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Delhi Riots Case: अदालत ने व्यक्ति को जिंदा जलाने के मामले में छह के खिलाफ आरोप किए तय, दी सख्त चेतावनी

Delhi Riots Case अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) पुलस्त्य प्रमाचला आरोपी अमन विक्रम राहुल शर्मा रवि शर्मा दिनेश शर्मा और रणजीत राणा के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रहे थे जिन पर 25 फरवरी 2020 को शाहबाज को जिंदा जलाने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है। ये घटना मुख्य खजूरी पुस्ता रोड की है। अदालत ने उन्हें चेतावनी भी दी।

By AgencyEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Sun, 09 Jul 2023 03:58 PM (IST)
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अदालत ने व्यक्ति को जिंदा जलाने के मामले में छह के खिलाफ आरोप किए तय।
नई दिल्ली, पीटीआई। दिल्ली की एक अदालत ने 2020 के पूर्वी दिल्ली दंगों के दौरान एक व्यक्ति पर कथित रूप से बेरहमी से हमला करने और उसे जिंदा जलाने के मामले में छह लोगों के खिलाफ आरोप तय किये हैं।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) पुलस्त्य प्रमाचला आरोपी अमन, विक्रम, राहुल शर्मा, रवि शर्मा, दिनेश शर्मा और रणजीत राणा के खिलाफ एक मामले की सुनवाई कर रहे थे, जिन पर 25 फरवरी, 2020 को शाहबाज को जिंदा जलाने वाली दंगाई भीड़ का हिस्सा होने का आरोप है। ये घटना मुख्य खजूरी पुस्ता रोड की है।

एएसजे प्रमाचला ने अपने आदेश में कहा

मुझे लगता है कि सभी आरोपी व्यक्ति आईपीसी की धारा 120 बी के साथ धारा 147 (दंगा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 302 (हत्या) 341 (गलत तरीके से रोकना) और 395 (डकैती) के तहत दंडनीय अपराधों के लिए उत्तरदायी हैं।

अदालत ने दी सख्त चेतावनी

न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास और भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के अपराधों के लिए भी मुकदमे का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि अमन पर आईपीसी की धारा 412 के तहत अपराध का आरोप लगाया जाना चाहिए।

न्यायाधीश ने कहा कि इस स्तर पर आरोप तय करने के उद्देश्य से गंभीर संदेह भी आरोपी व्यक्तियों पर उनके खिलाफ लगाए गए संबंधित आरोपों के लिए मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त है और परीक्षण के दौरान सार्वजनिक गवाहों के बयानों की सत्यता और विश्वसनीयता का परीक्षण किया जाएगा।

'जानबूझकर भीड़ में हुए थे शामिल'

अदालत ने कहा कि गवाहों के बयानों से पता चलता है कि आरोपी व्यक्ति भीड़ का हिस्सा थे, जो पहले 24 फरवरी, 2020 को इकट्ठा हुए थे और अगले दिन दंगा की योजना बनाई थी। उन्होंने कहा कि आरोपी व्यक्ति इस योजना के बारे में जानते हुए भी इस भीड़ में शामिल हुए थे।

अदालत ने कहा कि भीड़ का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति और संपत्ति को नुकसान पहुंचाना और विभिन्न लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना था।

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