल्ली में भी गंभीर श्रेणी में पहुंच सकती है।

दिल्ली का औसत एयर इंडेक्स सबसे अधिक 382

सीपीसीबी द्वारा जारी देश के 258 शहरों के एयर क्वालिटी इंडेक्स रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली का औसत एयर इंडेक्स सबसे अधिक 382 रहा जो बेहद खराब श्रेणी में है। यह इस सीजन में अब तक सबसे अधिक है। इससे पहले 23 अक्टूबर को यहां का एयर इंडेक्स 364 था। शाम चार बजे दिल्ली के 39 प्रदूषण निगरानी केंद्रों में से 14 जगहों पर एयर इंडेक्स 400 से अधिक गंभीर श्रेणी में था। बाद में डीयू नार्थ कैंपस व ओखला फेज-2 में भी एयर इंडेक्स 400 से अधिक हो गया।

आनंद विहार, रोहिणी, नेहरू नगर व पंजाबी बाग में प्रदूषण सबसे अधिक रहा। सीपीसीबी के अनुसार दिल्ली के वातावरण में पीएम-10 का अधिकतम स्तर 305.5 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर व पीएम-2.5 का स्तर 182.4 माइक्रो ग्राम प्रति घन मीटर रहा, जो सामान्य से तीन गुना अधिक है।

पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण में पराली के धुएं की भूमिका बढ़ी

आईआईटीएम (इंडियन इंस्टीट्यूट आफ ट्रापिकल मेटेऑरोलाजी) पुणे के डिसीजन सपोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के मुताबिक दिल्ली के वायु प्रदूषण में वाहनों की हिस्सेदारी 16.06 प्रतिशत रही। लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रदूषण में पराली के धुएं की भूमिका बढ़ी है। एक नवंबर को पराली के धुएं की भागीदारी 35.17 प्रतिशत व दो नवंबर को प्रदूषण में पराली के धुएं की भागीदारी 15 प्रतिशत थी। गनीमत है कि तीन नवंबर को हवा दक्षिण पूर्व की तरफ से चल रही थी।

पंजाब और हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं बढ़ी

इस वजह से परिस्थितियां पंजाब व हरियाणा से धुआं दिल्ली पहुंचने के लिए अनुकूल नहीं थी, वरना प्रदूषण का स्तर ज्यादा बढ़ सकता था। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के अनुसार पराली जलाने की 351 घटनाएं हुईं। पंजाब में सबसे अधिक 216 व हरियाणा में 19 घटनाएं हुईं। एक नवंबर के मुकाबले इन दिनों राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं कम हुईं। पंजाब में एक नवंबर को पराली जलाने की 587 व हरियाणा में 35 घटनाएं हुईं।

नोएडा में भी बेहद खराब श्रेणी में रही हवा की गुणवत्ता

एनसीआर के शहरों में नोएडा में भी हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में रही। एनसीआर के बाकी प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में रही।

एनसीआर में एयर इंडेक्स

  • दिल्ली- 382
  • नोएडा- 313
  • फरीदाबाद- 250
  • गाजियाबाद- 290
  • ग्रेटर नोएडा- 248
  • गुरुग्राम- 281

दिल्ली में इन इलाकों में गंभीर श्रेणी में रहा एयर इंडेक्स

  • आनंद विहार- 436
  • रोहिणी- 435
  • नेहरू नगर- 430
  • पंजाबी बाग- 425
  • मुंडका- 423
  • अशोक विहार- 421
  • वजीरपुर- 420
  • जहांगीरपुरी- 414
  • एनएसआइटी द्वारका- 413
  • द्वारका सेक्टर आठ- 410
  • पटपड़गंज- 407
  • बवाना- 405
  • विवेक विहार- 404
  • डीयू नार्थ कैंपस- 402
  • ओखला फेज दो- 402
  • नजफगढ़- 401
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