आमने-सामने आए मुख्य सचिव और सीएम केजरीवाल, नजरें मिलीं मगर दिल नहीं मिले
थप्पड़कांड के बाद दिल्ली सचिवालय में पहली बार मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आमने सामने हुए। मगर आपस में साधुवाद का आदान-प्रदान नहीं हुआ।
नई दिल्ली [जेएनएन]। दिल्ली सरकार में काम कर रहे वरिष्ठ नौकरशाहों का दिल्ली के मुख्यमंत्री पर से भरोसा उठ चुका है। मंगलवार को बजट सत्र के लिए आयोजित बैठक में मुख्य सचिव अंशु प्रकाश अधिकारियों के साथ शामिल तो हुए, मगर उन्होंने बैठक में शामिल होने से पहले ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने लिखा कि अधिकारी बैठक में तभी हिस्सा लेंगे, जब उन पर किसी प्रकार का हमला न हो। मुख्यमंत्री को इसकी गारंटी लेनी होगी।
अधिकारियों की गरिमा सुरक्षित रखी जाएगी
इस पत्र में अंशु प्रकाश ने उम्मीद जताई कि बैठक के दौरान उचित मर्यादा बनाई रखी जाएगी। अधिकारियों की गरिमा की रक्षा की जाएगी। उन्होंने कहा कि अधिकारी पूरी गंभीरता से काम कर रहे हैं और चाहते हैं कि सरकार का सामान्य कामकाज प्रभावित न हो। बजट सत्र की तारीख तय करना और बजट पास करना सरकार के लिए अहम होता है। इसलिए मैं और मेरे सहकर्मी बैठक में हिस्सा लेंगे। मगर मुख्यमंत्री यह सुनिश्चित करें कि अधिकारियों पर कोई शारीरिक और मौखिक हमला न हो। यह भी उम्मीद है कि बैठक में शिष्टता बनाई बरती जाएगी और अधिकारियों की गरिमा सुरक्षित रखी जाएगी।
नजरें मिलीं मगर दिल नहीं मिले
तनावपूर्ण माहौल में हुई कैबिनेट की बैठक 20 फरवरी को मारपीट की घटना के बाद कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को दिल्ली सचिवालय में पहली बार मुख्य सचिव अंशु प्रकाश और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आमने सामने हुए। मगर आपस में साधुवाद का आदान-प्रदान नहीं हुआ। केवल बजट के मुद्दों पर ही चर्चा हुई। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बैठक में माहौल तनावपूर्ण रहा। दोनों की नजरें मिलीं मगर दिल नहीं मिले।
माफी की मांग
गौरतलब है कि मुख्य सचिव के साथ हुई मारपीट के मामले को लेकर सोमवार को अधिकारियों ने एक प्रेस कांफ्रेंस की थी। प्रेस कांफ्रेंस में अधिकारियों ने मुख्य सचिव के साथ सीएम आवास में हुई धक्का-मुक्की और मारपीट को लेकर सीएम केजरीवाल व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया से माफी मांगने की बात कही थी।
अधिकारियों के ज्वाइंट फोरम की प्रवक्ता पूजा जोशी ने कहा था कि हमनें फैसला किया है कि इस मामले में सीएम और डिप्टी सीएम जब तक माफी नहीं मांगते तब तक हम कोई बातचीत नहीं करेंगे। उन्होंने यह भी कहा था कि सीएम अरविंद केजरीवाल और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया गलती मानने और माफी मांगने की जगह पर इस घटना को ही नकारने में लगे हैं। जो गलत है, इससे यह साफ तौर पर पता चलता है कि वह भी इस साजिश का हिस्सा रहे हैं।
केजरीवाल ने जताई थी चिंता
बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुलाकात में सरकारी कामकाज में आ रहे गतिरोध को लेकर चिंता जाहिर की गई थी। एलजी से मुलाकात के बाद यह कहा गया कि दिल्ली सरकार अधिकारियों से बात करेगी। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि अधिकारी सामान्य तौर पर काम करना शुरू करें यही दिल्ली के लोगों के हित में होगा। इसके बाद दिल्ली सरकार के मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम ने अधिकारियों से बात करके मामला सुलझाने के लिए बातचीत का न्योता दिया था।
यह भी पढ़ें: मुख्य सचिव पिटाई मामले में 'आप' विधायकों को झटका, जमानत याचिका खारिज
यह भी पढ़ें: थप्पड़कांड की साजिश में शामिल थे केजरीवाल व सिसोदिया, माफी की मांग पर अड़े IAS अफसर