Constable Murder: अधूरा रह गया संदीप का ये सपना, परिवार का था इकलौता सहारा, सदमे में मां-पत्नी और पिता बोले...
Delhi Constable Murder Case दिल्ली पुलिस के सिपाही संदीप की कार से कुचलकर हत्या की गई। सिपाही को करीब 10 मीटर तक कार से घसीटा भी गया। संदीप की मौत का परिवार को पता चला तो कोहराम मच गया। संदीप अपने परिवार का इकलौता सहारा थे। उनकी दो बहनें हैं जिनमें से एक की शादी हो चुकी है। संदीप ने अपनी अविवाहित बहन के लिए यह सपना देखा था।
जागरण संवाददाता, गोहाना (सोनीपत)। Constable Murder Case राजधानी दिल्ली में कॉन्स्टेबल संदीप की मौत की खबर जब उनके गांव मदीना पहुंची तो मातम पसर गया। इकलौते बेटे की मौत की जानकारी शुरुआत में उनके माता व पिता और उनकी पत्नी को नहीं दी गई।
इसके बाद जब गांव के लोग धीरे-धीरे उनके घर के बाहर पहुंचने लगे तो पिता समझ गए कि कुछ अनहोनी हुई है। दोपहर बाद जब सिपाही का तिरंगे में लिपटा शव गांव पहुंचा, तो परिजन को उनकी मौत के बारे में पता चला।
वहीं, पिता जवान बेटे का शव तिरंगे में लिपटा देख बिलख पड़े और बोले- हमारा तो सब कुछ चला गया। मां, पत्नी और बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है। दिल्ली पुलिस ने सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार करवाया। मदीना के रमेश पहले खेती करते थे।बीमारी के चलते उन्होंने कई साल पहले खेती छोड़ दी थी। संदीप 2018 में दिल्ली पुलिस में नियुक्त हुए थे। उनकी शादी छह साल पहले जीनू के साथ हुई थी और उनका साढ़े चार साल का बेटा यक्षित है।
परिवार का इकलौता सहारा था संदीप
Constable Sandeep संदीप की दो बहनें हैं, जिनमें से एक रेनू की शादी की जा चुकी है जबकि छोटी बेटी मीनू अविवाहित है। वह अक्सर कहता था कि अपनी छोटी बहन की शादी धूमधाम से करेगा। तीन दिन पहले छुट्टी पूरी करके वह वापस ड्यूटी पर गया था। परिवार में सब खुश थे। कॉन्स्टेबल संदीप शनिवार रात को दिल्ली में नांगलोई पुलिस स्टेशन के क्षेत्र में ड्यूटी पर तैनात थे।
वहीं, लापरवाही से वैगनआर चलाते देखकर उन्होंने चालक की तरफ गाड़ी को धीमा करने का इशारा किया। चालक ने वैगनआर की गति को बढ़ाकर उनकी बाइक को टक्कर मारी और उन्हें बाइक के साथ घसीटते हुए दूर तक ले गया। संदीप की मौत हो गई। दिल्ली पुलिस ने गांव में इस बारे में सूचना दी। ग्रामीणों ने उनके पिता रमेश व अन्य स्वजन को उनका शव गांव पहुंचने तक घटना के बारे में नहीं बताया।
रविवार दोपहर बाद लगभग साढ़े चार बजे जब पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी तिरंगे में लिपटे संदीप के शव को लेकर गांव पहुंचे तो मातम पसर गया। ग्रामीणों ने कहा कि उन्हें अपने लाडले के बलिदान पर गर्व है। दूसरी तरफ पिता रमेश व मां अनीता ने कहा कि उनका तो सब कुछ ही छीन गया। संदीप का अपनी बहन की शादी धूमधाम से करने का सपना अधूरा रह गया।
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