EV Conversion: महंगा पेट्रोल-डीजल भूल जाएं! अपनी पुरानी कार को इलेक्ट्रिक व्हीकल में करें कन्वर्ट; यह है आसान तरीका
EV Conversion Process उम्र पूरी कर चुके डीजल एवं पेट्रोल चालित वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) में बदलने की अपनी योजना दिल्ली सरकार विचार कर रही है। ईवी नीति-दो में डीजल एवं पेट्रोल चालित वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने को बढ़ावा दिया जाएगा। दिल्ली सरकार इस व्यवस्था में भी सब्सिडी देने पर विचार कर रही है। इस योजना को छह माह के अंदर इसे जमीन पर उतारने की कोशिश है।
वी के शुक्ला,नई दिल्ली। अगर सभी कुछ ठीकठाक रहा, तो आने वाले कुछ माह में दिल्लीवासी उम्र पूरी कर चुके डीजल एवं पेट्रोल चालित वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) में बदलने की अपनी योजना को मूर्त रूप दे सकेंगे। ईवी नीति-दो में डीजल एवं पेट्रोल चालित वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने को बढ़ावा दिया जाएगा। दिल्ली सरकार इस व्यवस्था में भी सब्सिडी देने पर विचार कर रही है।
ईवी नीति-एक के समाप्त हो जाने के बाद अब नीति-दो पर काम चल रहा है। छह माह के अंदर इसे जमीन पर उतारने की योजना है। सात अगस्त, 2020 को लागू की गई ईवी नीति-एक 30 सितंबर को समाप्त हो चुकी है। नई नीति न आने तक इसे छह माह के लिए बढ़ाया गया है। दिल्ली सरकार ने ईवी नीति-एक को सफल माना है।
सरकार का दावा है कि इसी नीति के कारण दिल्ली में कुल वाहनों में ईवी की हिस्सेदारी 16 प्रतिशत तक बढ़ गई है, लेकिन इस नीति में उम्र पूरी कर चुके डीजल एवं पेट्रोल चालित वाहनों को इलेक्ट्रिक में बदलने को बढ़ावा नहीं मिल सका है।
इन वाहनों के बदलने पर होगा जोर
इसका बड़ा कारण इस प्रक्रिया के लिए कोई सरकारी मदद उपलब्ध न होना है। चार वर्ष पहले दिल्ली सरकार ने पुराने वाहनों को ईवी में बदलने के लिए 11 कंपनियों का पैनल में शामिल किया था, इसमें सबसे अधिक 10 वर्ष की आयु पूरी कर चुकी डीजल चालित या 15 वर्ष की उम्र पूरी कर चुकीं पेट्रोल चालित कारों को इलेक्ट्रिक में बदलने पर था, पर कोई कंपनी पुरानी कारों में इलेक्ट्रिक किट लगाने के लिए आगे नहीं आई।
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दोपहिया वाहन में आएगा इतना खर्चा
इसका कारण इलेक्ट्रिक किट व वाहन का मॉडल ऑटोमेटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एआरएआइ) से पास कराना भी एक मुद्दा है, क्योंकि किट के साथ कार का मॉडल पास कराने पर लगभग 40 लाख रुपये खर्च होते हैं।
ऐसे में बड़ी कंपनियां इस कार्य में रुचि नहीं ले रही हैं और छोटी कंपनियां इस कार्य में हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हैं। पुराने दोपहिया में भी 60 से लेकर 70 हजार रुपये में किट लगती रही है। ये कंपनियां मांग करती रही हैं कि दिल्ली सरकार इस व्यवस्था में अपनी ओर से भी कुछ पैसे लगाए, ताकि किट लगवाना सस्ता हो।
स्कूटर में इलेक्ट्रिक किट लगाने के लिए काम करने वाली बेंगलुरु की ग्रीन टाइगर मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी आशीष दोकनिया कहते हैं कि दिल्ली सरकार को नए इलेक्ट्रिक स्कूटर की तरह ही पुराने स्कूटर में इलेक्ट्रिक किट लगवाने के लिए सब्सिडी देनी चाहिए।
उम्र पूरी कर चुके वाहनों को होगा फायदा
दिल्ली में उम्र पूरी कर चुके वाहनों की संख्या 55 लाख के पार पहुंच गई है। इसमें लगभग 15 लाख कारें हैं। विभाग ने ऐसे वाहन मालिकों को विकल्प दिया है कि वे परिवहन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र लेकर वाहन को अन्य राज्यों में पंजीकृत करा सकते हैं या इन्हें स्क्रैप करा सकते हैं। इसमें तीसरा विकल्प यह है कि सुविधा शुरू होने पर इलेक्ट्रिक में बदलवा सकते हैं, पर यह सुविधा दिल्ली में शुरू नहीं हो सकी है।
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