एग्रीगेटर्स व डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स होंगे रेगुलेट, CM केजरीवाल ने दी पॉलिसी को मंजूरी, LG को भेजी फाइल
दिल्ली मोटर व्हीकल्स एग्रीगेटर स्कीम 2023 को मंजूरी देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह स्कीम दिल्ली में एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सर्विस प्रदाताओं को एक नियम के दायरे में लाकर रेगुलेट करने की नींव रखती है।
By Jagran NewsEdited By: Pooja TripathiUpdated: Tue, 16 May 2023 02:38 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली में एग्रीगेटर्स व डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर्स को रेगुलेट करने के लिए योजना के मसौदे को मंजूरी दे दी। मसौदे को मंजूरी मोटर व्हीकल्स एग्रीगेटर स्कीम 2023 के अंतर्गत दी गई है। मसौदा योजना की फाइल एलजी वीके सक्सेना के पास भेज दी गई है। इसके बाद दिल्ली परिवहन विभाग दिल्लीवासियों से उनके फीडबैक लेगा और इसके बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
दिल्ली मोटर व्हीकल्स एग्रीगेटर स्कीम 2023 को मंजूरी देते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यह स्कीम दिल्ली में एग्रीगेटर्स और डिलीवरी सर्विस प्रदाताओं को एक नियम के दायरे में लाकर रेगुलेट करने की नींव रखती है।
यह योजना यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है
यह योजना यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देती है और समय पर शिकायत के निस्तारण को सुनिश्चित करती है। साथ ही लोगों को इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के लिए बढ़ावा देती है। सीएम ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों और इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी को बढ़ावा देने से सरकार को दिल्ली में प्रदूषण स्तर को कम करने में भी मदद मिलेगी। साथ ही दिल्ली में रोजगार और आर्थिक विकास के नए अवसर भी पैदा होंगे।मोटर व्हीकल्स एग्रीगेटर स्कीम 2023 उस व्यक्ति और संस्था पर लागू होगी, जो किसी भी तरह के डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक या अन्य माध्यम से संचालित होती हैं और यात्रियों को लाने-ले जाने का काम करती है। इसी के साथ वो ई-कॉमर्स इकाई या अन्य संस्था भी इस योजना के दायरे में आएंगी, जो कोई भी उत्पाद, कूरियर, पैकेज या पार्सल को भेजने के लिए डिलीवरी सेवा का इस्तेमाल करती हैं।सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही कैब एग्रीगेटरों की सेवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत आपदा की स्थिति के मद्देनजर एग्रीगेटर्स को वाहन में पैनिक बटन लगाना होगा और इसे 112 (दिल्ली पुलिस) के साथ जोड़ना होगा।
समय से होगा उपभोक्ताओं की शिकायत का निस्तारण
इस योजना में उपभोक्ताओं की शिकायत का समय पर निस्तारण करने पर बल दिया गया है। साथ ही वाहन की फिटनेस, प्रदूषण नियंत्रण और परमिट की वैधता सुनिश्चित करने के लिए भी एक सिस्टम बनाया जाएगा। जिन मामलों में चालक का प्रदर्शन खराब होगा, वहां उसके सुधार के लिए प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।यह भारत में पहली ऐसी ऐतिहासिक पहल होगी, जहां राज्य सरकार कॉमर्शियल वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करने की शुरुआत करेगी। यह योजना पुराने वाहनों को नए इलेक्ट्रिक वाहनों में परिवर्तित करने के लिए चरणबद्ध तरीका प्रदान करती है। इस योजना को लागू करते समय किसी की भी आजीविका पर संकट न आए, इसलिए इसे चार साल की अवधि में किया जाएगा, जो शामिल होने वाले नए वाहनों के प्रतिशत पर लागू होगा।
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