आतिशी को एलजी का पहला 'बाउंसर', सीएम बनते ही लगा झटका; वीके सक्सेना ने लौटाई फाइल
आतिशी ने शपथ लेने के कुछ ही घंटों बाद अपने पहले आदेश को वापस ले लिया है। उन्होंने 1994 बैच के एक आईएएस अधिकारी को मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) के रूप में नियुक्त करने का आदेश जारी किया था लेकिन एलजी ने इस आदेश को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि उनके निजी स्टाफ में सेवा देने के लिए एसीएस स्तर का कोई स्वीकृत पद नहीं है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री आतिशी (Delhi CM Atishi) ने सोमवार को अपना कार्यभार तो संभाल लिया, लेकिन बतौर मुख्यमंत्री दिया गया अपना पहला हस्ताक्षरित आदेश उन्हें कुछ ही घंटों में वापस लेना पड़ गया। अब इस आदेश को जल्द ही नए सिरे से दोबारा जारी किया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, शनिवार को शपथ लेने के ठीक बाद आतिशी ने 1994 बैच के एक आईएएस अधिकारी को शीर्ष वेतनमान (वेतन स्तर 17) में मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) के रूप में नियुक्त करने का आदेश जारी किया था। एलजी की स्वीकृति के लिए इस आदेश को उन्होंने राजनिवास भी भेज दिया।
एलजी से क्या मिला जवाब
जब यह आदेश राजनिवास पहुंचा तो उन्हें बताया गया कि उनके निजी स्टाफ में सेवा देने के लिए एसीएस स्तर का कोई स्वीकृत पद ही नहीं है। सीएम अपने लिए सबसे ऊंचे पद पर अधिक से अधिक प्रधान सचिव स्तर के अधिकारी को ही नियुक्त कर सकता है। इस पर उन्होंने एलजी की मंजूरी के लिए राजनिवास भेजा गया अपना नोट वापस ले लिया।
...तो नहीं आती ऐसी नौबत
बताया जाता है कि आतिशी ने यह आदेश जारी करने से पहले उस अधिकारी से भी सलाह मशविरा नहीं किया था, जिन्हें वह अपना एसीएस बनाना चाह रही थीं। यदि ऐसा होता तो शायद उन्हें नियमों की जानकारी मिल गई होती और बतौर सीएम उन्हें अपना पहला ही आदेश वापस लेने की नौबत भी नहीं आती।
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