Move to Jagran APP

कोरोना से जंग हारा दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर, बहादुरी के लिए मिला था पुलिस मेडल

Delhi Coronavirus News Update संजीव यादव पिछले 14 दिनों से वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रहे थे लेकिन मौत को मात देने में नाकाम रहे।

By JP YadavEdited By: Updated: Wed, 01 Jul 2020 10:12 AM (IST)
Hero Image
कोरोना से जंग हारा दिल्ली पुलिस का इंस्पेक्टर, बहादुरी के लिए मिला था पुलिस मेडल

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। Delhi Coronavirus News Update: कोरोना वायरस संक्रमण की चपेट में आए दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के इंस्पेक्टर संजीव कुमार यादव ने मंगलवार रात को दुनिया को अलविदा कह दिया। वह पिछले 14 दिनों से वेंटिलेटर पर जिंदगी की जंग लड़ रहे थे, लेकिन कोरोना से लड़ाई के दौरान मौत को मात देने में नाकाम रहे।

मिली जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को उन्होंने दक्षिण दिल्ली स्थित साकेत के मैक्स अस्पताल में अंतिम सांस ली। 16 जून को पहले वह पूर्वी दिल्ली के राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती हुए थे। तबीयत ज्यादा खराब होने पर 17 जून को मैक्स अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां पर उनका इलाज चल रहा था। मैक्स अस्पताल में भर्ती संजीव यादव की तबीयत ज्यादा खराब होने पर उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया था। वह पिछले 14 दिनों से वेंटिलेटर पर थे और इस दौरान 2 बार प्लाज्मा थेरेपी भी दी गई, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

बताया जा रहा है कि उन्हें बचाने के लइए एक दवा और इंजेक्शन अमेरिका से भी लाकर दिया गया था। इसके लिए बाकायदा विशेष अनुमति भी ली गई थी। बावजूद ने दुनिया को अलविदा कह दिया।

दिल्ली पुलिस के जांबाज जवानों में शुमार संजीव यादव को  इसी साल 26 जनवरी 2020 को उन्हें पुलिस मेडल फॉर गैलेंट्री अवॉर्ड भी दिया गया था।

मिली जानकारी के मुताबिक, 8- 9 साल पहले आइटीओ पर ही दिल्ली के सबसे बड़े कार लुटेरे मनोज बक्कड़ वाला को पकड़ने के दौरान संजीव यादव को चोट लग गई थी, जिससे ये काफी समय तक मेडिकल पर भी रहे थे।

1996 बैच के इंस्पेक्टर संजीव मूलरूप से उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले के पास औरंगाबाद के रहने वाले थे। यूपी पुलिस के ऑफिसर की बेटी से संजीव की शादी हुई थी। इसके ससुर डिप्टी एसपी रह चुके हैं। नरेला में कैश वैन लूट का केस सुलझाने के लिए इसी साल जनवरी में संजीव को पुलिस मेडल मिला था।

 
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।