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    सीएम रेखा गुप्ता पर चाकू से हमला करने की थी साजिश, खुद को डॉग ट्रेनर बताकर जनसुनवाई में पहुंचा था हमलावर

    मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर चाकू से हमले की साजिश का खुलासा हुआ है। आरोपी राजेश भाई खिमजी ने सब्जी विक्रेता से चाकू चुराकर उसे कैंप कार्यालय के पास फेंक दिया था। पूछताछ में पता चला कि तहसीन और राजेश 15 दिन से साजिश रच रहे थे। राजेश ने कैंप कार्यालय में खुद को डॉग ट्रेनर बताया था। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

    By Rakesh Kumar Singh Edited By: Kushagra Mishra Updated: Mon, 25 Aug 2025 06:47 PM (IST)
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    15 दिन पहले से सीएम रेखा गुप्ता पर हमले की रची जा रही थी साजिश।

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर चाकू से हमला करने की साजिश आरोपी राजेशभाई खिमजी ने रची थी। मंगलवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बाहर उसने एक सब्जी विक्रेता का चाकू चोरी कर बैग में छिपा लिया था।

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    अगले दिन चाकू लेकर वह सीएम के कैंप कार्यालय पर पहुंच भी गया था। लेकिन गेट पर पुलिसकर्मियों द्वारा लोगों की चेकिंग करते देख पकड़े जाने के डर से उसने चाकू को पास स्थित जंगल में फेंक दिया था।

    गेट पर पुलिसकर्मियों द्वारा उसका परिचय पूछने पर उसने खुद को डाॅग ट्रेनर बताया था। जिसके बाद उसे अंदर जाने दिया गया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने जंगल से चाकू बरामद कर लिया है।

    सीएम पर चाकू से हमला करने की साजिश का पता लगाने और चाकू बरामद करने में छह दिन क्यों लग गए, इसको लेकर दिल्ली पुलिस पर कई तरह के सवाल खडे़ हो गए हैं।

    पुलिस का कहना है कि मंगलवार सुबह साढे छह बजे राजेशभाई खिमजी, उज्जैन नई दिल्ली एक्सप्रेस से नई दिल्ली आया था। अजमेरी गेट की तरफ बाहर निकलने के बाद उसने एक सब्जी विक्रेता का चाकू चोरी कर बैग में छिपा लिया था।

    इसके बाद वह जहां-तहां ट्रैवल करता रहा। उसकी योजना पहले सुप्रीम कोर्ट के बाहर विरोध प्रदर्शन करने की थी, लेकिन वहां पुलिसकर्मियों को देखकर उसने योजना टाल दिया और मुख्यमंत्री से आसानी से मुलाकात होने का पता चलने पर उसी दिन सुबह साढे 11 बजे घूमते हुए वह शालीमार बाग स्थित सीएम के घर के बाहर पहुंच गया था।

    वहां वीडियो बनाकर तहसीन को भेजने के बाद वह कश्मीरी गेट आ गया था। वहां किसी ने उसे सिविल लाइंस स्थित गुजराती समाज भवन में जाने की सलाह दी जिसपर वह वहां आ गया था। रात में वह वहीं रूका और सुबह आठ बजे बैग में चाकू लेकर पैदल ही सीएम के कैंप कार्यालय में पहुंच गया था। अंदर जाकर उसने सीएम पर जानलेवा हमला कर दिया।

    पुलिस अधिकारी का कहना है कि सोमवार को राजेश को जांच के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन, गुजराती समाज भवन के अलावा सिविल लाइंस में उस जगह ले जाया गया जहां उसने चाकू फेंका था। वहां से चाकू बरामद कर लिया गया।

    इसके अलावा राजेश और तहसीन को आमने सामने बैठाकर पूछताछ की गई। पूछताछ से पता चला कि दोनों ने सीएम पर खतरनाक इरादे से हमला करने की साजिश रची थी। तहसीन ने राजेश को अपने साथ जोड़कर हमले की साजिश रची थी।

    तहसीन ने ही सारा प्लान बनाया था। दोनों से पूछताछ में उन्होंने एक जैसी बातें बताई। सोमवार को दोनों को तीस हजारी कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया। पुलिस अधिकारी का कहना है कि जांच में आगे जरूरत पड़ने पर उन्हें दोबारा पूछताछ के लिए रिमांड पर ले लिया जाएगा।

    उधर सीएम की सुरक्षा में तैनात किए गए सीआरपीएफ के जवानों को हटा लिया गया है। घटना के अगले दिन बृहस्पतिवार सुबह गृह मंत्रालय से सीएम की सुरक्षा में छह सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती कर दी गई थी।

    गृह मंत्रालय से फाेन पर केवल सुरक्षा यूनिट के अधिकारी को इसकी जानकारी दी गई थी। शुक्रवार को दिल्ली पुलिस के नव नियुक्त आयुक्त सतीश गोलचा ने सीएम से मुलाकात कर जब उन्हें दिल्ली पुलिस की चाक चौबंद सुरक्षा देने का भरोसा दिया तब उसी दिन सीआरपीएफ के जवानों को वापस भेज दिया गया। अब पहले की तरह केवल दिल्ली पुलिस की सुरक्षा यूनिट ही उन्हें जेड प्लस सुरक्षा प्रदान कर रही है।

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