बच्चों में हमेशा इंडिया फर्स्ट का भाव पैदा करना ही देशभक्ति करिकुलम का मकसद : अरविंद केजरीवाल
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अक्सर मेरे मन में ये भाव आता था कि देश के विद्यालयों में भौतिक विज्ञान रसायन विज्ञान गणित और अन्य कई विषय पढ़ाए जाते हैं लेकिन उन बच्चों में देशभक्ति का जज्बा पैदा करने के लिए हमारे स्कूलों में कोई व्यवस्था नहीं है।
By Rajneesh Kumar PandeyEdited By: Prateek KumarUpdated: Wed, 28 Sep 2022 09:08 PM (IST)
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। त्यागराज स्टेडियम में शहीद-ए-आजम भगत सिंह का जन्मदिन के उपलक्ष्य में देशभक्ति करिकुलम को एक साल पूरे होने पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, विधायक मदनलाल, शिक्षा विभाग की एडिशनल डायरेक्टर डा. रीता शर्मा, शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता, एससीईआरटी के निदेशक रजनीश कुमार समेत शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस दौरान मौजूद सभी अतिथियों व अन्य लोगों ने शहीद भगत सिंह को याद किया और छात्र-छात्राओं व शिक्षकों ने देशभक्ति करिकुलम के लागू होने के बाद के अपने अनुभव भी बताए। उन्होंने बताया कि किस तरह से वे लोग पाठ्यक्रम के आने के बाद देशभक्ति की भावना से भली-भांति परिचित हुए।
देशभक्ति का भाव पैदा करना मकसद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अक्सर मेरे मन में ये भाव आता था कि देश के विद्यालयों में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित और अन्य कई विषय पढ़ाए जाते हैं, लेकिन उन बच्चों में देशभक्ति का जज्बा पैदा करने के लिए हमारे स्कूलों में कोई व्यवस्था नहीं है। इसके तुरंत भाव दूसरा भाव यह आया कि क्या किसी को देशभक्ति सिखाई जा सकती है या नहीं? ये सही है कि देशभक्ति की भावना किसी के अंदर स्वयं ही अपने देश के साथ लगाव और प्रेम के चलते जागृत होती है लेकिन यह भी उतना ही सही है कि बच्चों के अंदर की देशभक्ति की भावना को सही दिशा देने का काम जरूर किया जा सकता है। इससे बच्चों को यह पता चल सकेगा कि देशभक्ति का असल मायने में क्या मतलब है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में देशभक्ति करिकुलम लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया कि देशभक्ति करिकुलम को लागू करने के मुख्य रूप से तीन उद्देश्य हैं।1. छात्र-छात्राओं के मन में पहला इंडिया फर्स्ट का भाव विकसित करना। इसके अलावा सभी तरह की भावनाएं, चाहे वो व्यक्तिगत, पारिवारिक या अन्य किसी भी तरह की भावना हो, उसे दूसरे नंबर पर ही रखा जाना चाहिए। हमारे किसी भी तरह के कृत्य से यदि देश को कोई नुकसान हो सकता है तो हमें तत्काल ही उसे छोड़ देना चाहिए।
2. छात्र-छात्राओं को सभी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम याद दिलाना। जिन स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति देश को आजाद कराने के लिए दे दी, उनके नाम, उनके बलिदान के बारे में आने वाली पीढ़ी और हर एक बच्चे को पता होनी चाहिए। इससे उनके अंदर भी देश के लिए कुछ कर गुजरने की प्रेरणा विकसित होगी और आने वाली पीढ़ी बलिदानियों के योगदान को याद रखते हुए जीवन में आगे बढ़ेंगे।3. छात्रों-छात्राओं को उनकी सिविक जिम्मेदारियों के बारे में समझाना।
पूरे देश में लागू हो पाठ्यक्रमहर बच्चे को यह बात पता होनी चाहिए कि हम समाज का कोई भी काम करें। हम अपनी देशभक्ति की भावना को जीवित रखते हुए खुद देशभक्त बना सकते हैं। हमें केवल अपना काम पूरी ईमानदारी और लगन से करना है। अगर बच्चे डाक्टर बनते हैं तो कम से कम कुछ गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज करके अपने देश से रोगों को दूर भगा सकता है। कोई सफाई कर्मचाही है तो वह सफाई अच्छे से करके देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभा सकता है। अपने आसपास सफाई रखना, जरूरतमंद की मदद करना इत्यादि के माध्यम से हम अपनी देशभक्ति को साबित कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पाठ्यक्रम को पूरे देश में लागू करना चाहिए।
