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Delhi: चीन में बैठे सरगना के इशारे पर मोहसिन करता था उगाही, क्रिप्टो करेंसी के जरिए विदेश भेजता था रकम

Chinese Loan App Fraud चीनी लोन एप के जरिए ठगी करने वाले कॉल सेंटर का संचालक मोहसिन खान चीन में बैठे सरगना के इशारे पर लोगों को ब्लैकमेल कर उगाही करता था। चीनी सरगना मोहसिन को लोन लेने वालों का डाटा देता था

By Dhananjai MishraEdited By: GeetarjunUpdated: Sat, 08 Apr 2023 12:39 AM (IST)
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चीन में बैठे सरगना के इशारे पर मोहसिन करता था उगाही, क्रिप्टो करेंसी के जरिए विदेश भेजता था रकम

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। चीनी लोन एप के जरिए ठगी करने वाले कॉल सेंटर का संचालक मोहसिन खान चीन में बैठे सरगना के इशारे पर लोगों को ब्लैकमेल कर उगाही करता था। चीनी सरगना मोहसिन को लोन लेने वालों का डाटा देता था, फिर मोहसिन कॉल सेंटर के टीम लीडर अमित को डाटा देकर बताता था कि कितने लोगों से लोन की रिकवरी करवानी है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोहसिन की गिरफ्तारी के बाद यह पता लगेगा कि वह कितने चीनी नागरिकों के संपर्क है। शुरुआती जांच में पता चला है कि मोहसिन के कॉल सेंटर से देशभर में हजारों लोगों से उगाही की गई है।

पुलिस सूत्रों का कहना है कि आरोपितों के कई बैंक खाते मिले हैं। जिनमें सामान्य बैंक खातों के अलावा चालू खाते भी हैं। औसत एक खाते में ठगी और वसूली के लाखों रुपये जमा हुए हैं। आरोपितों के पास रिमोट एक्सेस एप के माध्यम से सभी डाटा का नियंत्रण था।

छापेमारी के दौरान पुलिस को शक था कि मोहसिन डाटा को नष्ट न करदे, लेकिन एसआई हंसुल गुप्ता ने तकनीक आधारित समाधानों का इस्तेमाल कर पूरे लाइव डेटा को डाउनलोड कर लिया है। फिलहाल डाटा का विश्लेषण किया जा रहा है।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि जब भी आप कोई एप डाउनलोड करें तो वह आपकी निजी जानकारी सांझा करने की अनुमति मांगेगा। उस समय आपको उसे अनुमति नहीं देना है। यदि आप अनुमति देते हैं तो आपका निजी डाटा आरोपित के पास पहुंच जाता है। इस डाटा को विदेशी हैकर या दूसरे लोग डाटा बेस बनाकर या तो भारत के ही जालसाजों को बेच देते हैं या खुद ही उसका गलत इस्तेमाल करते हैं।

  • यह एप चीन के सर्वर से संचालित होते हैं।
  • इस तरह के एप आरबीआई के दायरे में नहीं आते।
  • इनका कोई पंजीकरण भी नहीं होता।
  • लोन का 60 से 70 प्रतिशत पीड़ित के खाते में जमा करते हैं।
  • इस बीच पीड़ित के फोन में एक अन्य एप इंस्टाल कर पीड़ित का निजी डाटा चुरा लेते हैं।
  • इसके बाद लोन वापस करने के लिए ब्लैकमेल और धमकी का दौर शुरू होता है।
  • पीड़ित द्वारा लोन देने के बाद भी ब्लैकमेल कर उगाही करते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

फोन पर लोन लेने के लिए कोई संदेश आए तो उसे नजर अंदाज करें।

संदेश में यदि कोई लिंक हो तो उसे नहीं खोले-जिससे संदेश आया है उसे ब्लाक कर दें।

फोन कॉल पर या फिर संदेश के जरिये बैंक आदि से संबंधित जानकारी मांगी जा रही है तो बिलकुल न दें।

ठगी हो जाए तो तुरंत पुलिस को मामले की सूचना देने में देरी न करें।