दिल्ली के लोगों ने ली साफ हवा में सांस! 7 साल में इस बार फरवरी में सबसे कम रहा प्रदूषण
इस बार फरवरी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) और पीएम-2.5 का औसत स्तर वर्ष 2018 से अब तक सात वर्षों में सबसे कम रहा। इस बार फरवरी में औसत एक्यूआइ 218 और पीएम-2.5 का औसत स्तर 104 माइक्राेग्राम प्रति घन मीटर रहा। इस बार फरवरी में पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक वर्षा हुई है। इसे प्रदूषण कम होने का एक कारण माना जा रहा है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। राजधानी में लगातार पिछले आठ दिनों से हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में बनी हुई है। इसलिए प्रदूषण से अभी राहत है। इस बीच शुक्रवार को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) सोशल मीडिया पर पोस्ट कर जानकारी दी है कि इस बार फरवरी माह में प्रदूषण का स्तर पिछले सात वर्षों में सबसे कम रहा है।
10 साल में सबसे ज्यादा बारिश
इससे लोगों ने प्रदूषण से राहत की सांस ली। आयोग ने इस बार प्रदूषण कम होने का कोई कारण तो नहीं बताया है, लेकिन इस बार फरवरी में पिछले दस वर्षों में सबसे अधिक वर्षा हुई है। इसे प्रदूषण कम होने का एक कारण माना जा रहा है।
आयोग द्वारा जारी आंकड़े में कहा गया है कि इस बार फरवरी का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) और पीएम-2.5 का औसत स्तर वर्ष 2018 से अब तक सात वर्षों में सबसे कम रहा। इस बार फरवरी में औसत एक्यूआइ 218 और पीएम-2.5 का औसत स्तर 104 माइक्राेग्राम प्रति घन मीटर रहा।
15 दिन मध्यम श्रेणी की रही हवा की गुणवत्ता
मध्यम वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या इस बार अधिक रही और खराब से गंभीर श्रेणी की वायु गुणवत्ता वाले दिनों की संख्या कम रही, लेकिन इस बार फरवरी में एक दिन भी एक्यूआइ 100 से नीचे नहीं रहा। इसलिए एक भी दिन भी बिल्कुल स्वच्छ हवा तो नहीं मिली, लेकिन इस बार फरवरी में 15 दिन हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही। इस दौरान एक्यूआइ 100 से 200 के बीच रही।
दस दिन हवा की गुणवत्ता खराब श्रेणी में और चार दिन बहुत खराब श्रेणी में रही। इस बार फरवरी में 32.5 मिलीमीटर वर्षा हुई जो सामान्य से 53 प्रतिशत अधिक है। इससे पहले वर्ष 2014 में फरवरी में 48.8 मिलीमीटर वर्षा हुई थी। माह के आखिरी दिन भी दिल्ली में एक्यूआइ 147 रहा जो मध्यम श्रेणी में है। एनसीआर के सभी प्रमुख शहरों में भी एयर इंडेक्स 200 से कम होने से हवा की गुणवत्ता मध्यम श्रेणी में रही।