Move to Jagran APP

Delhi Airport incident: सिर से उठा पिता का साया, घर में दो बेटियों की शादी बाकी; परिवार में अकेले कमाने वाला था कैब चालक

इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (आईजीआई) एयरपोर्ट पर शुक्रवार रात को छत गिरने के बाद से कैब चालक की मौत हो गई थी। वो कार में थे और उस दौरान लोहे का पोल उनकी कैब कर गिर गया था। हादसे में आठ लोग घायल हो गए थे। दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल-1 से संचालित होने वाली सभी उड़ानें टर्मिनल-2 और 3 पर ट्रांसफर कर दी गईं।

By shamse alam Edited By: Geetarjun Published: Sun, 30 Jun 2024 12:59 AM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2024 12:59 AM (IST)
विजय विहार स्थित घर में मृतक रमेश के शोकाकुल स्वजन।

जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली। जिस किसी भी अधिकारी की लापरवाही से हमारा परिवार उजड़ा है, उनके खिलाफ सख्त से सख्त सजा की मांग करती हूं। शनिवार दोपहर तक कोई भी संबंधित अधिकारी व स्थानीय प्रशासन हमारे परिवार से मिलने तक नहीं आया है। सभी केवल समाचार में ही परिवार का साथ देने की बात कर रहे हैं। लेकिन जमीनी स्तर पर कोई भी हमारे साथ नहीं है। यह बात कहते हुए दिल्ली हवाई अड्डा पर हुए हादसे में मृत कैब चालक रमेश कुमार की बेटी रोशनी रोने लगती हैं। उन्होंने कहा कि मुआवजे के बारे में केवल मीडिया से ही जानकारी मिली है। लेकिन इसके बारे कोई बात तक करने नहीं आया है।

मृतक रमेश कुमार अपने परिवार के साथ विजय विहार फेज-1 में किराये के मकान में रहते थे। परिवार में पत्नी आशा, बेटा रविंदर और आशीष व बेटी रोशनी और भावना है। रोशनी ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के जिला महोवा गांव कुनाटा के रहने वाले हैं। 20 वर्ष पहले पिता दिल्ली में आए। तभी से कैब चलाते थे।

भाई के पास नौकरी नहीं

पिता ही परिवार में अकेले कमाने वाले थे। बड़ा भाई रविंदर अभी नौकरी की तलाश कर रहे हैं। भाई आशीष 11वीं व उसकी छोटी बहन भावना 12वीं कक्षा में पढ़ती हैं। एक अकेला पिता ही पूरे घर का खर्च चलाते थे। बृहस्पतिवार की दोपहर तीन बजे पिता घर से कैब लेकर निकले थे। हमलोगों ने उनके साथ खाना भी खाया था। काफी खुश थे पिता। ।

पहले मौत की खबर छिपाई गई

रोशनी ने बताया कि शुक्रवार की सुबह पांच बजे उनके घर के नंबर पर एयरपोर्ट से किसी ने जानकारी दी कि उनके पिता की तबीयत बिगड़ गई है। चक्कर आने की वजह से उन्हें अस्पातल में भर्ती कराया गया। सफदरजंग अस्पताल पहुंचने के लिए कहा गया।

अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि पिता इस दुनिया में नहीं रहे। इस दौरान माता और भाई ने पिता का चेहरा दिखाने के लिए कहते रहे, लेकिन वहां चेहरा तक नहीं दिखाया गया। इस हादसे के बाद से पूरा परिवार टूट चुका है।

परिवार में मातम का माहौल

पिता की मौत के बाद से भावना और उनकी मां आशा का रो रो कर बुरा हाल है। भावना बार बार बेहोश हो रही थी। होश में भी आने के बाद वह कुछ नहीं बोल पा रही थी। शनिवार दोपहर करीब 12 बजे रमेश का शव उनके घर पर पहुंचा। उसके बाद वहां लोगों का तांता लग गया।

सभी के आंखें नम थी। शव को देखते ही परिवार के सभी सदस्य उनसे लिपट कर रोने लगे। करीब एक बजे परिवार वाले उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर चले गए

बेटे से की आखिरी बार बात

स्वजन ने बताया कि बृहस्पतिवार की देर रात रमेश ने तीन बजे अपने बेटे से बात की थी और फरीदाबाद से एक यात्री को आईजीआई एयरपोर्ट ले जाने के बारे में बताया था। वह पिछले चार साल से शाम पांच बजे से सुबह पांच बजे तक कैब चलाते थे। विजय विहार में फरवरी में महीने में परिवार के साथ रहने आए थे। इससे पहले रमेश रोहिणी सेक्टर-7 स्थित नाहरपुर गांव में परिवार के साथ रहते थे।

ये भी पढ़ें- Delhi Airport Incident: फ्लाइट रद्द होने पर 30 प्रतिशत यात्रियों ने रिफंड लिया, इंडिगो की 20 से ज्यादा उड़ानें रद्द

अभी किसी की नहीं हुई शादी

स्वजन ने बताया कि रमेश के दोनों बेटियों व दोनों बेटों में से किसी की अभी शादी नहीं हुई है। रमेश अक्सर कहते थे कि वे धूमधाम से अपने बच्चों की शादी करेंगे। इसके लिए उन्होंने पहले से ही तैयारी शुरू कर भी दी थी। लेकिन शायद कुदरत को यह मंजूर नहीं था। बेटी रोशनी का कहना है कि वह बीए फर्स्ट एयर की छात्रा हैं। वह आगे शिक्षक बनना चाहती हैं।


This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.