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Delhi: सीएम केजरीवाल ने LG को भेजी सतर्कता मंत्री की रिपोर्ट, मुख्य सचिव को तत्काल निलंबित करने की रखी मांग

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव से जुड़े मामले में सतर्कता मंत्री आतिशी की प्राथमिक जांच रिपोर्ट को उपराज्यपाल को भेज दिया है। सीएम ने एलजी को इस रिपोर्ट को भेज देते हुए मुख्य सचिव को तत्काल पद से हटाने और निलंबन की सिफारिश की है। सीएम ने मंत्री आतिशी को सीबीआई और ईडी को रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिए हैं।

By Jagran NewsEdited By: Nitin YadavUpdated: Wed, 15 Nov 2023 10:15 AM (IST)
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Delhi: सीएम केजरीवाल ने LG को भेजी सतर्कता मंत्री की रिपोर्ट।
एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के मुख्य सचिव से जुड़े मामले में सतर्कता मंत्री आतिशी की प्राथमिक जांच रिपोर्ट को उपराज्यपाल को भेज दिया है। सीएम ने एलजी को इस रिपोर्ट को भेज देते हुए मुख्य सचिव को तत्काल पद से हटाने और निलंबन की सिफारिश की है।

समाचार एजेंसी एएनआई ने आप सरकार का सूत्रों के हवाले से जानकारी देते हुए बताया कि सीएम केजरीवाल ने मुख्य सचिव से जुड़े मामले में विजिलेंस मंत्री आतिशी की रिपोर्ट उपराज्यपाल को भेज दी है। सीएम ने उन्हें तत्काल पद से हटाने और निलंबन की सिफारिश की है। सीएम ने मंत्री आतिशी को सीबीआई और ईडी को रिपोर्ट भेजने के भी निर्देश दिए हैं।

आतिशी ने मंगलवार को सीएम को सौंपी थी रिपोर्ट

वहीं, मंगलवार को दिल्ली सतर्कता मंत्री आतिशी ने बामनोली भूमि अधिग्रहण मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ शिकायत के संबंध में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मंगलवार को 650 पेज की प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी थी।

इस रिपोर्ट में कहा गया कि मुख्य सचिव ने अपने बेटे करण चौहान से जुड़ी कंपनी को गलत तरीके से लाभ पहुंचाने के लिए बामनोली गांव में अधिग्रहित एक भूमि का मुआवजा राशि अधिक बढ़ाई है। इस 670 पन्नों की प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार द्वारका एक्सप्रेस-वे के लिए भूमि अधिग्रहण मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार, दक्षिणी पश्चिमी दिल्ली के डीएम हेमंत कुमार और कुछ भ-ूस्वामियों की आपस में मिलीभगत थी।

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आतिशी ने इस मामले पर सौंपी रिपोर्ट में दावा किया है कि इस मामले में 850 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ कमाया गया। यह जमीन 2015 में द्वारका एक्सप्रेस-वे के पास केवल 75 लाख रुपये में खरीदी गई थी। केजरीवाल ने आतिशी से शिकायत की जांच कराने को कहा था।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा बामनोली में अधिग्रहित की जा रही 19 एकड़ भूमि का मूल्य इस साल मई में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण पश्चिम) हेमंत कुमार द्वारा 41 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 353 करोड़ रुपये कर दिया गया था। बाद में इस मामले में गृह मंत्रालय ने हेमंत कुमार को निलंबित कर दिया था।

मंत्री ने रिपोर्ट में कहा गया है कि जमीन मामले की फाइल पर हस्ताक्षर करने वाले सतर्कता विभाग के सभी अधिकारी और मुख्य सचिव भी शामिल हैं, ये सभी लोग संदेह के घेरे में हैं।उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है, जैसे इस भ्रष्टाचार के मामले को छिपाने की कोशिश की जा रही है, ताकि इसमें शामिल व्यक्तियों के खिलाफ जांच को रोका जा सके।

मंत्री आतिशी ने मुख्य सचिव नरेश कुमार के साथ साथ इस मामले में मंडलायुक्त अश्वनी कुमार का भी नाम लिया है। इस रिपोर्ट में उन्होंने सीएम से दोनों अफसरों को उसके पद से तत्काल हटाने की सिफारिश भी की है, ताकि वे जांच प्रक्रिया को प्रभावित न कर सकें।

मंत्री ने आशंका जताई है कि सुबूतों को नष्ट करने के लिए फाइल के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है।इसलिए इस जांच से संबंधित फाइलों को उनसे जब्त कर ली जाएं।साथ ही मंत्री ने सीएम से मुख्य सचिव और मंडलायुक्त के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी सिफारिश की है।

सीबीआई के पास भेजने की भी की सिफारिश

मंत्री ने इस रिपोर्ट को सीबीआइ के पास भेजने की भी सिफारिश की है, ताकि एजेंसी को इस रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के बारे में पूरी जानकारी दी जा सके और मुख्य सचिव, मंडलायुक्त की डीएम हेमंत कुमार व भू-स्वामियों के साथ मिलीभगत की जांच तक इसका दायरा बढ़ाया जा सके।

रिपोर्ट के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय को 2015 में भूस्वामियों द्वारा भूमि की खरीद से लेकर 2023 में इसको पाने के लिए अवैध मुआवजे तक के लेन-देन की कड़ी में धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत अपराध होने की संभावना को बताते हुए एक सूचना जारी करना चाहिए।

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