Delhi Assembly Session 2024 दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र शुरुवार को शुरू हो गया है। आज भी सदन की कार्यवाही देरी से शुरू हुई। वहीं सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठा। इसके अलावा धन्यवाद प्रस्ताव पारित हुआ। हालांकि आज भी कल की तरह कार्यवाही के दौरान कोरम पूरा नहीं हुआ है। पढ़िए पूरा अपडेट।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Delhi Assembly Session 2024 दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र दूसरे दिन शुक्रवार को शुरू हो गया है। सदन की कार्यवाही 23 मिनट देरी से शुरू हुई। सुबह 11 बजे भी कोरम पूरा नहीं हुआ। इससे पहले गुरुवार को भी कोरम पूरा नहीं हुआ था।
वहीं, सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया और नारेबाजी की। स्पीकर ने 15 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की।
विधानसभा सत्र के दौरान आप विधायकों ने सदन के बाहर भाजपा के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस दौरान आप कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की।
रितुराज ने भी भाजपा पर बोला हमला
आप की ओर से रितुराज ने कहा कि निगम डीएमसी एक्ट से चलता है। चंडीगढ़ की करतूत को सुप्रीम कोर्ट और देश ने देखा। इनकी नीयत खराब है। पहले दिन से। निगम को लूट का अड्डा बना कर रखा है। कामधेनू गाय से इनकी मोह-माया हट नहीं पा रही है। स्थायी समिति की एक सीट के लिए चुनाव होना है। उसके लिए इतना परेशान है। एलजी अमरीका में है। और वहां से आदेश दिया जा रहा है। ऐसी क्या आफत है। क्या पांच-सात दिन इंतजार नहीं कर सकते हैं। पार्षदों को ईडी-सीबीआई में फंसाकर, पैसों का लालच देकर क्रास वोटिंग कराकर तिकड़म कर रहे हैं। भाजपा संविधान विरोधी है।
अभय वर्मा ने आप पर किया वार
भाजपा की ओर से अभय वर्मा ने कहा कि दिलीप पांडेय के वक्तव्य का विरोध करता हूं। फैक्ट को तोड़-मरोड़ कर रखा। लोकतंत्र की हत्या मेयर की है। 15 दिन पहले 26 सितंबर को चुनाव तय हुआ था। निगम के लोगों ने नामांकन किया था। तय किया था। लेकिन, मेयर साहिबा चुनाव हाउस को स्थगित करके चली गई। दिल्ली डूब गई बारिश के पानी में। पूरा निगम ठप पड़ा है। पानी में डूबने से दिल्ली के 20 लोग मर गए। पौने दो साल से मेयर बनकर बैठी हुई हैं। आप के पार्षदों ने लोकतंत्र को तार-तार किया है। गलत आरोप लगाते हैं और चुनाव से भाग जाते हैं।
भाजपा हारने पर ऐसे ही करती है
प्रवीण कुमार ने कहा कि जब भाजपा हार जाती है तो इसी प्रकार के तिकड़में करती हैं। भाजपा गलत तरीके से इलेक्शन कराना चाहती है। मेयर ने लिखकर दे दिया। इसके बावजूद एलजी अमरीका से बैठकर चिट्ठी लिख रहे हैं। यह देश में किस तरह का लोकतंत्र है। ऐसे तो हर जगह स्पीकर की कुर्सी पर नौकरशाह को बैठा दिया जाएगा। संवैधानिक संस्थाओं को भाजपा डिरेल कर रही है। एलजी के निर्देश की कड़ी निंदा करते हैं। 13 लोगों में मैं भी शामिल हूं। आज तक ऐसा निगम में कभी नहीं हुआ है। एलजी ने संविधान की हत्या करने की कोशिश की है।
बता दें कि 70 में से 16 विधायक सदन की कार्यवाही शुरू करने के लिए जरूर होने चाहिए, लेकिन इतने विधायक भी समय पर नहीं पहुंच रहे। इस कारण ही सदन की कार्यवाही देरी से शुरू हो पाई है।वहीं, सदन में कार्यवाही के दौरान रिज क्षेत्र में पेड़ों की कटाई का मुद्दा आज फिर उठा है। पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता से वह कागज पेश करने को कहा, जिससे पता चले कि पेड़ काटने की अनुमति ट्री ऑफिसर ने दी थी।
नेता प्रतिपक्ष ने कागज न रखने पर गोपाल राय ने कहा कि पेड़ बिना अनुमति के ही काटे गए हैं। विशेष उल्लेख (नियम संख्या 280) को पढ़ा हुआ मान लिया गया।मुख्य सचेतक दिलीप पांडेय ने बुजुर्गों की पेंशन शुरू होने पर रखा धन्यवाद प्रस्ताव। अब इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। नेता प्रतिपक्ष- 2018 के बाद एक भी बुजुर्ग पेंशन नहीं बनी। कम से कम जो रिक्तियां हुई हैं, उनकी जगह तो नई पेंशन बना ही देनी चाहिए।
