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Delhi Blast: धमाके में इस्तेमाल केमिकल और सफेद धुआं क्यों बना पहेली, अब तक क्या और जांच एजेंसियों क्या पता चला?

Delhi Blast News दिल्ली में हुए धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। सीआरपीएफ स्कूल के पास हुए विस्फोट में केमिकल स्मोक का इस्तेमाल किया गया है जो पहले कभी नहीं देखा गया। पुलिस और अन्य एजेंसियां आतंकवादी गतिविधि के पहलू से जांच कर रही हैं। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल फोन डेटा की जांच की जा रही है।

By Rakesh Kumar Singh Edited By: Geetarjun Updated: Mon, 21 Oct 2024 10:09 PM (IST)
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ब्लास्ट के बाद घटनास्थल पर जांच करते जांचकर्मी।

राकेश कुमार सिंह, नई दिल्ली। सीआरपीएफ स्कूल की दीवार के पास रविवार सुबह जिस प्रकार का तेज धमाका हुआ और उसके असर से सड़क के दूसरी तरफ की दुकानों को क्षति पहुंची, उसे देखते हुए दिल्ली पुलिस समेत सभी एजेंसियां आतंकवादी हरकत के पहलू से जांच कर रही हैं। यह बात सामने आई है कि बम बनाने में नए तरीके के केमिकल का इस्तेमाल किया गया।

इससे पहले दिल्ली में हुए धमाकों में कभी इस तरह के केमिकल मिश्रण का इस्तेमाल नहीं हुआ था। यह केमिकल बम जैसा हो सकता है। इसे कैसे ब्लास्ट किया गया, स्पेशल सेल व अन्य एजेंसियों के लिए यह सवाल पहेली बना है। जांच में अभी केमिकल के बारे में आधी-अधूरी जानकारी पता लग सकी है।

सफेद धुएं के गुबार ने हैरत में डाला

सफेद धुएं के गुबार ने जांचकर्ताओं को हैरत में डाल रखा है। एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि हो सकता है कि किसी केमिकल विशेषज्ञ से बम बनवाया गया हो। घटना के 40 घंटे बीते जाने के बावजूद एजेंसियों के हाथ खाली हैं।

सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की जब्त

रोहिणी सेक्टर-24 के प्रशांत विहार में स्कूल के ठीक सामने जिस दुकान के सीसीटीवी कैमरे में धमाके की तस्वीरें कैद हुई हैं, पुलिस ने उसकी डीवीआर को जांच के लिए जब्त कर लिया है। पुलिस को उम्मीद है कि बम रखने वाले की भी तस्वीरें फुटेज में हो सकती हैं।

मोबाइल फोन का डाटा लेकर जांच जारी

इसके अलावा घटना के कुछ घंटे पहले और बाद में उस इलाके में जितने भी मोबाइल फोन सक्रिय थे, पुलिस सेल्युलर सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों से उन नंबरों का डंप डाटा लेकर जांच कर रही है। इन दोनों मामले की जांच से पुलिस को कोई सुराग मिलता तो केस हल हो जाएगा अन्यथा केस को जांच के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए, NIA) को ट्रांसफर किया जा सकता है।

लैब में कौन से कैमिकल होने का चला पता

मौके से उठाए गए नमूने की लैब में जांच करने पर क्लोराइड व हाईड्रोजन पैराक्साइड का मिश्रण होने का पता चला है। स्पेक्टोमीटर से गहराई से जांच करने पर पता लग सकेगा कि क्लोराइड के साथ सोडियम अथवा पोटैशियम में कौन सा केमिकल था। एनएसजी से रिपोर्ट आने में तीन-चार दिन का समय लग सकता है। पुलिस ने अभी फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) के पास नमूना नहीं भेजा है।

