'दिल्ली के सीएम जल्द बाहर आकर लोगों की सेवा करेंगे', केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिलने पर बोले सौरभ भारद्वाज
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर किसी कानून में बेल मुश्किल तो गिरफ्तारी भी मुश्किल और बेल आसान तो गिरफ्तारी भी आसान होता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अरविंद केजरीवाल 90 दिन तक जेल में रह चुके हैं इसलिए अब उन्हें अंतरिम जमानत मिलनी चाहिए। वहीं अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री रह सकते है या नहीं यह फैसला कोई कानून या कोर्ट नही कर सकता।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी। हालांकि सीबीआई मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। यही कारण है कि वह फिलहाल जेल में ही रहेंगे। इस पर आप नेता और दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जल्द बाहर आएंगे और दिल्ली की जनता की सेवा में लग जाएंगे।
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर किसी कानून में बेल मुश्किल तो गिरफ्तारी भी मुश्किल और बेल आसान तो गिरफ्तारी भी आसान होता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में अरविंद केजरीवाल 90 दिन तक जेल में रह चुके हैं, इसलिए अब उन्हें अंतरिम जमानत मिलनी चाहिए। वहीं अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री रह सकते है या नहीं यह फैसला कोई कानून या कोर्ट नही कर सकता। यह फैसला स्वयं अरविंद केजरीवाल का है।
सीबीआई ने जानबूझकर केजरीवाल को किया गिरफ्तार
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि भाजपा किसी भी तरह चाहती थी कि केजरीवाल इस्तीफा दे। इसके लिए भाजपा कोर्ट भी गई। कोर्ट ने भी साफ किया कि इस्तीफा देना या नहीं देना ये निर्णय खुद केजरीवाल लेंगे। उन्होंने कहा कि न्याय बिंदु जी की कोर्ट ने जब केजरीवाल जी को जमानत दी थी तो ये तय हो गया था कि उन्हें सुप्रीम कोर्ट से भी जमानत मिल जाएगी। यही कारण है कि CBI ने सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले ही तिहाड़ जाकर केजरीवाल जी को गिरफ्तार कर लिया। लेकिन यहां Prevention of Corruption Act में CBI को साबित करना होगा कि करप्शन हुआ है।
बीजेपी जिसे चाहे झूठे केस में फंसाती है: सौरभ भारद्वाज
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि CBI के मामले में भी केजरीवाल जी को जल्द जमानत मिल जाएगी और वो जल्द दिल्ली के लोगों की सेवा करने के लिए बाहर होंगे। पूरे देश में चर्चा है कि BJP सरकार जिसे चाहे झूठे मुकदमे में फंसातीं है और बाद में जेल में डाल देती है। फिर उन पर दबाव डाला जाता है कि वो BJP के सामने Surrender कर दें और BJP में शामिल हो जाए।