Exclusive Interview: लोगों ने विकास पर लगाई मुहर- रामनिवास गोयल
रामनिवास गोयल वर्तमान में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष हैं। उन्होंने लगातार दूसरी बार शाहदरा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। पढ़ें गोयल के दैनिक जागरण का Exclusive इंटरव्यू।
By TaniskEdited By: Updated: Thu, 13 Feb 2020 09:44 AM (IST)
सुधीर कुमार, नई दिल्ली। रामनिवास गोयल वर्तमान में दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष हैं। उन्होंने लगातार दूसरी बार शाहदरा विधानसभा सीट से जीत दर्ज की है। हालांकि वह वर्ष 1993 में भी भाजपा से विधायक रह चुके हैं। इस बार फिर जीत दर्ज करने के बाद सुधीर कुमार ने रामनिवास गोयल से कई मुद्दों पर लंबी बातचीत की। पेश हैं प्रमुख अंश ...
आम आदमी पार्टी ने लगातार तीसरी बार जबरदस्त जीत दर्ज की है, इस जीत के क्या मायने हैं, इस जीत ने क्या साबित किया है?जीत का सिर्फ एक ही मायना है कि विकास किया है। विकास पर लोगों ने अपने वोट के माध्यम से मुहर लगाई है और नफरत को हराया है। अब नफरत की राजनीति नहीं चल सकती।
पिछले पांच साल आप ने काम किया जिस पर जनता ने मुहर लगाई अब विकास को क्या गति मिलेगी?अभी दिल्ली में मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा किया है जिससे कि यहां के लोगों का जीवन सुधरे। हमने बिजली-पानी, झुग्गी- झोपड़ी के लोगों को शौचालय की सुविधा, सड़क, शिक्षा को लेकर काम किया। अब आगामी पांच साल के लिए केजरीवाल सरकार ने गारंटी कार्ड दिया है। जिसमें दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करना है, 24 घंटे पानी देना है। यमुना नदी की सफाई करनी है। परिवहन व्यवस्था में आमूल-चूल बदलाव लाना है।
दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों में शुमार है, इसे प्रदूषण मुक्त करने की क्या योजना है?इसके लिए दिल्ली सरकार ने वृहद परियोजना तैयार की है। पायलट प्रोजेक्ट भी बनाया गया है। गारंटी कार्ड में भी इसका जिक्र है। इस पर गंभीरता से लगातार कार्य होगा और दिल्ली प्रदूषण मुक्त होगी।
आपके क्षेत्र में अब क्या काम शेष रह गए हैं जिन्हें पूरा करवाना है?
मेरे क्षेत्र में सबसे बड़ी समस्या जाम की है। इसके लिए दो परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसके तहत यूपी बॉर्डर से आनंद विहार बस अड्डे तक के क्षेत्र को सिग्नल फ्री करना है। इस पर शीघ्र काम शुरू हो जाएगा। इसके अलावा सीमापुरी गोलचक्कर पर फ्लाईओवर बनाना है।
आपकी जिम्मेदारी पूर्ववत रहेगी या नई जिम्मेदारी मिलेगी?इसका फैसला पार्टी आलाकमान करेगा। मुङो तो पार्टी ने इतना कुछ दिया है कि अब पांच साल जनता की सेवा करनी है। उसके बाद तन मन धन पार्टी को समर्पित करनी है। देशभर में पार्टी का प्रचार करना है। नफरत की मानसिकता के शिकार नेताओं ने मेरे भी जीवन में 15 साल जहर घोले, लेकिन उन्हें मेरी पार्टी ने ऐसा जवाब दिया कि उनके पास कोई उत्तर नहीं है। इसलिए जरूरी है कि हमेशा सकारात्मक राजनीति की जाए।
प्राथमिक शिक्षा और प्राथमिक स्वास्थ्य निगम की जिम्मेदारी होती है, फिर दिल्ली सरकार इन क्षेत्रों में कैसे आ गई ?यही तो बड़ा सवाल है। प्राथमिक शिक्षा देने में नगर निगम पूरी तरह से फेल हुआ। वह नर्सरी की शिक्षा तक नहीं शुरू कर पाया। अब दिल्ली सरकार की नकल पर कुछ जगहों पर यह व्यवस्था की गई है। निगम स्कूल व निगम की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से बदहाल हैं। इसी वजह से दिल्ली सरकार को इस क्षेत्र में आगे बढ़ना पड़ा। मेरा तो मानना है कि दिल्ली में निगम की जरूरत ही नहीं है इसे भंग कर देना चाहिए। अभी भी वक्त है सब कुछ दिल्ली सरकार के अधीन कर दिया जाए तो दिल्ली स्वर्ग बन जाएगी।
निगमों की आर्थिक स्थिति खराब है जिसका खामियाजा अंतत: लोगों को ही भुगतना पड़ता है, क्या दिल्ली सरकार को आगे नहीं आना चाहिए?दिल्ली सरकार ने तो आगे बढ़कर काम किया है। जितना फंड देना चाहिए उससे ज्यादा दिया। पैसा कहां खर्च होता, इसके लिए निगम ऑडिट को तैयार ही नहीं है। सब जगह घपला है। सत्ता पक्ष के पार्षदों ने निगम को अपने अधीन किया हुआ है। घपले रोक दिए जाएं तो पैसे की कमी नहीं रहेगी। केंद्र सरकार देश के सभी नगर निगमों को प्रति व्यक्ति के हिसाब से तय राशि देती है। लेकिन दिल्ली के नगर निगमों को यह पैसा नहीं देती।
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