दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय में फीस के मुद्दे पर आदेश गुप्ता ने लिखा सीएम केजरीवाल को पत्र
फीस वृद्धि और फीस जमा नहीं करने पर भारी जुर्माना लगाने के मुद्दे पर दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर छात्रों की समस्या हल करने की मांग की है।
By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 09 Aug 2020 08:00 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (डीटीयू) के छात्रों का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को दिल्ली प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचा। उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से अपनी समस्या बताकर हल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन छात्रों पर फीस जमा नहीं करने पर नाम कटने की धमकी दे रहा है। फीस बढ़ाने के साथ ही समय पर जमा नहीं करने वालों से जुर्माना वसूला जा रहा है। छात्रों की समस्याएं सुनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखा। उन्होंने कहा कि छात्रों की परेशानी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। छात्रों को फीस भरने के लिए अतिरिक्त समय और किस्त में इसे जमा करने की सुविधा मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में लोग आर्थिक परेशानी से भी जूझ रहे हैं। ऐसे में छात्रों और उनके अभिभावकों पर फीस के लिए दबाव डालना अनुचित है। उनका आर्थिक व मानसिक उत्पीड़न हो रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट को ध्यान में रखकर इस वर्ष फीस जमा करने में देरी होने पर जुर्माना का प्रावधान समाप्त किया जाना चाहिए। जिन छात्रों से जुर्माना वसूला गया है उन्हें वापस किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के कारण छात्र प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि का उपयोग नहीं कर रहे हैं। इन सेवाओं का शुल्क भी छात्रों से नहीं लिया जाना चाहिए।
शिक्षकों को वेतन दिलाने में मदद करें एलजी
दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कालेजों के शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों के वेतन के भुगतान में हो रही देरी पर ऐतराज जताया है। उन्होंने इसके लिए आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर कॉलेज के कर्मचारियों की समस्या हल करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में दिल्ली सरकार लगातर टाल-मटोल कर रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री केजरीवाल और शिक्षा विभाग संभालने वाले उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मांग की गई है, लेकिन समस्या दूर नहीं हुई। उन्होंने कहा कि सरकार का यह दावा है कि इन कॉलेजों के लिए पहली तिमाही का फंड जारी किया जा चुका है। लेकिन हकीकत यह है कि शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों को अभी तक उनका वेतन नहीं मिला। उन्होंने कहा कि यह इन कॉलेजों में पढ़ने वाले हजारों छात्रों, शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों से जुड़ा हुआ मामला है, इसलिए उपराज्यपाल को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए।
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