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Delhi Assembly Election 2025: AAP ने एक ‘चाल’ से अपनी राह आसान बनाई, कांग्रेस के लिए खड़ी की चुनौती

Delhi Election 2025 दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों में आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बड़ा कदम उठाया है। सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में मजबूत विपक्षी रहे पूर्व विधायक मतीन अहमद को अपने साथ जोड़कर आप ने अपनी राह आसान कर ली है। हालांकि इस कदम से कुछ लोगों के बगावत के स्वर भी उठने तय हैं। जानिए पूरी खबर।

By Ashish Gupta Edited By: Geetarjun Updated: Sun, 10 Nov 2024 10:51 PM (IST)
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आप सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल से गले मिलते हुए मतीन अहमद।
आशीष गुप्ता, पूर्वी दिल्ली। Delhi Vidhan Sabha Chunav 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी के बीच राजनीतिक मैदान में आम आदमी पार्टी (AAP) की ‘चाल’ ने सीलमपुर विधानसभा क्षेत्र में हलचल पैदा कर दी है। मजबूत विपक्षी रहे पूर्व विधायक मतीन अहमद को आप परिवार का हिस्सा बनाकर अपनी राह आसान और कांग्रेस (Congress) के लिए चुनौती खड़ी कर दी है।

इस विधानसभा क्षेत्र में आप के विधायक के रहते हुए निगम चुनाव में चारों वार्डों में मिली शिकस्त से पनपे खतरे को कम करने के प्रयास के रूप में इसे देखा जा रहा है।

हालांकि इस हलचल से कुछ लोगों के बगावत के स्वर उठने तय हैं। मतीन को शामिल करने के कार्यक्रम में बुलावे के बावजूद मौजूदा विधायक का गैरहाजिर रहना इस ओर इशारा करता है।

पहले भी हो चुके हैं इधर-उधर

यह पहली बार नहीं, जब मतीन ने किसी पार्टी को छोड़कर दूसरे दल का दामन थामा। उन्होंने विधायकी के लिए पहला चुनाव वर्ष 1993 में जनता दल से जुड़ कर लड़ा और जीते। फिर वर्ष 1998 में वह निर्दलीय मैदान में उतरे और जीते। फिर कांग्रेस का दाम थामा और इस पार्टी में रहते हुए लगातार तीन बार विधायक रहे।

आप प्रत्याशी से हारे

वर्ष 2015 में आप के हाजी इशराक ने इनकी जीत पर विराम लगाया था। फिर वर्ष 2020 में आप के अब्दुल रहमान ने इनको शिकस्त दी। सत्ता में रहते हुए और उससे बाहर होकर होने के बाद हर वर्ग को समान सम्मान देने के मतीन के व्यवहार ने लोगों को उनसे बांधे रखा।

परिवार भी उतरा राजनीति के मैदान में

इसका सकारात्मक परिणाम इनके बेटे जुबैर अहमद को मिला। अब्दुल रहमान के विधायक बनने के बाद चौहान बांगर वार्ड की सीट खाली होने पर उप चुनाव में लोगों ने जुबैर को बहुमत देकर पार्षद बनाया। वर्ष 2022 के निगम चुनाव में मतीन की बहू शगुफ्ता और मौजूदा आप विधायक अब्दुल रहमान की पत्नी आसमा बेगम चौहान बांगर वार्ड में आमने-सामने रहीं।

लोगों ने मौजूदा विधायक की पत्नी के बजाय मतीन की बहू को वोट देकर पार्षद बनाया। गत निगम चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र की गौतपुरी, मौजपुर और सीलमपुर सीट पर भी आप को शिकस्त मिली थी।

आप इस क्षेत्र के लिए थी आशंकित

सूत्रों का मानना है कि तभी से इस विधानसभा क्षेत्र को लेकर आप आशंकित थी। इस सीट को अपने पास बरकरार रखने के लिए मजबूती प्रदान करने के जतन चल रहे थे। जिसे विधानसभा चुनाव की सरगर्मी शुरू होने के साथ आप ने अंजाम दे दिया।

पहले मतीन के बेटे जुबैर अहमद और बहू शगुफ्ता को आप की सदस्यता दिलाने में सफलता पाई। फिर कांग्रेस की ‘उम्मीद’ का बड़ा चेहरा और मजबूत विपक्षी मतीन अहमद को अपने साथ जोड़ लिया।

विपक्षी को जोड़ने का निर्णय पार्टी ने सोच समझ कर लिया होगा। मैंने अपना राजनीतिक करियर पार्टी के ऊपर नहीं, अपनी इलाके के लोगों से जुड़कर शुरू किया था। मेरे इलाके के लोग जो कहेंगे, मैं आगे वही करूंगा। -अब्दुल रहमान, विधायक, सीलमपुर

अवसरवादी किसी समय पाला बदल सकते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। यही वो कांग्रेस है, जिससे लोग बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं। वर्ष 2025 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को लोगों का साथ मिलेगा। -देवेंद्र यादव, अध्यक्ष, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी

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