तीन अन्य कोर्स हुए शुरूसीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने सरकारी स्कूलों में तीन नए कोर्सेस हैप्पीनेस, आंत्रप्रिन्योरशिप और देशभक्ति क्लासेज शुरू किए। हैप्पीनेस क्लास में बच्चों को अच्छा इंसान और देशभक्ति क्लासेज में अच्छा नागरिक बनना सिखाया जाता है, जबकि आंत्रप्रिन्योरशिप क्लासेज में बच्चों को कम से कम अपना पेट पालने लायक बनना सिखाया जाता है। मुझे लगता है कि पूरी दुनिया में ये तीनों कोर्स पहली बार दिल्ली में प्रयोग किए जा रहे हैं और एक दिन यहां से निकल कर ये कोर्स पूरी दुनिया में फैलेंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी शिक्षक हर बच्चे में भारत को नंबर वन बनाने का विचार अवश्य भरें, ताकि हर बच्चा इस भाव के साथ स्कूल से निकले कि मुझे भारत को नंबर बनाना है। अगर 130 करोड़ लोग भारत को नंबर वन बनाने के भाव के साथ काम करने लग गए, तो भारत को नंबर वन बनने से कोई नहीं रोक सकता।
भगत सिंह के जन्मदिन के शरू की थी देशभक्ति करिकुलमउपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि पिछले साल आज ही के दिन शहीद-ए-आजम भगत सिंह के जन्मदिन पर हमने दिल्ली सरकार के स्कूलों में देशभक्ति करिकुलम की शुरुआत की गई थी और एक बड़ा बदलाव देखने को मिला। उन्होंने कहा कि जब मुख्यमंत्री के नेतृत्त्व में दिल्ली सरकार ने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए शानदार क्लास रूम -स्कूल बिल्डिंग बनवाए, शिक्षकों को आइआइएम व फिनलैंड जैसे जगह पर ट्रेनिंग दिया तो इसका सकारात्मक परिणाम यह आया कि आज मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में दिल्ली के सरकार के स्कूलों के बच्चों का रिजल्ट शत प्रतिशत आने लगा है। आज दिल्ली सरकार के स्कूलों का वातावरण शानदार हो गया है। हमारे स्कूल बच्चे नीट व जेईई जैसे एग्जाम पास कर रहे है। हमने बच्चों को बेहतर व खुश इंसान बनाने के लिए हैप्पीनेस माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की, बच्चे जाब सीकर न बने, जाब प्रोवाइडर बने इसके लिए आंत्रप्रिन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम की शुरुआत की। इसके बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल के विजन के तहत हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ कट्टर देशभक्त बनाने का काम भी शुरू हुआ। इस विजन को पूरा करने के लिए हमने देशभक्ति करिकुलम की शुरुआत की। हालांकि उस समय लोग ये मानने को तैयार नहीं थे कि देशभक्ति की भावना बच्चों में भरी जा सकती है। लेकिन दिल्ली के सरकारी स्कूलों के शिक्षकों ने यह कर दिखाया और साबित कर दिया कि अगर स्कूल हर बच्चे को देशभक्त बनाने में लग जाए तो उन्हें कट्टर देशभक्त बनने से कोई रोक नहीं सकता है।
छात्रों व शिक्षकों ने देशभक्ति करिकुलम के अनुभवों को किया साझा1- 10वीं की छात्रा वंशिका ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि मेरी एक दोस्त थी, जो मेरी जाति की नहीं थी। मेरे पैरेंट्स ने उससे बात करने के लिए मना किया, तो मुझे लगा कि मेरे पैरेंट्स सही कह रहे हैं। इसलिए मैंने उससे बात करना थोड़ा कम कर दिया। लेकिन जब मेरे टीचर ने समझाया कि जाति-पात कुछ नहीं होता है, तब मुझे लगा कि मैं देशभक्त कैसे हो सकती हूं, मैं भी तो गलत कर रही हूं। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए। मैंने उससे दोबारा जब बात की, तब भी मेरी मां ने मुझे मना किया। फिर मैंने अपनी मां से कहा कि जाति-पात हमने ही मनाई है। भगवान ने हमें एक जैसा बनाया है। इसलिए हमें एक-दूसरे से मिलजुल कर रहना चाहिए।
2- छात्रा तनीषा शर्मा ने कहा कि देशभक्ति के बारे में हम पहले से सुनते आ रहे हैं कि क्या होती है। लेकिन अब हमें देशभक्ति का सही मतलब पता चल गया है। हम सोचते थे कि देशभक्ति का यही मतलब होता होगा कि कॉलेज में जाकर लड़ाई और विरोध कर रहे हैं, लेकिन अब हमें पता चला है कि हम जहां रहते हैं, अपनी सोसायटी में देशभक्ति कर सकते हैं। जैसे हम अपने घर को साफ रखते हैं, वैसे ही हमें अपने देश को साफ रखना चाहिए। हमें कूड़े को फैलाना नहीं चाहिए, बल्कि उसको सही जगह रखना चाहिए।
