बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह पर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है। कोर्ट को बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री मिली है। कोर्ट का कहना है बृजभूषण के खिलाफ प्रत्येक पीड़ित के संबंध में धारा 354 और 354ए के तहत आरोप तय किए गए। बृजभूषण को छठे पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय किया गया है। दिल्ली की कोर्ट ने आईपीसी की धारा 354 और 354 ए के तहत आरोप तय किए हैं।
बृजभूषण पर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का भी आरोप लगाया गया है। कोर्ट को बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री मिली है। कोर्ट का कहना है, ''बृजभूषण के खिलाफ प्रत्येक पीड़ित के संबंध में धारा 354 और 354ए के तहत आरोप तय किए गए।'' अदालत का कहना है कि बृजभूषण को छठे पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया गया।
दिल्ली पुलिस ने दायर किया था आरोप पत्र
दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ मामले में 15 जून 2023 को धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर (हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किया था। पुलिस ने इस मामले में डब्ल्यूएफआई के निलंबित सहायक सचिव विनोद तोमर पर भी आरोप लगाया था।
सरकारी वकील की प्रतिक्रिया
बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश पर सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा, "आज कोर्ट ने आरोप तय करने के बिंदु पर अपना फैसला सुनाया है। बृजभूषण शरण सिंह को 354ए, 506 आईपीसी के अपराध के लिए आरोपित करने का आदेश दिया गया है, जबकि सह-अभियुक्त विनोद तोमर को 506 के अपराध के लिए आरोपित करने का आदेश दिया गया है।"
कब क्या-क्या हुआ
- 18 जनवरी, 2023 को महिला पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया समेत करीब 30 पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष के खिलाफ जंतर मंतर पर धरने पर बैठे थे। पहलवानों ने कुश्ती संघ के अध्यक्ष पर यौन शोषण समेत कई गंभीर आरोप लगाए थे।
- 21 जनवरी, 2023: खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था।- 23 जनवरी, 2023: मंत्रालय की ओर से पहलवानों के आरोपों की जांच के लिए मैरी काम की अगुवाई में एक जांच समिति का गठन किया गया था। जांच समिति ने पांच अप्रैल को रिपोर्ट सौंपी थी।- 21 अप्रैल, 2023 : एक नाबालिग समेत सात महिला पहलवानों ने दिल्ली पुलिस के पास यौन शोषण की शिकायत की थी, लेकिन मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई। इसके बाद 23 अप्रैल को पहलवान फिर से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए।
- 25 अप्रैल, 2023: पहलवानों ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने दो दिन में दिल्ली पुलिस को जवाब दाखिल करने को कहा था। 28 अप्रैल को पुलिस ने बताया कि वह बृजभूषण शरण के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करेगी।- पांच मई. 2023: पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पाक्सो एक्ट समेत दो प्राथमिकी दर्ज की थी और महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए थे।
- 11 मई, 2023: दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण शरण सिंह के बयान दर्ज किए।- 15 जून 2023: पुलिस ने ब्रजभूषण के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया। उनके खिलाफ धारा 354, 354-A, 354-D और 506 के तहत आरोप लगाए।- 18 जुलाई, 2023: बृजभूषण को अंतरिम जमानत मिली।- 11 अगस्त, 2023: दिल्ली पुलिस ने अदालत को बताया कि बृजभूषण के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सुबूत हैं। प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
23 सितंबर, 2023: दिल्ली पुलिस ने अदालत में दलील दी कि बृजभूषण को जब भी मौका मिलता वो महिला पहलवानों की लज्जा भंग करने की कोशिश करते- सात अक्टूबर 2023: बृजभूषण ने कहा, यौन उत्पीड़न के आरोप झूठे, ओलिंपिक में क्वालिफाई नहीं करने पर की शिकायत।- 30 अक्टूबर, 2023: बृजभूषण ने अदालत के क्षेत्राधिकार पर सवाल उठाया।- छह जनवरी, 2024: दिल्ली पुलिस ने अदालत से बृजभूषण के खिलाफ आरोप तय करने का अनुरोध किया।
- 23 जनवरी, 2024: महिला पहलवानों ने ओवर साइट कमेटी की रिपोर्ट पर सवाल उठाए। कहा, पाश अधिनियम के तहत नहीं बनी थी कमेटी।- 20 फरवरी, 2024: बृजभूषण ने अदालत से कहा कि ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट पाश अधिनियम के तहत, रिपोर्ट भरोसे लायक।- 18 अप्रैल, 2024: बृजभूषण ने अदालत में आवेदन दायर कर मामले में आगे की जांच की मांग की। कहा, कि घटना की तारीख सात सितंबर 2022 को वो विदेश में थे।
- 26 अप्रैल,2024 : बृजभूषण ने अदालत से मामले की आगे की जांच की मांग करते हुए बृजभूषण द्वारा दायर एक आवेदन को खारिज कर दिया।
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