राखी बिडला ने कहा कि केंद्र सरकार ने 4.90 लाख के ऊपर बुजुर्ग पेंशन पर कैपिंग कर रखी है। गुप्ता जी झूठ बोलकर सदन को गुमराह कर रही है।अभय वर्मा ने कहा कि कैपिंग की बात बाद में की जाए। पहले एक लाख की रिक्तियां भरी जाएं। वहीं, राजेश गुप्ता ने कहा कि दिल्ली नगर निगम भी बुजुर्गों को पेंशन देती थी। लेकिन, अब पेंशन देना बंद कर दिया है। बुजुर्गों को बेइज्जत करके पेंशन देते थे। निगम का काम नहीं था। जब पेंशन देनी बंद कर दी। तो दिल्ली सरकार ने सारी पेंशन ले ली। निगम की भी तनख्वाह नहीं दे पाए। तनख्वाह आप पार्टी दे रही है। बुजुर्गों को तीर्थयात्रा भी करा रहे हैं।
वहीं, धन्यवाद प्रस्ताव पारित हुआ। सत्ता पक्ष के विधायक संजीव झा ने रखा छठ पूजा घाटों को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव (नियम संख्या 54 के तहत)। इस पर चर्चा शुरू हुई। संजीव झा ने कहा कि छठ पूजा पहले की तरह यमुना के घाटों पर आयोजन करने पर ध्यानाकर्षण। पूर्वांचल की आस्था का महापर्व है। दिल्ली में पूर्वांचल वासी धूमधान से मनाते हैं। 2020 से पहले मनाया जाता था। यमुना के घाटों पर। केजरीवाल सरकार का धन्यवाद कि पहले केवल 67 जगहों पर छठ पूजा का आयोजन होता था। अब एक हजार जगहों पर पूजा होता है। कोरोना के कारण डीडीए ने नोटिफिकेशन निकाला कि यमुना के किनारे छठ पूजा नहीं होगा। लोगों ने इसका पालन किया। 2023 में यमुना के घाटों पर छठ पूजा का आयोजन नहीं हो पाया। लाखों की संख्या में लोग आते रहे हैं। अब नुकसान हुआ कि लोगों को अपने घर जाना पड़ा। इसके चलते रेलवे स्टेशन पर भीड़-भाड़ बढ़ गई और हादसे भी होते हैं।
जैसे पहले यमुना घाट पर छठ पूजा होती थी। उसी तरह से पूजा हो। प्रदूषण का मिथक भी फैलाया जाता है। सदन के माध्यम से बताना चाहता हूं कि छठ पूजा में विसर्जन नहीं होता है। लोग इसमें घर और नदियों की साफ-सफाई करते हैं। दिल्ली के पहले और दिल्ली के बाद भी यमुना के किनारे पूजा होती है। अलग-अलग कानून नहीं होना चाहिए। एलजी साहब से निवेदन है कि महामारी के समय निकाला हुआ नोटिफिकेशन को कैंसल किया जाए। आखिर पूर्वांचल वासियों को किस कारण से वंचित किया जा रहा है।
आम आदमी पार्टी ने कहा कि नगर निगम के स्थायी समिति की बैठक की अध्यक्षता कोई अधिकारी नहीं कर सकता है। मगर एलजी ने भाजपा के कहने पर नगर निगम की अध्यक्षता नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त की अध्यक्षता में कराने के निर्देश दिए हैं।आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा कि उनकी पार्टी इसका विरोध करती है। क्योंकि यह कानून संगत नहीं है। नगर निगम ने आज एक बजे जो बैठक बुलाई है, आप उसमें भाग नहीं लेगी। जो नोटिस निकाला गया है वह अवैध है। आप स्थाई समिति के एक सदस्य के लिए आज होने वाले चुनाव में भाग नहीं लेगी, हम पांच अक्टूबर को चुनाव कराएंगे। जरूरत पड़ी तो आप इस मामले में अदालत का रुख करेगी।
दिलीप पांडेय ने कहा कि निगम के मेंबर के तौर पर सदन ने नॉमिनेट किया है। भाजपा और एलजी साहब संविधान का सम्मान नहीं कर रहे हैं। लोकतंत्र, संविधान और एमसीडी के कानून का मजाक बना दिया। रात में चुनाव हो जाएगा। ये कहा जा रहा है कि एलजी साहब ने आदेश निकाल दिया है। जबरन चुनाव कराने की चर्चा की जा रही है। एक बजे चुनाव कराने की कोशिश की जा रही है। नियम के अनुसार, बिना चुना हुआ आदमी हाउस को प्रीसाइड नहीं कर सकता है। लोकतंत्र का सम्मान करना भाजपा के व्यवहार का हिस्सा नहीं है। कल्पनातीत और दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। हाउस ने नॉमिनेट किया है। एक क्लर्क के जरिए प्रीसाइड कराके संविधान और कानून का उल्लंघन किया जा रहा है।वंदना कुमारी ने कहा कि नगर निगम में हद हो गई। जो निगम सदन में हो रहा है। इसी सदन ने मुझे नॉमिटेड किया है। जिस तरीके से आज निर्णय सुना दिया गया है कि एक अधिकारी बैठेंगे और चुनाव होगा। अधिकारियों को अपने सिस्टम से नचाया जा रहा है। एक-एक काम में रोड़ा डाला जा रहा है। चुने हुए प्रतिनधियों की बजाय अधिकारियों के माध्यम से निगम चलाने की कोशिश की जा रही है। चुने हुए प्रतिनिधियों के अधिकार को छीना जा रहा है। यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है। मेयर पहले ही पांच अक्तूबर का दिन तय कर चुकी है। ऐसी क्या आफत पड़ी है कि अचानक एक बजे का समय दे दिया गया। चुना हुआ सदस्य ही प्रतिनिधित्व करे।
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