G20 Summit: तीन दिन दिल्ली बंद! शिखर सम्मेलन के दौरान खुले रहेंगे अस्पताल, सामान्य रूप से चलेगी ओपीडी
जी 20 सम्मेलन के दौरान सरकारी विभागों में अवकाश के बावजूद एम्स व सफदरजंग के साथ-साथ नई दिल्ली के इलाके में स्थित अस्पताल खुले रहेंगे। इस दौरान अस्पताल में ओपीडी सेवाएं जारी रहेगा। एम्स सहित दिल्ली के नौ प्रमुख सरकारी अस्पतालों में आपात स्थिति से निपटने और विदेशी मेहमानों के इलाज के लिए आइसीयू सहित 325 से अधिक बेड आरक्षित रखे गए हैं।
By Ranbijay Kumar SinghEdited By: Shyamji TiwariUpdated: Thu, 07 Sep 2023 09:29 PM (IST)
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। जी 20 सम्मेलन के दौरान सरकारी विभागों में अवकाश के बावजूद एम्स व सफदरजंग के साथ-साथ नई दिल्ली के इलाके में स्थित आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के सुचेता कृपलानी व कलावती सरन अस्पताल भी खुले रहेंगे। इसलिए सामान्य दिनों की तरह अस्पतालों की ओपीडी में डॉक्टर मौजूद रहेंगे।
सर्जरी की कम होने की संभावना
ओपीडी का संचालन सामान्य तौर पर होगी, लेकिन कई सड़कों से आवागमन बंद होने के कारण मरीजों के कम ही पहुंचने की संभावना है। इसके अलावा रूटीन सर्जरी भी कम हो सकती है। सफदरजंग अस्पताल प्रशासन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि अस्पताल में जी 20 सम्मेलन के मद्देनजर की गई तैयारियों को ध्यान में रखते हुए पिछले तीन-चार दिनों से आठ और नौ सितंबर को सर्जरी की नई तारीख नहीं दी गई है।
आपात स्थिति से निपटने के लिए 325 बेड आरक्षित
ऐसे में सर्जरी कम होने की संभावना है। आरएमएल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में मरीजों को पहुंचने में दिक्कत हो सकती है। इस वजह से इन अस्पतालों में मरीजों के कम ही पहुंचने की संभावना है। एम्स सहित राष्ट्रीय राजधानी के नौ प्रमुख सरकारी अस्पतालों में आपात स्थिति से निपटने और विदेशी मेहमानों के इलाज के लिए आइसीयू सहित 325 से अधिक बेड आरक्षित रखे गए हैं।इसमें एम्स, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सफदरजंग, आरएमएल, लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज का सुचेता कृपलानी अस्पताल व दिल्ली सरकार के पांच बड़े अस्पताल शामिल हैं। इन अस्पतालों की इमरजेंसी में सामान्य दिनों के मुकाबले अतिरिक्त डाक्टर तैनात रखे गए हैं। इसके अलावा निजी क्षेत्र के अपोलो, प्राइमस, मैक्स साकेत व मणिपाल अस्पताल में भी इलाज की व्यवस्था की गई है।सीबीआरएन (केमिकल, बायोलाजिकल, रेडियोलाजिकल व न्यूक्लियर) हमले जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए भी अस्पतालों में तैयारी की गई है। एम्स को न्यूक्लियर, सफदरजंग अस्पताल को रसायनिक व आरएमएल को जैविक हमले की स्थिति में इलाज का नोडल सेंटर बनाया गया है। आर्मी के साथ मिलकर इन तीनों अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था की गई है।
यह भी पढ़ें- अब घर बैठे मिलेगी थाने की सुविधा, दिल्ली में मोबाइल पुलिस थाना की शुरुआत; इस जिले में होगी तैनातीइन अस्पतालों के गेट के बाहर हेल्प डेस्क बनाई गई। डी-कंटेमिनेशन के लिए शावर की व्यवस्था की गई है और आर्मी की मेडिकल टीम भी तैनात की गई है। एम्स प्रशासन का कहना है कि ट्रामा सेंटर और मुख्य अस्पताल की आइसीयू बेड और प्राइवेट वार्ड में कमरे आरक्षित रखे गए हैं। दोनों जगहों को मिलाकर एम्स में करीब 50 बेड आरक्षित रखे गए हैं।
जरूरत पड़ने पर हादसे व सीबीआरएन से संबंधित मामले ट्रामा सेंटर में और किसी की तबीयत खराब होने पर सामान्य इमरजेंसी से संबंधित मामले मुख्य अस्पताल में देखे जाएंगे। प्राइवेट वार्ड में अत्याधुनिक व्यवस्था की गई है। सफदरजंग अस्पताल ने सीबीआरएन से संबंधित मामलों के लिए बर्न सेंटर में व्यवस्था की है। सफदरजंग, आरएमएल व लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के अस्पताल में आठ से दस सितंबर तक डाक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों की छुट्टियां रद है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।निजी क्षेत्र के अस्पतालों में भी व्यवस्था
इसलिए सभी डॉक्टर व कर्मचारी ड्यूटी पर तैनात रखेंगे। निजी क्षेत्र के अपोलो अस्पताल में 25 बेड और एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस तैयार रखी गई है। एयरपोर्ट के नजदीक स्थित द्वारका के मणिपाल अस्पताल में भी करीब बेड व एंबुलेंस तैयार रखी गई है।डॉक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों की 80 टीमें तैनात सम्मेलन में शामिल होने के लिए आने वाले मेहमानों के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए डाक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों की 80 टीमें लगाई गई है। मेहमानों के ठहरने के लिए निर्धारित होटल और आयोजन स्थल के पास 24 घंटे डॉक्टरों व पैरामेडिकल कर्मचारियों की टीम की की ड्यूटी लगाई है। 76 अत्याधुनिक जीवन रक्षक उपकरणों से लैस एंबुलेंस को मिलाकर 106 एंबुलेंस महत्वपूर्ण जगहों पर तैनात की गई हैं। ताकि जरूरत पड़ने पर जल्दी चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। यह भी पढ़ें- G20 Summit: एक क्लिक में पाएं दिल्ली ट्रैफिक का अपडेट, रेलवे स्टेशन से लेकर एयरपोर्ट तक होगी हर रूट की जानकारीअस्पतालों में आरक्षित बेड व कमरे
- एम्स व ट्रामा सेंटर- करीब 50 बेड
- सफदरजंग अस्पताल की इमरजेंसी व आपदा वार्ड-32 बेड
- आरएमएल की इमरजेंसी व नर्सिंग होम- 62
- लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज के अस्पताल के आपदा वार्ड- 30 बेड
- जीटीबी अस्पताल-20 बेड
- दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल-65 बेड
- बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल -40 बेड
- लोकनायक अस्पताल-20 कमरे
- जीबी पंत अस्पताल-10 कमरे