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दिल्ली में कई साल पुराने काली मंदिर पर चला बुलडोजर, दरगाह भी तोड़ी गई; तनाव को देखते हुए रास्ता बंद

मंगलवार की तड़के करीब चार बजे के करीब डीडीए व वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पहले ही भारी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैनिक बल को इलाके में तैनात कर दिया गया। इसके बाद टीम ने बुलडोजर की मदद से मंदिर और दरगाह को तोड़ दिया। मंदिर के पुजारी को तड़के पांच बजे ही निगरानी में रख लिया गया था।

By deepak gupta Edited By: Shyamji Tiwari Updated: Tue, 30 Jan 2024 11:01 PM (IST)
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दिल्ली में कई साल पुराने मंदिर पर चला बुलडोजर

जागरण संवाददाता, दक्षिणी दिल्ली। महरौली इलाके के संजय वन स्थित ज्वाला काली मंदिर और आशिक अल्लाह की दरगाह पर मंगलवार तड़के बुलडोजर चला। डीडीए (दिल्ली विकास प्राधिकरण) और वन विभाग की संयुक्त टीम ने सरकारी जमीन पर बने दोनों धार्मिक स्थल को बुलडोजर से पूरी तरह ध्वस्त करा दिया।

भारी संख्या में तैनात रही पुलिस

ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान इलाके में भारी संख्या में पुलिस तैनात रही। पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए धार्मिक स्थलों की तरफ जाने वाले रास्तों को बंद कर दिया। महरौली इलाके के संजय वन में ज्वाला काली मंदिर मंदिर और आशिक अल्लाह दरगाह है। दावा है कि यह दोनों धार्मिक स्थल दिल्ली विकास प्राधिकरण व वन विभाग की जमीन पर बने थे।

डीडीए की टीम अतिक्रमण हटाने के लिए कई दिन से तैयारी कर रही थी। यहां पर मंगलवार की तड़के करीब चार बजे के करीब डीडीए व वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पहले ही भारी संख्या में पुलिस और अर्द्धसैनिक बल को इलाके में तैनात कर दिया गया। इसके बाद टीम ने बुलडोजर की मदद से मंदिर और दरगाह को तोड़ दिया। सुबह करीब छह बजे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू की गई। दोपहर तक सारा अतिक्रमण हटा दिया गया।

प्रशासन ने पहले ही हटा दी थी मूर्तियां

दशकों पुराने मंदिर से प्रशासन ने पहले ही भगवान की मूर्तियों को हटा दिया था। मूर्तियों को हटाकर एक सुरक्षित स्थान पर रख दिया गया था, ताकि किसी की आस्था को ठेस न पहुंचे। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस ने धार्मिक स्थलों की तरफ जाने वाले रास्तों को तड़के ही बंद कर दिया था। यहां पर पुलिस और अर्द्धसैनिक बल को तैनात किया गया था। किसी को भी धार्मिक स्थल की जाने की अनुमति नहीं दी गई। यह रास्ते देर शाम तक बंद रखे गए। वहां पर पूरी तरह आवागमन बंद था।

कड़े सुरक्षा घेरे के बीच चला बुलडोजर

अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कड़े सुरक्षा घेरे में की गई। चारों तरफ पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को तैनात करने के बाद बुलडोजर को चलवाया गया। इस दौरान कार्रवाई की वीडियो ग्राफी भी कराई गई। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई थानों की पुलिस को मौके पर भेजा गया था। हालांकि कार्रवाई के दौरान कोई अव्यवस्था नहीं हुई। बताया जा रहा है कि पिछले काफी समय से सरकारी जमीन पर अतिक्रमण कर रखा था।

मंदिर के पुजारी को निगरानी में रखा

पुलिस ने मंदिर के पुजारी को तड़के पांच बजे ही निगरानी में रख लिया था। पुजारी आचार्य शुभम शास्त्री ने बताया कि यह मंदिर 25 साल पुराना हैं। वह तड़के मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए जा रहे थे। इस दौरान पुलिस ने उनको रोक दिया और निगरानी में रखा। उनका कहना है कि मंदिर तोड़ने से पहले संबंधित विभाग की तरफ से कोई भी नोटिस नहीं दिया गया। इसके अलावा उन्हें मंदिर तोड़ने का कोई भी कारण उनको नहीं बताया गया।

अवैध धार्मिक निर्माण को शांतिपूर्वक हटाया गया: डीडीए

वहीं, डीडीए की तरफ से बताया गया कि अवैध धार्मिक निर्माण को शांतिपूर्वक हटाया दिया गया है। विभाग ने जानकारी दी कि संजय वन एक आरक्षित वन है। यह दक्षिणी रिज का हिस्सा है। रिज प्रबंधन बोर्ड के आदेशानुसार रिज क्षेत्र को सभी प्रकार के अवैध अतिक्रमण से मुक्त किया जाना चाहिए।

संजय वन में अतिक्रमण का आकलन करने के लिए डीएम दक्षिणी दिल्ली की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने संजय वन से विभिन्न अवैध निर्माण को हटाने का सुझाव दिया था। इसके तहत ही अतिक्रमण को हटाया गया है। इसके संबंध में धार्मिक समिति को 27 जनवरी को सूचित कर दिया गया था।

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