केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ CM केजरीवाल को मिला सीताराम येचुरी का साथ, अब तक इन विपक्षी नेताओं ने किया समर्थन
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी से मुलाकात की है। येचुरी ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ उन्हें समर्थन देने का वादा भी किया है। केजरीवाल बीते दिनों के केंद्र को घरने के लिए विपक्षी नेताओं को लामबंद कर रहे हैं।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी के मुलाकात की है। सीपीआई (एम) ने केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली सरकार को समर्थन देने का फैसला किया है।
केजरीवाल ने येचुरी से अपनी मुलाकात के दौरान दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ उनका समर्थन मांगा है। केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ समर्थन पाने के लिए केजरीवाल इस समय विपक्षी नेताओं से संपर्क साध रहे हैं।
#WATCH ये बहुत दर्दनाक हादसा है और उसकी जितनी निंदा की जाए वो कम है। आरोपी(साहिल) को कठोर से कठोर सजा दिलाने के लिए दिल्ली सरकार कोर्ट में बड़े से बड़ा वकील खड़ा करेगी। मृतका के परिजनों को 10 लाख रुपए का मुआवजा देंगे: शाहबाद हत्याकांड पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल pic.twitter.com/68Hxu57Asj— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 30, 2023
दिल्ली के सीएम ने अपनी इस मुलाकात के बारे में सोमवार को ट्वीट कर बताया था कि वह मंगलवार दोपहर साढ़े 12 बजे माकपा मुख्यालय में सीताराम येचुरी से मुलाकात कर अध्यादेश के खिलाफ समर्थन मांगेंगे।
ये विपक्षी नेता दे चुके हैं समर्थन
इस मुद्दे पर केजरीवाल ने सभी विपक्षी नेताओं से आग्रह करते हुए उनका अध्यादेश के विरोध में समर्थन मांगा था।तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव, शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को समर्थन किया है। केजरीवाल ने इन नेताओं से पिछले सप्ताह मुलाकात की थी।
कांग्रेस ने नहीं खोले पत्ते
वहीं, केजरीवाल ने इसी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी से भी मिलने का समय मांगा है। हालांकि, अभी कांग्रेस ने अपना रुख साफ नहीं किया है।
क्या है NCCSA अध्यादेश
अध्यादेश की बात करें तो इसमें कहा गया है कि दिल्ली भारत की राजधानी है, जो सीधे राष्ट्रपति के अधीन है। ऐसे में अधिकारियों के फेरबदल का अधिकार राष्ट्रपति के अधीन रहेगा। इस अध्यादेश के अनुसार, राजधानी में अब अधिकारियों का तबादला और नियुक्ति नेशनल कैपिटल सिविल सर्विसेज अथॉरिटी (एनसीसीएसए) के माध्यम से होगी।
इस अध्यादेश में कहा गया है कि इस एनसीसीएसए के अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे, मगर मुख्य सचिव व गृह सचिव इसके सदस्य होंगे। मुख्य सचिव व गृह सचिव की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाएगी। अधिकारियों की नियुक्ति के विषय में एनसीसीएसए उपराज्यपाल को अनुमोदन करेगी और अधिकारियों के तबादला और नियुक्ति में अगर कोई विवाद होता है तो आखिरी फैसला दिल्ली के एलजी का मान्य होगा।