3- छात्रा शिवानी ने कहा कि जब से देशभक्ति करिकुलम शुरू हुआ है, उससे पहले मुझे बिल्कुल पता नहीं था कि देशभक्ति होती क्या है? जब हमारे टीचर ने हमें बताया कि देशभक्ति क्या है, तब मैंने सोचा कि मैं भी एक देशभक्त हूं, क्योंकि मुझमें भी वो सारे गुण है, जो एक देशभक्त में है। मैं अपने आसपास का एरिया साफ रखती हूं। बड़ों की बहुत इज्जत करती हूं। हमें जो देशभक्ति डायरी मिली है, उसमें 100 नाम हैं। मुझे वो सारे 100 नाम याद हैं।
4- छात्र विशाल का कहना है कि देश के लिए बलिदान और खुद को समर्णण करना देशभक्ति होती है। उन्होंने शहीद भगत सिंह की एक शायरी कहकर देशभक्ति का मतलब समझाया कि सीने में जो जख्म दिया है, वो सब फूल के गुच्छे हैं, हमें पागल ही रहने दो, हम पागल ही अच्छे हैं।5- एकेवी शंकर नगर 9वीं से 12वी कक्षा की नोडल इंचार्ज नीतू गुलाटी ने कहा कि इस करिकुलम से बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। बच्चो के अंदर सम्मान की भावना विकसित हो गई है। बच्चे अपनी ड्यूटी के प्रति बहुत ज्यादा जिम्मेदार हो गए हैं। छोटे बच्चों में भी बहुत बदलाव आया है। एक बच्ची ने तिरंगा बनाया था। उससे मैंने कहा कि क्या मैं देख सकती हूं, तो उस बच्ची ने कहा कि तिरंगे को ध्यान से पकड़िएगा, यह गिरना नहीं चाहिए। यह मेरे देश की शान है।देशभक्ति करिकुलम के बारे में- इसे 4 ग्रुपों केजी-2, 3-5, 6-8 और 9-12 में बांटा गया है।- यह करिकुलम दिल्ली के सभी 1047 सरकारी स्कूलों में लागू किया गया है और करीब 18 लाख विद्यार्थी लाभांवित हो रहे हैं।- इन सरकारी स्कूलों में लगभग 36,000 शिक्षक देशभक्त कक्षाएं लेते हैं।- यह ग्रेड केजी-8 में प्रतिदिन और ग्रेड 9-12 में सप्ताह में दो बार चलता है।- सभी स्कूलों ने केजी-5, 6-8 और 9-12 के लिए नोडल शिक्षक (समन्वयक) नियुक्त किए हैं।- नोडल शिक्षकों को एससीईआरटी द्वारा करिकुलम की शुरुआत से अब तक 65 घंटे का प्रशिक्षण दिया गया है।- करिकुलम को आसान बनाने के लिए हर ग्रुप को शिक्षक नियमावली दी गई है।- यह करिकुलम छात्रों की टेक्स्टबुक नहीं है, बल्कि यह केवल स्वतंत्रता सेनानियों की 100 कहानियों का एक संग्रह है।- यह करिकुलम गतिविधि और चर्चा पर आधारित है, जहां प्रत्येक पाठ के अंत में छात्र सीखने पर प्रतिबिंबित करते हैं और अपना आत्मनिरीक्षण करते हैं।- कक्षा 6-12 के छात्र एक देशभक्ति डायरी रखते हैं जिसमें वे अपने प्रतिबिंबों को नोट करते हैं।- प्रत्येक कक्षा की शुरुआत एक देशभक्ति ध्यान से होती है, जहां किसी भी 5 देशभक्तों को याद करने और उनकी सेवा के लिए उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए ध्यान केंद्रित किया जाता है।- इस करिकुलम के कंटेंट में देश के लिए प्यार और सम्मान की भावना पैदा करना, देशभक्ति को समझना, भारत की ताकत और चुनौतियों की पहचान करना शामिल है।- इसका माइंडसेट करिकुलम के रूप में आत्म चिंतन पर ध्यान केंद्रित करना और अपने स्वयं के व्यवहार के प्रति जागरूकता पैदा करना है। यह पारंपरिक सामाजिक विज्ञान से भिन्न है जो ज्ञान देने या नैतिक विज्ञान वर्गों पर केंद्रित है जो मूल्यों का प्रचार करते हैं।देशभक्ति करिकुलम लागू होने की टाइमलाइन- 15 अगस्त 2019 को सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा इसके विजन की घोषणा की गई।- एससीईआरटी द्वारा 12 अक्टूबर 2019 को गठित समिति की गई।- 9 मार्च 2021 को उप मुख्यमंत्री ने देशभक्ति बजट की घोषणा की- 6 अगस्त 2021 को एससीईआरटी दिल्ली की गार्वनिंग काउंसिल ने देशभक्ति करिकुलम की रूपरेखा को स्वीकार किया।- 14 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री ने करिकुलम की रूपरेखा को अनुमोदित किया।- 28 सितंबर 2021 को छत्रसाल स्टेडियम में कक्षा 6-8 और 9-12 में शिक्षक नियमावली और 100 स्वतंत्रता सेनानियों की ‘हमारी देशभक्ति क्रांतिकारी’ कहानी सहित करिकुलम का शुभारंभ हुआ।- 17 अगस्त 2022 को ग्रेड केजी-2 व 3-5 में शिक्षक नियमावली का शुभारंभ हुआ।
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