Move to Jagran APP

Feedback Unit Case: जासूसी कांड को लेकर AAP को घेरने में जुटी भाजपा, CM केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन

Feedback Unit Case जासूसी कांड को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने आम आदमी पार्टी (आप) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ताजा मामले में भाजपा कार्यकर्ता दिल्ली सरकार पर फीडबैक यूनिट से जासूसी कराने का आरोप लगाकर सीएम केजरीवाल के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। (Photo- ANI)

By Jagran NewsEdited By: Abhishek TiwariUpdated: Thu, 09 Feb 2023 12:16 PM (IST)
Hero Image
Feedback Unit Case: जासूसी कांड को लेकर AAP को घेरने में जुटी भाजपा
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि राज्य सरकार फीडबैक यूनिट (एफबीयू) के जरिये राजनीतिक जासूसी करा रही थी। इस मामले को लेकर भाजपा आम आदमी पार्टी को घेरने की पुरजोर कोशिश कर रही है।

ताजा मामले में भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई फीडबैक यूनिट (एफबीयू) को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ता आईटीओ से दिल्ल सचिवालय तक मार्च निकाल रहे हैं। 

फीडबैक यूनिट से दिल्ली सरकार करा रही थी जासूसी: CBI

सीबीआई के अनुरोध पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया व एफबीयू से जुड़े पांच अन्य लोगों के खिलाफ केस चलाने की संस्तुति देते हुए कड़ी टिप्पणी के साथ फाइल राष्ट्रपति को भेज दी है। मुख्यमंत्री के सलाहकार (भ्रष्टाचार निरोधक) गोपाल मोहन पर भी एफआइआर दर्ज करने की अनुमति दी है। 2015 में आप सरकार ने सतर्कता विभाग की मजबूती के लिए यह यूनिट बनाई थी।

पहले मोदी-अदाणी के संबंधों की हो जांच: AAP

जासूसी का आरोप लगाकर सीबीआई द्वारा उपमुख्यमंत्री के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगने और भाजपा की ओर से निशाना साधने को आप ने झूठ का पुलिंदा बताया है। पार्टी ने कहा है कि सीबीआई और ईडी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गौतम अदाणी के बीच के संबंधों की जांच करनी चाहिए, जहां असली भ्रष्टाचार हुआ है। आप ने कहा है कि पूरा देश जानता है कि राजनीतिक जासूसी नरेन्द्र मोदी करवाते हैं, सिसोदिया नहीं। एफआइआर तो मोदी के खिलाफ होनी चाहिए, न कि सिसोदिया के खिलाफ।

भाजपा की ओर से लगाए गए सभी आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं। भाजपा ने हमारे नेताओं के खिलाफ करीब 163 मुकदमे दर्ज कराए हैं, लेकिन एक भी मामला साबित नहीं कर पाई है। इनमें से लगभग 134 मामलों को अदालतों ने खारिज कर दिया है और बाकी में भाजपा की केंद्र सरकार कोई सुबूत नहीं दे पाई है।

राजनीतिक थी 40 प्रतिशत रिपोर्ट

सीबीआई की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि एफबीयू की रिपोर्ट का 60 प्रतिशत हिस्सा ही उसके दायित्व से जुड़ा था। शेष 40 प्रतिशत रिपोर्ट राजनीतिक खुफिया एवं विविध गोपनीय जानकारियों पर थी। रिपोर्ट के अनुसार, प्रथमदृष्टया लोक सेवकों ने नियमों, दिशानिर्देशों और परिपत्रों का जानबूझकर उल्लंघन किया। यह संबंधित लोक सेवकों, उपमुख्यमंत्री और तत्कालीन सचिव (सतर्कता) द्वारा गलत इरादे से आधिकारिक पद के दुरुपयोग को उजागर करती है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।