Delhi News: दिल्ली जल बोर्ड के अपग्रेडेशन कार्यों में 500 करोड़ के घोटाले का आरोप, भाजपा ने ईडी-सीबीआई से जांच की मांग की
सचदेवा ने पूरे मामले की तत्काल जांच के लिए सीबीआइ प्रवर्तन निदेशालय के साथ-साथ उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को तथ्यों के साथ विस्तृत नोट भेजे हैं। सचदेवा ने रविवार को एक प्रेसवार्ता कर ठेकेदारों को ठेके देने की जल्दबाजी करने और परियोजनाओं को आवंटित करने में अनुचित जल्दबाजी दिखाने वाले अधिकारियों और संबंधित मंत्री के खिलाफ जांच कराने का आह्वान किया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) में एकल बोलीदाताओं को अपग्रेडेशन व सुदृढीकरण कार्य सौंपकर 500 करोड़ का घोटाला किया है। ठेकेदारों ने सरकारी निविदा प्रक्रिया में अनिवार्य विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जमा नहीं की थी।
सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय से जांच की मांग
सचदेवा ने पूरे मामले की तत्काल जांच के लिए सीबीआइ, प्रवर्तन निदेशालय के साथ-साथ उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को तथ्यों के साथ विस्तृत नोट भेजे हैं। सचदेवा ने रविवार को एक प्रेसवार्ता कर ठेकेदारों को ठेके देने की जल्दबाजी करने और परियोजनाओं को आवंटित करने में अनुचित जल्दबाजी दिखाने वाले अधिकारियों और संबंधित मंत्री के खिलाफ जांच कराने का आह्वान किया है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कार्यों की लागत आश्चर्यजनक रूप से बहुत अधिक है। भले ही कुछ बोलीदाताओं ने डीपीआर प्रदान करने की पेशकश की थी, लेकिन दिल्ली सरकार ने कार्यों के ठेके पाने वालों के पक्ष में पूर्व-निर्धारित निर्णय के स्पष्ट मामले में उचित परिश्रम और लागत विश्लेषण के बिना कार्यों को आवंटित करने में अत्यधिक जल्दबाजी दिखाई।
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सचदेवा ने लगाए कई आरोप
हालांकि संबंधित मंत्री निर्णय को मंजूरी देने में सक्षम नहीं थे, फिर भी दिल्ली सरकार ने कार्यों का ठेका देने में आगे बढ़ गई। सचदेवा ने आरोप लगाया कि 10 एसटीपी (सीवेज उपचार संयंत्र) में से केवल पांच को अपग्रेडेशन के लिए चुना गया था, जबकि बाकी को 2022 में 1938 करोड़ रुपये की लागत से अपग्रेडेशन एवं सुदृढीकरण के लिए लिया गया था।