खालिस्तान समर्थक, ISI और नक्सली की भूमिकी की भी जांच

सीआरपीएफ स्कूल के पास धमाके में पुलिस अधिकारी नक्सली, खालिस्तान समर्थक व पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई आदि की संलिप्ता समेत कई पहलुओं से जांच कर रही है। सीआरपीएफ ने हाल के वर्षों में कई राज्यों में नक्सलियों के खिलाफ काफी आपरेशन किए हैं। ऐसे में संभावना है नक्सलियों द्वारा वारदात को अंजाम दिया गया हो।

इसलिए खालिस्तानी एंगल मान रही एजेंसियां

खालिस्तानी एंगल इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि अमेरिकी एजेंसी ने खालिस्तान समर्थक आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने में रॉ के जिस पूर्व अधिकारी विकास यादव को वॉन्टेड बताया है, उसकी तैनाती प्रतिनियुक्ति सीआरपीएफ में ही थी। इन दोनों कारणों से सीआरपीएफ स्कूल के पास बम रखकर धमाका कराया गया हो सकता है।

इससे दहशतगर्द सीआरपीएफ व भारत सरकार को संदेश देने की कोशिश कर रहे हों। स्पेशल सेल का कहना है कि आईएसआई लंबे समय से भारत में अलग-अलग तरीके से आतंकवादी गतिविधियां चला रही है। ऐसे में हो सकता है यह आईएसआई की ही हरकत हो।

टेलिग्राम पर जस्टिस लीग इंडियन नाम ने ली जिम्मेदारी

उधर, मैसेजिंग सर्विस प्लेटफॉर्म टेलीग्राम पर रविवार देर रात जस्टिस लीग इंडियन नाम के एकाउंट से एक पोस्ट जारी हुई है, जिसमें दावा किया गया कि यह विस्फोट भारतीय एजेंटों द्वारा खालिस्तान समर्थक अलगाववादियों को निशाना बनाए जाने के प्रतिशोध में किया गया है। जिसके बाद पुलिस ने टेलीग्राम को पत्र लिखकर इस एकाउंट के बारे में जानकारी मांगी है।

पोस्ट में विस्फोट की सीसीटीवी तस्वीर का भी इस्तेमाल किया गया है। वैसे पुलिस इस खालिस्तान समर्थक संगठन द्वारा घटना की जिम्मेदारी लेने से संबंधित पोस्ट को विश्वसनीय नहीं मान रही है।

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दो संदिग्धों की पहचान की कोशिश

कुछ मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है कि जांच में दो तरह की बातें सामने आई हैं, हालांकि पुलिस ने इस तरह के दावों का खंडन किया है। बताया गया है कि पहले एक फुटेज में दिखे स्कूटी सवार संदिग्ध पर शक गहराया।

उसके बाद सीसीटीवी फुटेज में सफेद टी-शर्ट पहने एक संदिग्ध को घटनास्थल पर देखा गया, जो धमाके से एक रात पहले पॉलिथीन बैग में विस्फोटक लेकर स्कूल के पास जाते देखा गया। उस शख्स ने करीब एक फुट गहरे गड्ढे में बम रखकर उसे पत्तियों व कचरे से ढक दिया था। संदिग्धों की पहचान के लिए पुलिस द्वारा एआई तकनीक का इस्तेमाल करने की बात बताई जा रही है। 

सीआरपीएफ ने भी किया घटनास्थल पर जांच

सोमवार सुबह भी कई सुरक्षा एजेंसियां घटनास्थल पर जांच करने पहुंचीं। सुबह पहले स्पेशल सेल की टीम घटनास्थल पर पहुंची और करीब 300 मीटर की दूरी तक नमूने उठाए, सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले। बाद में 10 बजे आईआईडी प्रबंधन संस्थान पुणे से सीआरपीएफ की टीम भी घटनास्थल पर जांच करने पहुंची।

विस्फोट वाले स्थान पर दीवार में हुए छेद व जमीन में गड्ढे को फीते से नापा गया। पहली बार सीआरपीएफ भी इस मामले में जांच में जुट गई है। दोपहर में एनआईए की टीम भी पहुंची और कई घंटे तक जांच की।

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