Move to Jagran APP

Delhi: बच्चे बेच रहे शराब, दिल्ली भी कहीं बन न जाए ‘उड़ता पंजाब’; मामला दबाने के लिए पुलिस को दी जाती है घूस

दिल्ली के बाहरी उत्तरी जिले के बवाना जेजे कालोनी में दिखावे के लिए दुकान खोली गई है जिसमें शराब की बिक्री होती है। आरोप है कि इतना सबकुछ खुलेआम होने के बावजूद पुलिस रोक लगाने के बजाय घूस लेकर आंख मूंद लेती है।

By Sonu RanaEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Tue, 21 Feb 2023 07:25 PM (IST)
Hero Image
यह हाल बाहरी उत्तरी जिले के बवाना जेजे कालोनी का है, जहां दिखावे के लिए दुकान खोली गई है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। जिन बच्चों के हाथों में किताब, कापियां, पेंसिल आदि होनी चाहिए, वो बच्चे राजधानी में शराब बेच रहे हैं। चिप्स, कोल्ड ड्रिंक की दुकान की आड़ में बेखौफ होकर खुलेआम शराब की अवैध रूप से बिक्री की जा रही है। हैरानी की बात तो यह है कि भाई और माता-पिता समेत कई जगह तो पूरा परिवार धड़ल्ले से शराब बेच रहा है।

खुलेआम बेची जा रही शराब

यह हाल बाहरी उत्तरी जिले के बवाना जेजे कालोनी का है, जहां दिखावे के लिए दुकान खोली गई है। इस दुकान में ज्यादातर शराब बेची जाती है। आरोप है कि इतना सबकुछ खुलेआम होने के बावजूद पुलिस रोक लगाने के बजाय घूस लेकर आंख मूंद लेती है। नशे के इस खेल पर रोक न लगाई गई तो कहीं दिल्ली भी उड़ता पंजाब न बन जाए।

बवाना जेजे कालोनी में बस स्टैंड वाले रोड पर सरकारी जमीन पर बनाई गई दुकान से दिन-रात शराब की अवैध रूप से बिक्री होती है। दुकान पर बैठे सातवीं कक्षा के छात्र ने बताया कि वह पास के ठेकों से शराब खरीदकर लाता है। यहां पर वह शराब और बीयर की बोतल पर 50 से 100 रुपये अतिरिक्त रुपये लेकर बेचता है। 

12 वर्षीय बच्चे से पूछा गया कि आखिर कौन उसके जीवन में नशे का जहर घोलकर इस तरह शराब की बिक्री होने दे रहा है। इस पर बच्चे ने कहा कि हर रोज पुलिसकर्मी उनसे एक हजार रुपये लेकर जाते हैं। सूत्रों के अनुसार नशे का कारोबार जारी रखने में थाना स्तर के ही पुलिसकर्मियों का नाम सामने आता है। इस बारे में संबंधित अधिकारी ने कोई भी जवाब देने से इनकार किया है।

नरेला इलाके में शुरू हुआ सट्टा

बाहरी उत्तरी जिले के हर थाना क्षेत्र में फिर से नशे का व्यापार शुरू हो गया है। पांच महीने पहले इलाके में नशे का कारोबार करने वालों पर नकेल कस दी गई थी। नरेला में तो नशा कारोबारियों के उठने से पहले उनके दरवाजे पर पुलिसकर्मी पहुंच जाते थे। कई नशा तस्करों को पुलिस ने गिरफ्तार भी किया था, लेकिन अब नशा बिकने के साथ ही नरेला इलाके में सट्टा लगने लगा है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि बाहरी उत्तरी जिले के थानों के एसएचओ की नाक तले यह काम कैसे चल रहा है? क्या उनकी नशा कारोबारियों के साथ सांठगांठ हैं?

भलस्वा डेरी इलाके में बिक रहे मादक पदार्थ

सूत्रों की माने तो बाहरी उत्तरी जिले में इस समय सबसे ज्यादा नशा भलस्वा डेरी इलाके में बिक रहा है। यहां पर अवैध शराब के साथ-साथ मादक पदार्थ, चरस, अफीम और हेरोइन तक बेची जा रही है। शाहबाद डेरी इलाके में भी शराब की बिक्री बढ़ने लगी है। शाहबाद डेरी के अंदर के इलाकों और बाहर की कॉलोनियों में भी नशे का खेल फल-फूल रहा है।

लोग भी हो रहे परेशान

कालोनी के लोगों का कहना है कि ऐसे ही छोटी-छोटी दुकानों पर शराब के साथ-साथ गांजा और अन्य नशीले पदार्थ बेचे जाते हैं। छोटे-छोटे बच्चे नशे का सामान खरीदते हैं व बेचते हैं। बवाना से गुजर रही मूनक नहर के पास भी शराब और गांजा बिकने लगा है। बच्चों पर तो इसका असर पड़ ही रहा है, लेकिन महिलाओं और युवतियों को भी आने-जाने में परेशानी होती है। स्थानीय लोगों के अनुसार, जब नशा कारोबारियों का विरोध किया जाता है तो वह धमकी औक मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। कई बार तो बवाना जेजे कालोनी स्थित चौकी में पहुंचकर नशा तस्करों ने बवाल खड़ा किया है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही।

कार्रवाई न करने के भी हैं दाम

हरियाणा से सटे होने की वजह से सबसे पहले नशा दूसरे राज्यों से बवाना, नरेला, एनआइए, अलीपुर, भलस्वा डेरी थाना क्षेत्र में पहुंचता है। इसके बाद इसको दिल्ली के विभिन्न इलाकों तक भेजा जाता है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि नशा कारोबारियों के हौंसले इतने बुलंद हैं कि नशे का कारोबार इसी तरह जारी रखने और इसमें कोई दखल न देने के बदले एक-एक करोड़ रुपये महीने देने के ऑफर तक दिए जाते हैं।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।