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Delhi Assembly: विधानसभा के विशेष सत्र का आज अंतिम दिन, केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे सत्ता पक्ष के विधायक

दिल्ली विधानसभा के दूसरे दिन की शुरुआत हो गई है। स्पीकर रामनिवास गोयल ने कहा कि इस बार विधानसभा में क्रिसमस और नव वर्ष का कोई कार्यक्रम नहीं हो सकेगा। वित्त विभाग ने बजट देने से इनकार किया है। स्पीकर ने इसके लिए दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना को दोषी ठहराया और कहा कि सदन का अपमान हो रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Mon, 18 Dec 2023 11:47 AM (IST)
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Delhi Assembly: विधानसभा के विशेष सत्र का आज अंतिम दिन,
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन की शुरुआत हो गई है। सत्र के अंतिम दिन सदन में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपना वक्तव्य देंगे। साथ ही विधानसभा में आज सत्ता पक्ष के विधायक केंद्र की जांच एजेंसियों की कार्रवाई सहित अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

बता दें कि वर्तमान में आम आदमी पार्टी सरकार के दो पूर्व मंत्री, एक राज्यसभा सदस्य व एक अन्य नेता जेल में हैं। आबकारी घोटाला मामले में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह जांच एजेंसियों की हिरासत में जेल में हैं।

इस बार नहीं होगा नव वर्ष का कोई कार्यक्रम

स्पीकर रामनिवास गोयल ने कहा कि इस बार विधानसभा में क्रिसमस और नव वर्ष का कोई कार्यक्रम नहीं हो सकेगा। वित्त विभाग ने बजट देने से इनकार किया है। स्पीकर ने इसके लिए एलजी को दोषी ठहराया और कहा कि सदन का अपमान हो रहा है। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायक दिलीप पांडे के सुझाव को स्वीकार कर स्पीकर ने दो बजे सदन में प्रधान वित्त सचिव को बुलाया है।

भाजपा ने मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना पर उठाए सवाल

वहीं, भाजपा विधायक जितेंद्र महाजन ने मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र से बिना उनके सत्यापित किए ही लाभार्थियों की सूची बन गई है। इसे लेकर उन्होंने पूछा- क्या इस नीति में कोई बदलाव हुआ है? क्या अब क्षेत्र के विधायक का सत्यापन भी जरूरी नहीं? इस पर दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने पता करके जानकारी देने का आश्वासन दिया।

दिल्ली विधानसभा के सत्र में आज सदन में जिन मुद्दों पर चर्चा होनी है उनमें "अस्पतालों को भुगतान न करने के कारण 'फरिश्ते' योजना बंद होने की कगार पर, "दिल्ली सरकार द्वारा अनधिकृत कॉलोनियों के निवासियों को पानी, सीवर और सड़क आदि जैसी बुनियादी सुविधाओं का प्रावधान और वित्त विभाग द्वारा लोक निर्माण विभाग, दिल्ली जल बोर्ड और स्वास्थ्य विभाग के कामकाज में बाधाएं पैदा करना है।

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