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Delhi Liquor Scam: भ्रष्टाचार के मामले में के. कविता की मुश्किलें बढ़ीं, कोर्ट ने न्यायिक हिरासत 18 जुलाई तक बढ़ाई

राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को कविता की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद 18 जुलाई तक उसकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी। कविता की न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद सीबीआई ने उन्हें विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया था। सीबीआई ने अदालत से कविता की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की थी।

By Ritika Mishra Edited By: Sonu Suman Published: Fri, 05 Jul 2024 07:22 PM (IST)Updated: Fri, 05 Jul 2024 07:22 PM (IST)
दिल्ली की अदालत ने भ्रष्टाचार के मामले में के. कविता की न्यायिक हिरासत 18 जुलाई तक बढ़ाई।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। आबकारी घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद बीआरएस नेता के. कविता की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को कविता की न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद 18 जुलाई तक उसकी न्यायिक हिरासत बढ़ा दी।

कविता की न्यायिक हिरासत अवधि समाप्त होने के बाद सीबीआई ने उन्हें विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश किया था। सीबीआई ने अदालत से कविता की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग की। वहीं, कविता के अधिवक्ता ने सीबीआई के इस आवेदन का विरोध किया।

इससे पहले सीबीआई ने मामले में कविता के खिलाफ अदालत में पूरक आरोपपत्र दायर किया था। अदालत ने आरोपपत्र पर संज्ञान लेना है या नहीं इसके लिए मामले की अगली सुनवाई छह जुलाई को तय की।

सीबीआई ने कविता को अप्रैल में किया था गिरफ्तार

तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को सीबीआई ने अप्रैल में तिहाड़ जेल में गिरफ्तार किया था, जहां उन्हें इसी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की गिरफ्तारी के बाद रखा गया था। ईडी ने कविता को 15 मार्च को हैदराबाद में उनके बंजारा हिल्स स्थित आवास से गिरफ्तार किया था। कविता फिलहाल दोनों मामलों में न्यायिक हिरासत में हैं।

सीबीआई ने जेल में कविता से की थी पूछताछ

सीबीआई अधिकारियों ने इससे पहले विशेष अदालत से अनुमति प्राप्त करने के बाद जेल के अंदर कविता से पूछताछ की थी। कविता से सह-आरोपित बुची बाबू के फोन से बरामद वॉट्सऐप चैट और एक भूमि सौदे से संबंधित दस्तावेज के बारे में पूछताछ की गई, जिसके बाद दिल्ली की आबकारी नीति को शराब व्यापारियों के पक्ष में करने के लिए आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी।

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