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ध्यान लगाने विपश्यना साधना के लिए गए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, 10 दिन कामकाज से रहेंगे दूर

Kejriwal Vipassana Course दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल रविवार से 10 दिन के लिए विपश्यना साधना के लिए चले गए हैं। अब दस दिन तक किसी के संपर्क में नही रहेंगे। उनकी गैरमौजूदगी में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उनका सारा कामकाज संभालेंगे।

By Mangal YadavEdited By: Updated: Sun, 29 Aug 2021 01:15 PM (IST)
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दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की फाइल फोटो- एएनआइ
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल रविवार से 10 दिन के लिए विपश्यना ध्यान के लिए गए हैं। 10 दिन के इस शिविर के दौरान केजरीवाल के पास न ही मोबाइल, टीवी होगा और न ही वह अखबार ही देख सकेंगे। पूर्व में भी कई बार केजरीवाल विपश्यना ध्यान के लिए जा चुके हैं। महाराष्ट्र के इगतपुर व हिमाचल प्रदेश के धर्मकोट सहित कई विपश्यना शिविरों में पहले भी केजरीवाल 10 दिवसीय विपश्यना शिविरों में भाग ले चुके हैं। इस बार वह कहां गए हैं। इस बारे में सरकार की ओर से जानकारी नहीं दी गई है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि स्थान के बारे में जानकारी देने से मीडिया व आम जनता के पहुंच जाने पर मुख्यमंत्री की साधना में खलल पड़ सकता है।

केजरीवाल ने साल 2014 के लोकसभा चुनाव और साल 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के अपने बेहद व्यस्त चुनाव प्रचार के दौरान भी विपश्यना के लिए समय निकाला था, अवकाश लेकर वे दस दिनों के लिए शिविरों से जुड़े थे। राजनीति में आने से पूर्व भी केजरीवाल विपश्यना शिविरों में जाते रहे हैं। साथ ही केजरीवाल की रुचि प्राकृतिक चिकित्सा में भी रही है। बेंगलुरु के नेचुरौपैथी सेंटर में भी केजरीवाल जा चुके हैं। केजरीवाल की अनुपस्थिति में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उनका दायित्व संभालेंगे। सिसोदिया भी अलग-अलग विपश्यना ध्यान शिविरों में जाते रहे हैं।

बता दें कि विपश्यना ध्यान शिविर के दौरान साधक बाहरी दुनिया से पूरी तरह से कट जाता है। दिन भर शिविर में ध्यान करते हुए ही बिताना पड़ता है और किसी से भी बातचीत की इजाजत नहीं होती है। ऐसे में न बाहरी लोगों को साधक के बारे में पता होता है और न ही साधक को दुनिया की कोई खबर होती है।

क्या है विपश्यना

विपश्यना प्राचीन ध्यान पद्धति है। यह आत्मशुद्धि और आत्मनिरीक्षण की एक पद्धति है। कहा जाता है कि भगवान बुद्ध को विपश्यना के जरिए ही बुद्धत्व हासिल हुआ था। इसमें पहले सांसों पर ध्यान केंद्रित किया जाता है, फिर दूसरे चरण में चुपचाप अपने शरीर और मन की प्रतिक्रियाओं पर नजर रखी जाती है। इससे मन को शांत करने, तनाव कम करने, नकारात्मकता को दूर करने जैसे कई लाभ हैं।

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