मंत्री-विधायक सरकारी स्कूलों में बच्चों का करवा रहे एडमिशन, नई स्कूल बिल्डिंग के उद्घाटन के दौरान बोले CM केजरीवाल
सीएम केजरीवाल ने पश्चिम विहार के अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एएसओएसई) के नए भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक अपने बच्चों के नाम प्राइवेट स्कूलों से कटवाकर सरकारी में दाखिला करवा रहे हैं। आइडिया अपनाया कि वह सरकारी स्कूलों को इतना अच्छा कर देंगे कि सभी मंत्री आईएएस अपने बच्चों को वालंटियरली सरकारी स्कूलों में भेजना शुरू करेंगे।
जागरण संवाददाता, पश्चिमी दिल्ली। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार दोपहर को पश्चिम विहार के अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस (एएसओएसई) के नए भवन का उद्घाटन किया। इस दौरान दिल्ली सरकार में कैबिनेट मंत्री आतिशी भी उनके साथ रही। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब मैं स्कूल में घुसा, पहली नजर बिल्डिंग पर पड़ी, तो लगा कि क्या शानदार स्कूल बना है।
केजरीवाल ने बचपन का किया जिक्र
एनसीसी के बच्चों ने प्रोफेशनल तरीके से सलामी दी। इस दौरान अपने बचपन को याद करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि काश मैं भी ऐसे स्कूल में पढ़ा होता। जिस स्कूल से केजरीवाल ने पढ़ाई की, उससे भी बेहतर ये स्कूल है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह हरिणाणा के हिसार का रहने वाले हैं। उन्होंने हिसार के सबसे बेस्ट प्राइवेट स्कूल से शिक्षा प्राप्त की थी, लेकिन वो प्राइवेट स्कूल भी इतना बेस्ट नहीं था, जितना बेस्ट ये सरकारी स्कूल है।
स्कूल में है 54 क्लासरूम
केजरीवाल ने बताया कि स्कूल में 54 से ज्यादा क्लासरूम हैं, दो बड़ी लाइब्रेरी हैं। 13 से ज्यादा लैबोरेटरी हैं और 18 एक्टिविटी हाल हैं। इतनी शानदार सुविधा दिल्ली के बड़े से बड़े नामी ग्रामी प्राइवेट स्कूल में भी नहीं होंगी। उन्होंने कहा, हमारी कोशिश है कि दिल्ली के बच्चों को बेस्ट से बेस्ट सुविधाएं मिले। चाहे कोई गरीब का बच्चा हो या अमीर का, सब को अच्छी से अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए। इस स्कूल में 1200 से ज्यादा बच्चे शिक्षा लें सकेंगे।देश को याद रखे छात्र
केजरीवाल ने छात्रों से अपील करते हुए कहा कि वह किसी भी क्षेत्र में जाएं, लेकिन देश को न भूलें, क्योंकि इस देश ने ही उन्हें अच्छी शिक्षा दी है। उन्होंने कहा कि वह आईआईटी खड़कपुर से पढ़े हैं। उन्होंने मकेनिकल इंजीनियरिंग की थी और वर्ष 1989 में पासआउट हुए थे। वहां उन्हें सारी सुविधा मिलती थी। हां की ट्यूशन फीस मात्र 30 रुपये महीना होती थी। उन्होंने कहा कि इतनी कम फीस में कोई नहीं पढ़ सकता।
सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों का एडमिशन करवा रहे विधायक
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि विधायक अपने बच्चों के नाम प्राइवेट स्कूलों से कटवाकर सरकारी में दाखिला करवा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह सरकार में आए तो कुछ लोग उनसे कहते थे कि यह आदेश जारी कर दीजिए कि सभी आईएएस, आईपीएस के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ेंगे, जबरदस्ती कर दो। उन्होंने कहा कि जबरदस्ती करने से शिक्षा अच्छी नहीं होती। उन्होंने कहा कि उन्होंने दूसरा आइडिया अपनाया कि वह सरकारी स्कूलों को इतना अच्छा कर देंगे कि सभी मंत्री, आईएएस अपने बच्चों को वालंटियरली सरकारी स्कूलों में भेजना शुरू करेंगे।दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि जब दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार बनी थी। तब सरकारी स्कूलों के हालात देखकर आंखों में आंसू आ जाते थे। टायलेट से बदबू आती थी।बच्चों के बैठने के लिए डेस्क, कुर्सी नहीं होती थी।शिक्षक की जगह-जगह ड्यूटी लगी होती थी। सरकारी स्कूल के बच्चे हीन भावना से जुझते थे। पिछले नौ वर्ष में अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकारी स्कूलों में शिक्षा की क्रांति आई है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।