Delhi CCTV Camera: दिल्ली की 1400 किलोमीटर की रोड पर रहेगी सीसीटीवी कैमरों की नजर, हर तरह की गतिविधि होगी कैद
Delhi CCTV Camera कैमरों के रखरखाव की जिम्मेदारी इसे लगाने वाली कंपनी को दी जाएगी। किसी भी कैमरे में खराबी आने पर स्थानीय इंचार्ज मेंटिनेंस कंपनी व लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय में स्थापित होने वाले कंट्रोल रूम को चंद मिनटों में जानकारी मिल जाएगी।
By Vinay Kumar TiwariEdited By: Updated: Tue, 23 Aug 2022 01:54 PM (IST)
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Delhi CCTV Camera: राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों की निगरानी के लिए दिल्ली सरकार करीब 56 हजार सीसीटीवी कैमरे लगाएगी। इससे लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के तहत आने वाली 1400 किमी सड़कों की टूट-फूट, गड्ढों, जलभराव व सुरक्षा जैसे मामलों में मदद मिलेगी।
सभी नाइट विजन बुलेट सीसीटीवी कैमरे होंगे। इन पर हवा और बारिश का कोई असर नहीं होगा और अंधेरे में भी तस्वीर आसानी से कैप्चर हो सकेगी। इनको लगाने और सात साल तक रखरखाव पर करीब 200 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। 1400 किमी रोड के दोनों ओर 100-100 मीटर की दूरी पर दो-दो सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना है। इसके लिए विभाग ने प्रक्रिया शुरू कर दी है। कैमरों को लगाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने सर्वे का काम शुरू कर दिया है।
माना जा रहा है कि अगले छह माह में योजना जमीन पर उतर जाएगी। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इससे रोड सेफ्टी के साथ सड़कों के नियमित रखरखाव को लेकर मदद मिलेगी। सड़कों पर मलबा फेंकने वालों पर भी अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। इन कैमरों की मानीटरिंग के लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर स्थापित किया जाएगा।
क्या है बुलेट कैमरा यह कैमरा ट्यूब की तरह होता है। इसमें सिल्वर या एल्युमिनियम शेप के कवर में लेंस होते हैं, जिससे रिकार्डिंग यूनिट जुड़ी रहती है। ये रिकार्डिंग के लिए बेहतर होते हैं। नाइट विजन बुलेट कैमरे 4 मेगा पिक्सल के होंगे। इससे 50 मीटर दूर की तस्वीर भी आसानी से जूम कर देखी जा सकती है और जूम करने के दौरान तस्वीर फटने की गुंजाइश नहीं रहती।
कैमरों में चौबीस घंटे रिकार्डिंग और सेव करने की सुविधा होगी। जरूरत पड़ने पर कभी भी पुराने फुटेज देखे जा सकते हैं। इससे सड़कों के नियमित रखरखाव में जवाबदेही तय करने में मदद मिलेगी।
कैमरे में खराबी आते ही मिलेगी सूचना कैमरों के रखरखाव की जिम्मेदारी इसे लगाने वाली कंपनी को दी जाएगी। किसी भी कैमरे में खराबी आने पर स्थानीय इंचार्ज, मेंटिनेंस कंपनी व लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय में स्थापित होने वाले कंट्रोल रूम को चंद मिनटों में जानकारी मिल जाएगी। वहीं बिजली की आपूर्ति बाधित होने पर भी एक घंटे तक कैमरे काम करते रहेंगे।
आपराधिक मामले सुलझाने में भी मदद बुलेट कैमरे अपने आसपास के दायरे में घटने वाली घटनाओं को कैप्चर करेंगे। इससे आपराधिक मामलों को सुलझाने में सुरक्षा एजेंसियों को भी मदद मिलेगी।
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