Delhi Amrit Udyan: अब पर्यटकों के लिए एक साल में दो बार खुलेगा अमृत उद्यान, नोट करें टाइमिंग और अन्य डिटेल
Amrit Udyan Open अब सावन में 16 अगस्त से 16 सितंबर तक खुलेगा। इसे पहले मुगल गार्डन के नाम से जाना जाता था। इसी साल जनवरी में इसका नाम अमृत उद्यान किया गया था। 29 जनवरी से 29 मार्च के बीच यहां करीब दस लाख पर्यटक आए थे।
By Manu TyagiEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Thu, 30 Mar 2023 01:22 PM (IST)
नई दिल्ली [मनु त्यागी]। अपनी खूबसूरती के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध राष्ट्रपति भवन का अमृत उद्यान अगस्त माह में एक बार फिर आम जन के लिए खोला जाएगा। इस उद्यान के खुशबूदार रंग-बिरंगे फूल न केवल देश के लोगों को आकर्षित करते हैं, बल्कि विदेशी नागरिक भी इसे देखने के लिए आते हैं। आजादी के बाद यह पहली बार है जब इसे एक ही साल में दूसरी बार पर्यटकों के लिए खोला जाएगा।
पर्यटकों के उत्साह को देखते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने यह पहल की है। यह अब सावन में 16 अगस्त से 16 सितंबर तक खुलेगा। इसे पहले मुगल गार्डन के नाम से जाना जाता था। इसी साल जनवरी में इसका नाम अमृत उद्यान किया गया था। 29 जनवरी से 29 मार्च तक यहां दस लाख पर्यटक आए थे।
जो भी एक बार अमृत उद्यान की सैर कर लेता है, यहां की यादें सदैव के लिए उसके जीवन का हिस्सा बन जाती हैं। इस सावन में भी जब पर्यटक उद्यान की सुंदरता निहारने यहां आएं तो आंखों व दिल में प्रकृति के विविध रंग भर कर जाएं, इसकी तैयारी अभी से शुरू कर दी गई है। राष्ट्रपति के अपर सचिव राकेश गुप्ता के अनुसार अमृत उद्यान की सुंदरता बढ़ाने के लिए हमें ट्विटर, इंस्टाग्राम, फेसबुक व अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के जरिये कई सुझाव मिले, जिन पर अमल करते हुए व्यवस्था में सुधार किया गया है। पर्यटक जब यहां आएंगे तो उन्हें अलग ही अनुभव मिलेगा।
तेज धूप से बचाने को पौधों को मिलेगा छाया का कवच
बागवानी विभाग के अधिकारी अवनीश कुमार के मुताबिक मई-जून माह में तापमान 46-48 डिग्री सेल्सियस तक रहने की संभावना है। ऐसे मौसम में पौधों को बचाने के लिए हर उपाय किए जा रहे हैं ताकि अगस्त, सितंबर में उद्यान फूलों से भरा दिखाई दे। इसके लिए अप्रैल के दूसरे पखवाड़े से क्यारियों को तैयार करने और उनकी अतिरिक्त देखरेख में 40 से अधिक बागवान जुट जाएंगे। हर पौधे की मौसम के हिसाब से पानी की अलग जरूरत होती है जिसका ध्यान रखा जाएगा। पौधों पर सीधी धूप ना पड़े, यह झुलसे नहीं, इसके लिए इन्हें शेड्स से भी कवर किया जाएगा।