Delhi: पूर्वी और साउथ दिल्ली में अपना घर बनाना होगा महंगा, दाम बढ़ने की असल वजह जान हो जाएंगे हैरान
राजधानी दिल्ली के पूर्वकालिक पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली निगम इलाके में मकान बनाने के लिए अब पहले से ज्यादा राशि खर्च करनी होगी। निगम यहां पर पूर्वकालिक उत्तरी निगम की तर्ज पर नक्शा पास करने में क्षतिपूर्ति विनियामक शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है।
By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Mon, 25 Sep 2023 10:20 AM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राजधानी दिल्ली के पूर्वकालिक पूर्वी और दक्षिणी दिल्ली निगम इलाके में मकान बनाने के लिए अब पहले से ज्यादा राशि खर्च करनी होगी। निगम यहां पर पूर्वकालिक उत्तरी निगम की तर्ज पर नक्शा पास करने में क्षतिपूर्ति विनियामक शुल्क लगाने की तैयारी कर रहा है।
निगमायुक्त के प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो निगम इलाके मे मकान बनाने और नक्शा पास कराने के लिए पहले से ज्यादा शुल्क भी देना होगा। अभी तक यह शुल्क नहीं लगता था, लेकिन निगम के एकीकरण के बाद एकीकृत निति को बनाने के लिए निगम इस प्रस्ताव को ला रहा है।
दिल्ली नगर निगम आयुक्त ज्ञानेश भारती ने भवन निर्माण की मंजूरी के लिए लगने वाले शुल्क में संशोधन का प्रस्ताव किया है। इसका सबसे ज्यादा बोझ रिहायशी संपत्तियों पर पड़ेगा। जबकि सरकारी या निजी स्कूल, सिनेमाघर, अस्पताल बनाने और रियल एस्टेट कारोबारियों को लाभ होगा, क्योंकि पूर्वकालिक उत्तरी निगम में क्षतिपूर्ति विनियामक शुल्क पूरे प्लाट पर लगता था। इसे संशोधित कर केवल प्लाट पर निर्माण किए गए स्थल और फ्लोर एरिया रेश्यो (एफएआर) के तहत लिया जाएगा।
दिल्ली नगर निगम के पास एकीकृत भवन निर्माण उप नियम 2016 के तहत नए निर्माणों और भवन निर्माण के नक्शे पास करते समय यह शुल्क लगाने का अधिकार है। आयुक्त के तरफ से बनाए गए प्रस्ताव में तर्क दिया गया है कि कोलकत्ता, पुणे, नागपुर, मुबंई जैसे अन्य शहरों में भवन निर्माण की मंजूरी के समय विभिन्न तरह के शुल्क लगते हैं।इसमें एफएसआइ शुल्क, जल निकासी शुल्क शामिल है। चूंकि निगम नियमित कालोनियों से लेकर अनियमित नियमित, विशेष क्षेत्रों , गांवो में शहरी आबादी में रखरखाव करता है। साथ ही सड़क से लकेर साफ-सफाई समेत विभिन्न सेवाएं भी प्रदान की जाती है।
यह भी पढ़ें: Delhi: खालिस्तान समर्थकों को संरक्षण देने पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विरूद्ध प्रदर्शनऐसे में इस पर होने वाले खर्च पर की प्रतिपूर्ति कुछ हद तक क्षतिपूर्ति विनियामक शुल्क से की जा सकेगी। निगम को इससे राजस्व बढोत्तरी की उम्मीद है। उल्लेखनीय है कि पूर्वकालिक उत्तरी निगम ने 27 नंवबर, 2020 को यह शुल्क लगाने की मंजूरी दी थी। जिसे लागू निगम के छह जोन में लागू कर दिया था। उत्तरी की तर्ज पर पूर्वकालिक दक्षिणी निगम में यह प्रस्ताव आया था, लेकिन सदन ने इसे खारिज कर दिया था।
पूर्वी दिल्ली निगम ने इस पर कोई प्रस्ताव नहीं लाया था। मई 2022 से तीनों निगमों को एक कर दिया गया है। ऐसे में अब 12 जोन हो गए हैं। छह जोन और दक्षिणी दिल्ली के पाश इलाके जुड़ जाने से निगम को राजस्व में बढोत्तरी होगी। इसलिए पूरे प्लाट पर लगने वाले इस शुल्क को निगम ने निर्माण किए जाने वाले हिस्से पर लगाने का प्रस्ताव किया है।यह शुल्क कॉलोनी की श्रेणी के सर्किल रेट के हिसाब से तय किया जाएगा। इसमें 250 वर्गमीटर से कम के प्लाट के लिए 0.05 प्रतिशत और 250 वर्ग मीटर से ऊपर के प्लाट के लिए 0.10 प्रतिशत किया जाएगा जबकि व्यावसायिक प्लाट पर यह शुल्क दोगुने होंगे और कृषि योग्य व लाल डोरे की जमीन पर यह शुल्क तीन गुणा लगेंगे।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।क्या लगेगा शुल्क श्रेणी
रिहायशी प्लाट 250 वर्गमीटर तक (सर्किल रेल का 0.05 प्रतिशत रुपये)रिहयाशी प्लाट 250 वर्गमीटर से अधिक (सर्किल रेट का 0.10 प्रतिशत रुपये)- ए-387-774
- बी-112.76-245.52
- सी-79.92-159.84
- डी-63.84-127.68
- ई-35.04-70.08
- एफ-28.32-56.64
- जी-23.10-46.20
- एच-11.64-23.28