Delhi Ankit Saxena Murder Case: प्रेमिका के माता-पिता और मामा को उम्रकैद की सजा, बीच सड़क पर काटा था युवक का गला
अंकित सक्सेना की बीच सड़क गला काटकर हत्या मामले में उसकी प्रेमिका के माता-पिता और मामा को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में फरवरी 2018 में अंकित सक्सेना की सरेआम गला काटकर हत्या कर दी गई थी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दूसरे समुदाय की लड़की के साथ प्रेम संबंध होने पर बीच सड़क पर गला काटकर की गई अंकित सक्सेना की हत्या के मामले में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने प्रेमिका के माता मां शहनाज बेगम, पिता अकबर अली और मामा मोहम्मद सलीम को उम्रकैद की सजा सुनाई है। साथ ही तीनों पर 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार शर्मा ने सजा की अवधि पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था। तीनाें आरोपितों को दोषी करार देते हुए अदालत ने कहा था कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में सफल रहा कि अंकित की हत्या दूसरे समुदाय की लड़की के साथ प्रेम संबंध होने कारण की गई थी।
अंकित की मां बोलीं- फैसले से संतुष्ट नहीं
अंकित सक्सेना मामले में आरोपितों को मिली उम्रकैद पर अंकित की मां का कहना है कि वे कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। आरोपितों को फांसी मिलनी चाहिए। जिस तरह का कृत्य उनका है, उस हिसाब से फांसी से कम सजा हो ही नहीं सकती। इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील होगी।क्या है पूरा मामला?
पश्चिमी दिल्ली के रघुबीर नगर में फरवरी 2018 में अंकित सक्सेना की सरेआम गला काटकर हत्या कर दी गई थी। अदालत ने अंकित के दोस्त नितिन की गवाही दर्ज की थी। घटना के बाद पीड़ित परिवार ने मोहल्ला छोड़ दिया था और ए-ब्लाक से मकान बदलकर बी-ब्लाक में आ गए थे।
इस प्रकरण में पुलिस ने अप्रैल 2018 में लड़की के परिवार के तीन सदस्यों के खिलाफ तीस हजारी अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था और तीन मई 2018 को आरोपपत्र पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई सत्र अदालत में स्थानान्तरित कर दी गई थी।
25 मई 2018 को सत्र अदालत ने आरोपियों पर हत्या, हत्या की साजिश और मारपीट की धाराओं के तहत आरोप तय किए थे और नौ दिसंबर 2023 को अदालत ने निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।