CM केजरीवाल का हिंसा पीड़ितों के लिए मुआवजे का ऐलान, मृतकों के परिजनों को मिलेंगे 10-10 लाख
दिल्ली के सीएम ने हिंसा के पीड़ितों के लिए बड़ा ऐलान किया है। मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये देने की बात उन्होंने कही है।
By Prateek KumarEdited By: Updated: Thu, 27 Feb 2020 10:20 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। आम आदमी पार्टी (आप) के निगम पार्षद ताहिर हुसैन पर दंगा भड़काने व आइबी कांस्टेबल अंकित शर्मा की हत्या के आरोपों पर बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जो भी व्यक्ति दोषी पाया जाता है, उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर दंगे में मेरी पार्टी का कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसे दोगुनी सजा दी जानी चाहिए। ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है। इस पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को दस-दस लाख रुपये देने की घोषणा की है और सभी घायलों के इलाज का फरिश्ते दिल्ली के योजना के तहत मुफ्त इलाज किया जाएगा। जो लोग निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं, उनके इलाज का खर्च भी सरकार फरिश्ते योजना के तहत उठाएगी।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित प्रेसवार्ता में केजरीवाल ने कहा कि नाबालिग की मौत के मामले में परिजनों को पांच लाख रुपये, स्थायी अपंगता के मामले में पांच लाख रुपये, गंभीर चोट के मामले में दो लाख रुपये, मामूली चोट के मामले में 20 हजार रुपये और अनाथ होने की स्थिति में तीन लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके साथ ही पशु हानि होने पर पांच हजार रुपये, सामान रिक्शा ठेली के नुकसान पर 25 हजार रुपये और ई-रिक्शा क्षति पर 50 हजार रुपये आर्थिक मदद दी जाएगी। जिनके घर, दुकानें और वाहन जला दिए गए हैं, उन्हें भी सरकार की तरफ से मुआवजा दिया जाएगा। पूरा घर क्षतिग्रस्त होने पर पांच लाख रुपये (एक लाख रुपये किरायेदार है तो उसे और शेष मकान मालिक को), घर का अधिकांश हिस्सा क्षतिग्रस्त है तो ढाई लाख रुपये (50 हजार रुपये किरायेदार को और शेष मकान मालिक को), घर के मामूली क्षतिग्रस्त होने पर 15 हजार रुपये और बिना बीमा वाली व्यावसायिक इकाइयों के क्षतिग्रस्त होने पर अधिकतम पांच लाख रुपये दिए जाएंगे।
इस दौरान, केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में पुलिस मेरे हाथों में नहीं है, लेकिन अगर पुलिस हमारे हाथ में होती तो हम भी सख्त एक्शन लेते। उन्होंने कहा कि हिंसा को भड़काने में जो लोग भी शामिल हैं, उन्हें सख्त सजा मिलनी ही चाहिए। चाहें वह किसी भी राजनीतिक दल का हो। जो भी दोषी हैं, जिन्होंने दंगे भड़काए हैं, जिन्होंने इसमें भूमिका निभाई है, उन्हें जेल में डालो। आप के दिल्ली संयोजक गोपाल राय व राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने भी अपने बयान में कहा कि दंगों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। लोग मारे गए हैं, लोगों के घर बर्बाद हुए हैं। जो भी इसमें दोषी हो उसपर सख्त कार्रवाई की जाए,। उसकी जगह जेल में होनी चाहिए।
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