World Book Fair 2019: पढ़िये- क्या होगा खास और कितना होगा टिकट का दाम
27वें विश्व पुस्तक मेले में भागीदार देशी प्रकाशकों की संख्या करीब 700 व विदेशी प्रकाशकों की संख्या 20 के लगभग रहेगी। हॉल नं. 7 में थीम मंडप बनाया जाएगा।
By Edited By: Updated: Thu, 03 Jan 2019 09:12 AM (IST)
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। 27वें विश्व पुस्तक मेले में इस बार नाममात्र के शुल्क पर ही पाठक देश-विदेश के साहित्य से रूबरू हो सकेंगे। लीक से हटकर इस बार पुस्तक मेले की टिकट दर घटा दी गई है। यह कमी 35 से 50 फीसद तक कर दी गई है। यानी बच्चों का प्रवेश शुल्क अब 20 की बजाय 10 और व्यस्कों का प्रवेश शुल्क 30 की बजाय 20 रुपये रहेगा।
टिकट दरों की औपचारिक घोषणा बृहस्पतिवार को विश्व पुस्तक मेले की पत्रकार वार्ता में की जाएगी। 27वां विश्व पुस्तक मेला 5 से 13 जनवरी के मध्य प्रगति मैदान में आयोजित होगा।मेले की थीम है- दिव्यांग जनों की पठन आवश्यकताएं। शारजाह क्षेत्र को अतिथि क्षेत्र का दर्जा दिया गया है। भागीदार देशी प्रकाशकों की संख्या करीब 700 व विदेशी प्रकाशकों की संख्या 20 के लगभग रहेगी। हॉल नं. 7 में थीम मंडप बनाया जाएगा।
एक खास आकर्षण
इस बार इसी मंडप में प्रतिदिन दोपहर दो से शाम चार बजे के दौरान होने वाला फिल्मोत्सव भी होगा। हालांकि मेला आयोजक राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) पुस्तक मेले में प्रवेश नि:शुल्क रखने की मांग भी करता रहा है, लेकिन मेले का सह आयोजक भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (आइटीपीओ) इसके लिए तैयार नहीं होता। इस बार भी आइटीपीओ के सीएमडी एलसी गोयल तथा एनबीटी के अध्यक्ष बल्देव भाई शर्मा के बीच कई बैठकों के बावजूद इस बाबत सहमति नहीं बन सकी। एलसी गोयल (सीएमडी, आइटीपीओ) के मुताबिक, विश्व पुस्तक मेले में अधिक संख्या में पुस्तक प्रेमी आ सकें और साहित्य से रूबरू हो सकें, इसीलिए इस बार टिकट दरें घटाई गईं हैं। उम्मीद है कि इससे पुस्तकों की पहुंच भी ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक हो सकेगी।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।इस बार इसी मंडप में प्रतिदिन दोपहर दो से शाम चार बजे के दौरान होने वाला फिल्मोत्सव भी होगा। हालांकि मेला आयोजक राष्ट्रीय पुस्तक न्यास (एनबीटी) पुस्तक मेले में प्रवेश नि:शुल्क रखने की मांग भी करता रहा है, लेकिन मेले का सह आयोजक भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (आइटीपीओ) इसके लिए तैयार नहीं होता। इस बार भी आइटीपीओ के सीएमडी एलसी गोयल तथा एनबीटी के अध्यक्ष बल्देव भाई शर्मा के बीच कई बैठकों के बावजूद इस बाबत सहमति नहीं बन सकी। एलसी गोयल (सीएमडी, आइटीपीओ) के मुताबिक, विश्व पुस्तक मेले में अधिक संख्या में पुस्तक प्रेमी आ सकें और साहित्य से रूबरू हो सकें, इसीलिए इस बार टिकट दरें घटाई गईं हैं। उम्मीद है कि इससे पुस्तकों की पहुंच भी ज्यादा से ज्यादा पाठकों तक हो सकेगी।