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Rapid Train: दिल्ली-अलवर रैपिड रेल कॉरिडोर का बदल सकता है रूट, कम हो जाएंगे ये चार स्टेशन

दिल्ली- अलवर कॉरिडोर का रूट बदला जा सकता है। नए रूट पर ज्यादा यात्री मिलने की संभावना है। ट्रेन का प्रस्तावित रूट घटने से चार स्टेशन भी कम हो जाएंगे। इसमें भी पहले इसे एयरोसिटी के बाद वाया कापसहेड़ा सरहौल से राष्ट्रीय राजमार्ग लाने की योजना बनी थी लेकिन अब एयरोसिटी के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही एलिवेटिड ट्रैक बनाया जाएगा।

By sanjeev Gupta Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Tue, 16 Jan 2024 08:35 PM (IST)
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दिल्ली-अलवर रैपिड रेल कॉरिडोर का बदल सकता है रूट

राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीसी) के दिल्ली- अलवर कॉरिडोर का रूट बदला जा सकता है। अभी इसे लेकर अंतिम फैसला बेशक नहीं हुआ है, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) ने नए रूट के जियोटेक्निकल सर्वे का टेंडर अवश्य ही निकाल दिया है।

71 किमी का होगा रूट

अब इस रूट को पहले चरण में शाहजहांपुर-नीमराना- बहरोड़ (एसएनबी) की जगह धारूहेड़ा तक ले जाया जा सकता है। इससे यह ट्रैक 107 किमी की बजाए 36 किमी घटकर 71 ही किमी रह जाएगा। वहीं इसके स्टेशन 17 से कम होकर 13 रह जाएंगे।

गौरतलब है कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कारिडोर के बाद अब दिल्ली-अलवर रूट पर ही नमो भारत ट्रेन को दौड़ाने की योजना है। डिपार्टमेंट फाेर प्रमोशन आफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआइटी- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय) के तहत गठित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप द्वारा शहरी कनेक्टिविटी को बढ़ावा एवं विनिर्माण को समर्थन देने के लिए इस कॉरिडोर को पहले ही शार्टलिस्ट कर चुका है। इसे पीएम गतिशक्ति मास्टर प्लान के दायरे में तैयार किया जाएगा।

सूत्रों के मुताबिक, पहले चरण में अब इसे सराय काले खां से धारूहेड़ा तक ही ले जाने की बात हो रही है। इसमें भी पहले इसे एयरोसिटी के बाद वाया कापसहेड़ा सरहौल से राष्ट्रीय राजमार्ग लाने की योजना बनी थी, लेकिन अब एयरोसिटी के बाद भी राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही एलिवेटिड ट्रैक बनाया जाएगा। सूत्र बताते हैं कि एनएचएआई अधिकारियों के साथ इस पर वार्ता चल रही है। नए रूट पर ज्यादा यात्री मिलने की संभावना है। ट्रेन का प्रस्तावित रूट घटने से चार स्टेशन भी कम हो जाएंगे।

नए रूट पर सर्वे का टेंडर निकाला

एनसीआरटीसी ने पिछले सप्ताह इस बदलाव के अनुरूप नए रूट यानी एयरोसिटी से खेड़कीदौला और धारूहेड़ा तक जियोटेक्निकल सर्वे का टेंडर भी निकाल दिया है। फरवरी में टेंडर अवार्ड कर दिया जाएगा। टेंडर में यह सर्वे छह माह में पूरा करने को कहा गया है। बताया जाता है कि नए रूट पर अंतिम बातचीत होने के साथ ही इसे केंद्र सरकार की मंजूरी भी मिल जाएगी।

दूसरे नंबर की प्राथमिकता में है यह कॉरिडोर

आरआरटीएस (रीजनल रेल ट्रांजिट सिस्टम) के प्राथमिकता वाले तीन कारिडोर में से दूसरा है जिसे फेज एक में निर्मित किया जाना है। कारिडोर की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है।

कॉरिडोर के लिए डिजाइन कंसल्टेंट व जनरल कंसल्टेंट की नियुक्ति भी हो चुकी है। मुख्य परियोजना प्रबंधक का कार्यालय गुरुग्राम एवं दिल्ली में स्थापित कर लिया गया है और इंजीनियरों की नियुक्ति भी कर ली गई है।

मिलेगी मल्टी-मॉडल-इंटीग्रेशन की सुविधा

एनसीआर परिवहन निगम के अधिकारी बताते हैं कि इस कॉरिडोर पर आरआरटीएस स्टेशन यात्रियों के लिए मल्टी-मॉडल-इंटीग्रेशन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। मतलब सराय काले खां स्टेशन पर मेट्रो रेल, रेलवे स्टेशन व आईएसबीटी के साथ एकीकरण भी शामिल रहेगा।

पहले थे 17 स्टेशन

सराय काले खां, आईएनए, मुनिरका, एरोसिटी, उद्योग विहार, सेक्टर 17, राजीव चौक, खेड़कीदौला, मानेसर, पंचगांव, बिलासपुर चौक, धारूहेड़ा, एमबीआइआर, रेवाड़ी, बावल, एसएनबी।

अब ये चार स्टेशन होंगे कम

एमबीआईआर, स्टेशन, बावल, रेवाड़ी, एसएनबी

धारूहेड़ा में डिपो बनेगा

धारूहेड़ा में नमो भारत का बड़ा डिपो भी बनाया जाएगा। इसकी योजना पहले से थी। दिल्ली-अलवर ट्रैक के लिए यह डिपो पहले चरण में ही तैयार किया जाएगा।

आरआरटीएस ट्रेन की आपरेशनल स्पीड 160 किमी प्रति घंटा तथा औसत गति 100 किमी प्रति घंटा होगी और यह प्रत्येक 5-10 मिनट की आवृति पर उपलब्ध होगी।

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