Delhi: ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना के बाद सिर्फ हो हल्ला, जमीन पर कुछ नहीं बदला; अब तक इस केस में क्या हुआ?
दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राव आईएएस स्टडी सर्किल के बेसमेंट में तीन छात्रों की मौत के एक महीने बाद भी स्थिति नहीं बदली है। घटना के बाद सिर्फ हो हल्ला हुआ जमीनी स्तर पर कुछ नहीं बदला। अभी भी बेसमेंट से पानी पंप से निकाला जा रहा था। जल निकाली के लिए लाइन डालने के लिए सड़क पर गड्ढे छोड़ दिए।
कोचिंग सेंटर के बेसमेंट से निकाला जा रहा था पानी
दैनिक जागरण की टीम जब रविवार को बड़ा बाजार रोड की पड़ताल करने पहुंची तो कोचिंग सेंटर राव आईएएस स्टडी सर्किल की बेसमेंट से पानी निकाला जा रहा था। चार बार तेज वर्षा हुई है तब बेसमेंट में पानी भरा है।छात्रों की बढ़ गई है परेशानी
ओल्ड राजेंद्र नगर की घटना के बाद बेसमेंट में चल रहे कई कोचिंग सेंटर सील हो गए हैं ऐसे में घटना से जमीनी स्तर पर तो कुछ ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है, लेकिन दूर-दराज से यहां पर यूपीएससी की तैयारी के लिए आने वाले छात्रों की परेशानी बढ़ गई है, क्योंकि जो कोचिंग सेंटर सील हुए हैं वह दूसरी जगह पर कक्षाएं दे रहे हैं और वहां पर जाने पर समय लग रहा है। घटना के बाद लाइब्रेरी सील होने से बेसमेंटे के बाहर चल रहे कई लाइब्रेरी संचालकों ने आपदा में अवसर देखते हुए 4000 रुपये माह की फीस को छह हजार कर दिया है। इससे छात्रों की परेशानी और बढ़ गई है।जगह-जगह अब भी नालियों पर खड़े होते हैं वाहन
बड़ा बाजार रोड पर अवैध पार्किंग से भी बुरा हाल है। सड़क पर वाहन बड़ी संख्या में खड़े होते हैं। ऐसे में अगर, अचानक तेज वर्षा होने लग जाए तो जल निकासी पर भी समस्या खड़ी हो जाती है। जब -जब वर्षा होती है तब-तब तक इस सड़क पर पानी भर जाता है। जिसकी प्रमुख वजह इलाका नीचा होना है। शंकर रोड़ से होते हुए और पूसा रोड का पानी भी इसी बड़ा बाजार मार्ग पर इकट्ठा हो जाता है। निगम की यहां पर दो पंप जरुर लगा रखे हैं लेकिन वह भी यहां पर जलभराव रोकने में नाकाम साबित हुए हैं।ढाई करोड़ रुपये का फंड किया गया है मंजूर
निगम ने इस मार्ग और आस-पास के इलाके में नए सिरे से ड्रेनेज सिस्टम बनाने के लिए ढाई करोड़ रुपये का फंड मंजूर किया है लेकिन अभी उसका काम शुरू नहीं हो पाया है। निगम को मार्च 2025 तक इसका कार्य पूरा करना है। इसके तहत दरियायी नाले की सफाई भी शामिल है। साथ ही सड़क के दोनों ओर बने वर्षा जल निकासी के नाले का भी निर्माण नए सिरे से किया जाना है।अब तक इस केस में क्या हुआ?
- निगम ने एक सहायक अभियंता को निलंबित तो एक कनिष्ठ अभियंता को बर्खास्त कर दिया है।
- हाईकोर्ट के निर्देश पर इस मामले में सीबीआइ की जांच चल रही है।
- वर्षा के दौरान कोचिंग सेंटर के सामने से गाड़ी निकालने वाले व्यक्ति मानुज कथूरिया को जमानत मिल चुकी है।
- डीएम ने जांच रिपोर्ट देते हुए एमसीडी को नाले की सफाई न करने के लिए जिम्मेदार बताया गया है।
- एमसीडी की जांच रिपोर्ट में एमसीडी को जिम्मेदार नहीं ठहराया था बल्कि यहां पर नालियों को ठकने और स्लैब बनाने वाले लोगों को जिम्मेदार बताया था।
- केंद्र सरकार द्वारा गठित जांच समिति की रिपोर्ट भी अभी आनी बाकी है।
शंकर रोड और पूसा रोड का पानी इस इलाके में कोचिंग सेंटर के पास आकर एकत्रित होता है। इसलिए वहां पर पानी निकासी से लिए पंप लगाए गए हैं। वर्षा के समय हमारी टीम वहां मौजूद रहती है साथ ही यह सुनिश्चित करती है कि कोई अन्य व्यक्ति दुर्घटना की चपेट में न आए। साथ ही वहां पर तेजी से पानी निकले इसके लिए भी ड्रेनेज की लाइने बिछाने का कार्य चल रहा है। काम तेजी से करने के आदेश हैं। शेष अतिक्रमण और अन्य कार्यों को भी किए जाने का कार्य प्रगति पर हैं। -अमित कुमार, निदेशक, प्रेस एवं सूचना निदेशालय, एमसीडी