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शीला दीक्षित ने जिसे कहा था गद्दार, कांग्रेस ने उसे सौंपी प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी; ये है लवली की पूरी कहानी

Delhi Congress State President Arvinder Singh Lovely दिल्ली कांग्रेस के नए अध्यक्ष अब अरविंदर सिंह लवली बन गए हैं। लवली का पॉलिटिकल करियर उतार-चढ़ाव वाला रहा है। लवली ने डीयू में पढ़ने के दौरान ही राजनीति में कदम रख दिए थे। अरविंदर सिंह लवली ने दिल्ली में सबसे कम उम्र के विधायक बनने का भी रिकॉर्ड अपने नाम किया था।

By Abhi MalviyaEdited By: Abhi MalviyaUpdated: Thu, 31 Aug 2023 04:25 PM (IST)
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अरविंदर सिंह लवली को मिली दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष की जिम्मेदारी। फोटो- जागरण ग्राफिक्स
नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष पद की कुर्सी पर अरविंदर सिंह लवली को दे दी गई है। अरविंदर सिंह लवली दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कैंप के नेता माने जाते हैं। अरविंदर सिंह लवली का पॉलिटिकल करियर उतार-चढ़ाव वाला रहा है। शीला दीक्षित के जीवित रहते ही अरविंदर सिंह लवली ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था। 

अरविंदर सिंह लवली का जन्म पंजाब में हुआ था। 11 दिसंबर 1968 को पंजाब के लुधियाना में उन्होंने जन्म लिया था। लवली ने दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) से शिक्षा हासिल की। DU में पढ़ने के दौरान ही वह छात्र राजनीति में हिस्सा लेने लग गए थे। 

1987 में अरविंदर सिंह लवली ने सक्रिय राजनीति की ओर अपने कदम बढ़ाए। लवली ने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के महासचिव का पद संभाला। लगातार कांग्रेस के लिए वफादारी दिखाने के चलते उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस की कई जिम्मेदारियां सौंपी गईं।

1998 में पहली बार अरविंदर सिंह लवली को कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दी। लवली ने पहली बार में ही जीत हासिल कर ली। लवली गांधीनगर सीट से विधायक बन गए। उस समय लवली दिल्ली विधानसभा के सबसे युवा विधायक थे। 

2003 और 2008 के विधानसभा चुनाव में भी लवली गांधीनगर की सीट से ही चुनाव लड़कर विधानसभा पहुंचे। इस दौरान वह शीला दीक्षित की नजरों में भी आए। शीला दीक्षित ने उन्हें अपनी कैबिनेट में जगह भी दी। शीला दीक्षित सरकार में उन्हें पर्यटन मंत्रालय मिला। इसके बाद 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हे AAP के प्रकाश जारवाल ने बुरी तरह हरा दिया। 

जब कांग्रेस को दिया था धोखा

2013 के विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद लवली ने कुछ मुश्किल फैसले लिए। लवली ने कांग्रेस का साथ छोड़कर बीजेपी का दामन थामना सही समझा। लवली ने 2017 के एमसीडी चुनाव के ठीक पहले बीजेपी ज्वाइन की है।

शीला दीक्षित भी थी हैरान

लवली के बीजेपी में जाने को लेकर शीला दीक्षित भी काफी खफा थीं। उन्होंने लवली के इस कदम को गद्दार करार दिया था। उन्होंने कहा था, ''लवली भाजपा से सख्त नफरत करते थे। मुझे आश्चर्य है कि उन्होंने बीजेपी ज्वॉइन की।''

10 महीने बाद ही की घर वापसी

अरविंदर सिंह लवली ने 10 महीने बाद ही घर वापसी कर ली थी। उन्होंने कांग्रेस का हाथ फिर पकड़ लिया। 10 महीनों में ही उन्हें समझ आ गया कि बीजेपी में उनकी दाल नहीं गलने वाली। 

लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी जिम्मेदारी

अरविंदर सिंह लवली ने जरूर भाजपा में जाकर कांग्रेस को धोखा दिया था, लेकिन कांग्रेस से उनकी वफादारी को कांग्रेस आलाकमान ठुकरा नहीं पाई। दिल्ली में कांग्रेस की पकड़ पिछले कुछ सालों में कमजोर हुई है। वहीं, अरविंदर सिंह लवली की दिल्ली कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से अच्छा समन्वय है। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले लवली पर भरोसा जताकर कांग्रेस ने सही फैसला लिया है या नहीं, ये तो चुनाव के नतीजों के बाद ही पता चलेगा।

 

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