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Delhi Airport Incident: अंतिम संस्कार के बाद क्या करेगा कैब चालक का परिवार? बेटे ने बताया; टर्मिनल-1 पर हुई थी पिता की मौत

दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट (IGI Airport Terminal-1) की टर्मिनल-1 की छतरी गिरने से कैब चालक की मौत हो गई थी। भारी बारिश के कारण शुक्रवार को यह हादसा हुआ था। छतरी का पोल कार पर गिरा था जिस कारण कैब चालक उसके नीचे दब गया। इससे उनकी मौत हो गई। परिवार ने शनिवार को पोस्टमॉर्टम कराने के बाद अंतिम संस्कार कर दिया।

By Jagran News Edited By: Geetarjun Updated: Sat, 29 Jun 2024 06:20 PM (IST)
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बारिश कारण टर्मिनल-1 पर छत गिरी और कार पर गिरा पोल।
पीटीआई, नई दिल्ली। दिल्ली एयरपोर्ट पर हादसे में मृतक के बेटे का बयान आया है। फिलहाल परिवार अंतिम संस्कार की तैयारी कर रही है। दिल्ली के इंदिरा गांधी एयरपोर्ट की टर्मिनल-1 की फोरकोर्ट की छत गिर गई, जिसमें टैक्सी चालक की मौत हो गई थी। वहीं, हादसे में आठ लोग घायल हो गए थे।

मृतक के बेटे ने कहा कि उनके अंतिम संस्कार के बाद ही परिवार इस मामले में केस दर्ज करने पर फैसला करेगा। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने घटना के एक दिन बाद शनिवार को सफदरजंग अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद कैब ड्राइवर रमेश कुमार का शव उनके परिवार को सौंप दिया।

पोस्टमॉर्टम के बाद सौंपा शव

रमेश के बेटे रविंदर (25) ने बताया कि दोपहर करीब 12:30 बजे पोस्टमॉर्टम के बाद पिता का शव मिला है और हम अपने घर लौट आए हैं। इसके बाद उनका अंतिम संस्कार करेंगे।

अंतिम संस्कार के बाद परिवार के सभी लोग चर्चा करेंगे, जहां तय करेंगे कि वे उनके पिता की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ केस दर्ज करेंगे या नहीं।

टर्मिनल-1 पर कर रहे थे इंतजार

बता दें कि रमेश शुक्रवार की सुबह आईजीआई टर्मिनल-1 पर यात्रियों का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान तीन घंटे भारी बारिश के कारण प्रस्थान क्षेत्र को ढकने वाली छतरी का हिस्सा खड़ी कारों पर गिर गया। इस हादसे में छह लोग घायल हुए। इस दौरान उड़ानों को स्थगित भी कर दिया।

फोन पर पिता की मौत का चला पता

रविंदर ने बताया कि वह सो रहे थे, तभी उन्हें थाने से फोन आया और दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल 1 पर आने के लिए कहा गया। रविंद भी कैब चलाते हैं, लेकिन वो नाइट शिफ्ट करने के बाद सो रहे थे। उसी समय उन्हें फोन पर पिता की मौत का पता चला।

कैब चालक के परिवार में है कौन-कौन

रमेश के परिवार में उनकी पत्नी आशा, दो बेटे रविंदर और आशीष (22), दो बेटियां राशि (21) और भावना (18) हैं। सभी रोहिणी के सेक्टर-7 के पास विजय विहार इलाके में किराए के घर में रहते हैं। आशा रोहिणी में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती है।

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सरकार से मिला 20 लाख का मुआवजा

सरकार द्वारा दी गई मुआवजा राशि से परेशान रविंदर ने कहा कि उन्होंने हाल ही में 5 लाख रुपये में कार खरीदी थी। उन्हें 1 लाख रुपये का अग्रिम भुगतान करना था। नागरिक उड्डयन मंत्री के राममोहन नायडू ने हवाई अड्डे का दौरा किया और टी 1 पर स्थिति का जायजा लिया और परिवार के लिए 20 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की।

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