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'मारपीट के बाद आफताब मांगता था माफी, श्रद्धा सब भूलकर कर देती थी माफ'; भाई के रोकने पर भी नहीं छोड़ा साथ

श्रद्धा हत्याकांड में गुरुवार को दिल्ली की कोर्ट में गवाही हुई। आफताब और उनके के बीच कभी-कभार लड़ाई हो जाती थी और आरोपित उनकी पिटाई भी करता था। हर बार ऐसी लड़ाइयों के बाद आफताब श्रद्धा से माफी मांग लेता और श्रद्धा सब कुछ भूलकर उसे माफ कर देती थी।

By Rajneesh kumar pandeyEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Thu, 01 Jun 2023 08:50 PM (IST)
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Shraddha Murder: श्रद्धा सब भूलकर आफताब को कर देती थी माफ

दक्षिणी दिल्ली, जागरण संवाददाता। श्रद्धा हत्याकांड मामले में साकेत कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ की अदालत में बृहस्पतिवार को ट्रायल शुरू किए गए। इस दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से तीन महत्वपूर्ण गवाह श्रद्धा का छोटा भाई श्रीजय विकास वालकर, एक ऑटो चालक और श्रद्धा-आफताब के छतरपुर की एक पड़ोसी कोर्ट के समक्ष पेश किए गए।

गवानों के दर्ज कराए गए बयान

उन्होंने पुलिस रिकार्ड में दर्ज श्रद्धा व आफताब की फोटो और कोर्ट में मौजूद आरोपित आफताब की पहचान कर अपना बयान कोर्ट के समक्ष पेश किया। वहीं आफताब की ओर से मुख्य वकील के अनुपस्थित होने के चलते इन तीनों गवाहों से आफताब के वकील की ओर से कोई जिरह (क्रास एग्जामिनेशन) नहीं किया जा सका। मामले में 12 जुलाई को उक्त तीनों गवाहों का क्रॉस एग्जामिनेशन आरोपित आफताब के वकील की ओर से किया जाएगा।

9 मई को कोर्ट ने तय किए थे आरोप

इसके बाद 17 और 18 जुलाई को मामले में अन्य गवाहों को दिल्ली पुलिस की ओर से पेश किया जाएगा। साथ ही आफताब की ओर से एक आवेदन दांत से संबंधित बीमारी का इलाज कराने के लिए कोर्ट में दाखिल किया गया है, जिसमें अदालत ने जेल अधिकारियों को उचित कार्रवाई का निर्देश दिया है। इससे पहले 9 मई को अदालत ने पूनावाला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत आरोप तय किए थे।

कॉल सेंटर में मिले थे आफताब और श्रद्धा

पीड़िता के भाई श्रीजय ने अदालत को बताया कि साल 2018-19 में उनकी बड़ी बहन श्रद्धा आफताब से एक कॉल सेंटर में मिली थी। जिसके कुछ समय बाद श्रद्धा ने उन्हें और उनकी मां को बताया कि वह आफताब के साथ रिश्ते में हैं। उनकी मां-पिता ने श्रद्धा को समझाया कि आफताब अलग धर्म का है और उसके साथ शादी विवाह इत्यादि समाज द्वारा स्वीकार्य नहीं होगा, लेकिन श्रद्धा ने कहा कि वह अब 25 साल की हैं और अपने निर्णय स्वयं ले सकती हैं। वह आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहना चाहती हैं।

मारपीट के बाद मांफी मांग लेता था आफताब

इसके बाद श्रद्धा अपना घर छोड़ कर आफताब के साथ नायगांव (मुंबई) में किराए के मकान में शिफ्ट हो गई। फिलहाल तब तक श्रद्धा से उनकी फोन पर बातचीत और कभी कभार मुलाकात भी हो जाती थी। घर छोड़ने के करीब दो हफ्ते बाद श्रद्धा ने उन्हें बताया कि आफताब और उनके के बीच कभी-कभार लड़ाई हो जाती थी और आरोपित उनकी पिटाई भी करता था। इस पर सभी ने उसे आफताब को छोड़कर वापस आने की सलाह दी, लेकिन हर बार ऐसी लड़ाइयों के बाद आफताब श्रद्धा से माफी मांग लेता और श्रद्धा सब कुछ भूलकर उसे माफ कर देती थी और उसके साथ रहने लगती थी।

कुछ समय बाद उनकी मां की मृत्यु हो गई और तब श्रद्धा आफताब के साथ घर आई। पिता व भाई ने उन्हें समझाने की कोशिश की, रोकना चाहा, लेकिन वह आफताब को छोड़ने के लिए तैयार नहीं हुई और उसके साथ वापस चली गई। बाद में श्रद्धा के साथ परिवार का संपर्क कम हो गया, क्योंकि वह समझ गए थे कि वह पूरी तरह से आरोपित के बहकावे में है। 

गवाही के दौरान पड़ोसी ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने श्रद्धा की हत्या से एक दो दिन पहले ही आफताब को श्रद्धा पर गुस्सा करते हुए देखा था। इस दौरान श्रद्धा कहीं बाहर से होकर आई थी और आफताब ने गुस्से में दरवाजा खोला था। इसके बाद वह श्रद्धा पर काफी गुस्सा कर रहा था और दोनों अंदर चले गए थे। वहीं ऑटो चालक ने बताया कि उसने हत्या वाले दिन दोपहर में श्रद्धा को अर्जुनगढ़ मेट्रो स्टेशन से छतरपुर पहाड़ी स्थित उनके घर के पास छोड़ा था, जिसके बाद श्रद्धा ने यूपीआई से उनको 100 रुपए का भुगतान किया था।

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